2022 (Micronutrients) बायो कैप्सूल बढ़ाएगा सूक्ष्म पोषक तत्व, रखेगा मिट्टी को तंदुरुस्त

(Micronutrients)

राजकुमार मल

(Micronutrients) भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान की नजर अब छत्तीसगढ़ पर

Bio Capsule
बायो कैप्सूल

(Micronutrients) भाटापारा- बायो कैप्सूल। यह उस जैव उर्वरक तकनीक का नाम है जो परंपरागत खाद की जगह लेने जा रहा है। 10 राज्यों में मिली स्वीकार्यता के बाद भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान की नजर अब छत्तीसगढ़ पर है, जहां इसके विस्तार की अपार संभावना है।

(Micronutrients) उर्वरक की तमाम तरह की किस्मों के बीच भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान द्वारा बनाया गया बायो कैप्सूल बहुत जल्द अपने छत्तीसगढ़ के किसानों के बीच पहुंचने जा रहा है।

हरी खाद, गोबर खाद और मिट्टी की खाद हमेशा से अपने प्रदेश के किसानों की पसंद रही है लेकिन नए दौर में इन सबके लिए समय, जगह और पूंजी बड़ी समस्या बन रही है।

(Micronutrients) विकल्प के रूप में रासायनिक उर्वरक हैं तो सही लेकिन समय पर उपलब्धता नहीं होने से किसान सही विकल्प की तलाश में हैं। ऐसे में बायो कैप्सूल की मदद से काफी राहत की उम्मीद है।

जानिए बायो कैप्सूल को

भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित बायो कैप्सूल, ट्राइकोडर्मा,स्युडोमोनास और बेसिलस जैसे लाभकारी सूक्ष्म पोषक तत्वों का चुनिंदा संयोजन करता है। मात्र 1 ग्राम वजन वाले एक बायो कैप्सूल की मदद से 100 से 200 लीटर पानी की मात्रा को जैव उर्वरक का रूप दिया जा सकता है। परिवहन और भंडारण में भी यह बेहद आसान है।

यह राज्य सबसे पहले

नया जैव उर्वरक बायो कैप्सूल का उपयोग केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के किसान कर रहे हैं। इसके साथ उत्तर भारत के दीगर राज्यों के किसान भी रुझान दिखा रहे हैं क्योंकि बेहतर परिणाम देने वाला बायो कैप्सूल परिवहन, भंडारण और उपयोग करने में बेहद आसान है। इसे फसलों के बीच की अवधि में भी सुरक्षित रखा जा सकता है।

इन फसलों के लिए उत्तम

बायो कैप्सूल को मसाला फसलों की खेती में सबसे बेहतर परिणाम देने वाला माना गया है। फल और सब्जी की फसलों में भी उपयोग से उत्पादन में वृद्धि ने किसानों को अपनी ओर आकर्षित किया है। भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान ने अपने प्रदर्शन क्षेत्र में सफल परिणाम मिलने के बाद धान की फसलों के लिए भी सही बताया है।

पर्यावरण हितैषी

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अनुसंधान में बायो कैप्सूल को सूक्ष्म पोषक तत्वों में वृद्धि का मजबूत सहायक माना गया है, तो उच्च पोषक तत्वों को भी बढ़ाने में मददगार माना है। हरित प्रौद्योगिकी से बने यह कैप्सूल पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं। इसके अलावा मिट्टी के सभी महत्वपूर्ण सूक्ष्म जीवों का जीवन काल और आबादी की बढ़ोतरी करने में बायो कैप्सूल सक्षम है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि यह कीट रोधी गुण भी मिट्टी को प्रदान करता है।

क्रांतिकारी तकनीक

जैविक कृषि के क्षेत्र में यह एक क्रांतिकारी तकनीक है l बायो -कैप्सूल पादप वृद्धि नियामक जीवाणु के भंडारण तथा पौधों में आसान उपलब्धता की सरल एवं विश्वसनीय तकनीक है l इस कैप्सूल में सक्रिय सूक्ष्मजीव होते हैं जो कि पौधों की जड़ की वृद्धि में लाभकारी प्रभाव डालते हैं l

– अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट, फॉरेस्ट्री, टीसीबी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर

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