(Moody’s Investors Services) साल-दो साल में घट सकती है अडानी की धन जुटाने की क्षमता

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(Moody’s Investors Services) कर्ज का दबाव नहीं : मूडीज

 

(Moody’s Investors Services) नयी दिल्ली । वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने अडानी समूह को लेकर किसी तत्काल चिंता से मुक्त बयान में कहा कि बंदरगाह , विशेष आर्थिक क्षेत्र, ग्रीन एनर्जी और बिजली पारेषण जैसे विनियमित क्षेत्रों के कारोबार में लगी समूह की कंपनियों से संबंधित उसकी रेटिंग इन कंपनियों के दीर्ध कालिक व्यावसायिक अनुबंधों, तथा मजबूत नकदी प्रावह एवं बाजारों की स्थिति से जुड़ी है।

(Moody’s Investors Services) मूडीज ने एक बयान में कहा है कि अडानी समूह पर 2024-25 से पहले किसी बड़े कर्ज की देनदारी नहीं खड़ी होने वाली है पर अमेरिकी मंदडिया कंपनी की रिपोर्ट के बाद उसके शेयरों में मची उठापटक से उसकी विस्तार परियोजनाओं के लिए योजनानुसार कर्ज जुटाना आने वाले एक-दो साल में कठिन हो सकता है। पर मूडीज ने यह भी जोड़ा है कि ‘‘वह समझती है कि समूह क्षमता विस्तार के काम को आगे के लिए टालने की स्थिति में भी है।’’

(Moody’s Investors Services)  अडानी समूह के बारे में अमेरिकी मंदडिया कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की प्रतिकूल रिपोर्ट से शेयर बाजार में अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में उथल पुथल के बीच मूडीज द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है,‘अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, और अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के लिए मूडी की रेटिंग उनके विनियमित बुनियादी ढाँचे के कारोबार के दीर्घावधि बिक्री अनुबंधों, या उनके मजबूत परिचालन नकदी प्रवाह और बाजार में उनकी प्रभावकारी स्थिति से जुड़ी है।

मूडीज ने कहा है कि अडानी समूह की कंपनियों का बाजार भाव तेजी से टूटने के बाद हमारा तत्काल ध्यान मुख्य रूप से सूह की उन कंपनियों की समग्र वित्तीय शक्ति का आकलन करने पर है जिनकी वित्तीय साख की वह रेटिंग करती है। इसमें उनकी तरलता की स्थिति और कर्ज चुकाने के लिए वित्तपोषण तथा कारोबार में विस्तार की इस समय चल रही पहलों के लिए धन की सुविधा का आकलन शामिल है।

मूडीज ने कहा है कि , जो भी है, इन प्रतिकूल घटनाओं से अगले 1-2 वर्षों में पहले से तय पूंजीगत व्यय के कार्यों और परिपच् हो रहे कर्जोँ के लिए कर्ज जुटोन की समूह की झमता कम होने के आसार हैं।
मूडीज ने हालांकि यह भी कहा है कि अडाणी समूह चाहते तो पूंजीगत व्यय को टाल भी सकता है।

बयान में कहा गया है,हम मानते हैं कि पूंजीगत व्यय टाले जा सकतें हैं तथा जिन कंपनियों की हम साख निर्धारित करते हैं उन कोई बांड वित्त वर्ष 2024-25 से पहले परिपच् नहीं हो रहा है।’’
अडानी समूह के बारे में इसी तरह की रिपोर्ट आज फिच रेटिंग ने भी जारी की है।

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