MP Guna : जिंदा जलाई गई आदिवासी महिला हारी जिंदगी की जंग, अस्पताल में तोड़ा दम

MP Guna : जिंदा जलाई गई आदिवासी महिला हारी जिंदगी की जंग, अस्पताल में तोड़ा दम

MP Guna : जिंदा जलाई गई आदिवासी महिला हारी जिंदगी की जंग, अस्पताल में तोड़ा दम

MP Guna जिले में भूमि विवाद को लेकर कथित तौर पर जिंदा जलाई गई 45 वर्षीय आदिवासी महिला

(MP Guna )मध्य प्रदेश के गुना जिले में भूमि विवाद को लेकर कथित तौर पर जिंदा जलाई गई 45 वर्षीय आदिवासी महिला ने छह दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद शुक्रवार को भोपाल के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया।

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रामप्यारी बाई नाम की इस महिला पर MP Guna जिले के बमोरी पुलिस थानांतर्गत धनोरिया गांव में दो जुलाई को दो महिलाओं सहित पांच लोगों ने कथित तौर पर डीजल डालकर आग लगा दी थी,

जिससे वह करीब 80 प्रतिशत झुलस गई थी और उसका इलाज भोपाल के सरकारी हमीदिया अस्पताल में चल रहा MP Guna गुना जिलाधिकारी फ्रैंक नोबल ने बताया,

‘रामप्यारी की शुक्रवार को एक अस्पताल में मौत हो गयी है। उसकी मौत के बाद इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 भी बढ़ा दी गयी है।’

The family of the deceased will get financial assistance of eight lakhs

नोबल ने कहा कि साथ ही पहले जो चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता उसके परिवार को स्वीकृत की गई थी, उसे बढ़ाकर अब आठ लाख रुपये कर दिया गया है।

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नोबल ने बताया कि इसके अलावा, उसके शव को भोपाल से गुना लाने की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा कराई जा रही है।

Extended Section 302

वहीं, MP Guna के पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि रामप्यारी को जलाने के मामले में प्रताप धाकड़ (35), श्याम धाकड़ (35), हनुमत धाकड़ (25), अवंती बाई (50) और

सुदामा बाई (35) को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि

MP Guna : जिंदा जलाई गई आदिवासी महिला हारी जिंदगी की जंग, अस्पताल में तोड़ा दम
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आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

questions on police

आपको बता दें कि मृतका सहरिया जनजाति की थी, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

रामप्यारी के पति अर्जुन सहरिया ने कहा, ‘प्रताप, श्याम और हनुमंत मुझे लगातार धमकी दे रहे थे। उन्होंने इस साल फरवरी में हम पर हमला भी किया था।’

सहरिया ने कहा कि उन्होंने मई में तीनों के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत भी दर्ज कराई थी।

उन्होंने कहा, ’23 जून को मैं जिले के एसपी से भी मिला, सुरक्षा की मांग की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मेरी पत्नी को जिंदा जला दिया गया।

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