राजकुमार मल
Sawan : दूध, दही और घी की कीमत में तेजी की आशंका
Sawan : भाटापारा– उत्पादन में 30 फ़ीसदी गिरावट के बाद दूध की निकल रही मांग कैसे पूरी की जा सकेगी ?
चिंता यह भी है कि पर्व और त्यौहार का सीजन चालू हो चुका है, जो दीपावली तक चलेगा। इस बीच दूध का उत्पादन कैसे बढ़ाया जाए क्योंकि तमाम प्रयास असफल हो रहे हैं।
आज से सावन का महीना चालू हो चुका है। हर सोमवार शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना होगी।
दूध, दही और घी, इस पूजा में अहम हैं। लिहाजा मांग का दबाव सीधे डेयरियों पर पड़ने लगा है।
Sawan : एडवांस डिमांड घरों से आने लगीं हैं तो मंदिरों से भी मांग आ रही है।
मांग के अनुपात में उपलब्धता की जैसी मात्रा का होना बताया जा रहा है, वह चिंता की बड़ी वजह बन रही है।
कीमत बढ़ाने का विचार त्यागा जा चुका है क्योंकि कुछ ही दिन पहले ही यह काम किया जा चुका है।
Sawan : घट रहा उत्पादन इसलिए
Sawan : बारिश, धूप और उमस। यह मक्खी और मच्छरों के लिए मुफीद मौसम है।
प्रजनन काल चालू है। इसलिए आबादी भी बढ़ रही है। दिन में मक्खियां और रात में मच्छरों की वजह से मवेशियों को आराम का समय नहीं मिल रहा है।
Sawan : यह सीधे-सीधे उत्पादन पर प्रतिकूल असर डाल रहा है।
लिहाजा खंड क्षेत्र में प्रतिदिन 7000 लीटर दुग्ध का ही उत्पादन हो पा रहा है, जबकि मांग 10000 लीटर प्रतिदिन की है।

Sawan :सीजन चालू
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सावन के साथ ही पर्व-त्यौहारों के दिन चालू हो चुके हैं। यह दीपावली तक बना रहेगा और दूध की मांग भी बनी रहेगी।
ऐसी स्थितियों में होटल, रेस्टोरेंट, स्वीट कॉर्नर और घरेलू उपभोक्ताओं की मांग दोगुनी होने की संभावना है।
लेकिन ताजा परिस्थितियों को देखते हुए डेयरियां संकट में हैं क्योंकि उपाय की सारी कोशिश फेल हो रही है। रही-सही कसर पशु आहार की बढ़ रही कीमत पूरा कर रही है। हरा चारा की उपलब्धतता भी कमजोर ही है।
एक नजर कीमत पर
पर्व और त्यौहार। मांग और आपूर्ति। तालमेल बिठाकर चलने के प्रयास के बीच दूध 40 से 50 रुपए लीटर पर पहुंच चुका है। सावन में शिवालयों में पूजा होनी है, इसलिए दही की खरीदी 60 से 90 रुपए प्रति किलो पर करनी होगी। शुद्ध घी 1000 से 1200 रुपए किलो पर खरीदा जा सकेगा। जैसे आसार बन रहे हैं, उसे देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि इनकी कीमतों में और तेजी आ सकती है।