(Mahatma Gandhi Rural Industrial Park) गांधी जयंती के अवसर पर ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना‘ की शुरुआत

(Mahatma Gandhi Rural Industrial Park)

(Mahatma Gandhi Rural Industrial Park) गांधी जयंती के अवसर पर ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना‘ की शुरुआत

(Mahatma Gandhi Rural Industrial Park) दंतेवाड़ा ! गांधी जयंती के अवसर पर ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना‘ की शुरुआत की है। इस योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करना है। सरकार द्वारा अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनायी जा रही है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखायी देने लगे हैं, और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।

(Mahatma Gandhi Rural Industrial Park) ऐसी ही कहानी है दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत भैरमबंद में संचालित गौठान एवं मल्टी एक्टिविटी सेंटर की। जहां रीपा के माध्यम से गौठान में औद्योगिक इकाई स्थापित कर ग्रामीणों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इस मल्टी एक्टिविटी सेंटर में मुर्गी पालन, केंचुआ खाद, बाड़ी, मशरूम उत्पादन यूनिट स्थापित किया गया है।

जिला प्रशासन द्वारा इन समूह की महिलाओं एवं पुरुषों को इसके लिए दूसरे जिलों एवं राज्यों में भेजकर प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत ये समूह के सदस्य बखूबी अपने काम को अंजाम देकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

(Mahatma Gandhi Rural Industrial Park) जिला प्रशासन ने नवाचार करते हुए भैरमबंद मल्टी एक्टिविटी सेंटर में गोबर पेंट यूनिट स्थापित किया गया है, जिसकी जिम्मेदारी गौठान में काम करने वाले समूह मां दंतेश्वरी प्राकृतिक पेंट उत्पादक समूह को दी गयी है।

(Mahatma Gandhi Rural Industrial Park) इस समूह के अध्यक्ष  श्यामलाल यादव बताते है कि समूह से जुड़ने से पहले वे अपने पुश्तैनी जमीन लगभग 8 एकड़ में खेती-किसानी का काम करते थे, जिससे उन्हें उतनी आय नहीं हो पाती थी, जितनी की आशा रखते थे। कक्षा 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त कर चुके श्यामलाल गांव के गौठान एवं मल्टी एक्टिविटी सेंटर से जुड़ते हुए अपनी रूचि के कार्य गोबर पेंट बनाने की कला को सीखने की इच्छा जताई। चूंकि श्यामलाल पढ़ा-लिखा समझदार युवक था !

समूह के सदस्यों ने उसे राजस्थान के जयपुर और चारामा में गोबर पेंट बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त करने भेजा। प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे श्यामलाल ने अब भैरमबंद मल्टी एक्टिविटी सेंटर में ही गोबर पेंट बनाने का प्रयोग शुरू किया।शुरूआत में कुछ दिक्कतें आयी फिर साथियों की मदद से सब ठीक हो गया। श्यामलाल अब प्रतिदिन लगभग 500 लीटर गोबर पेंट तैयार कर रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक उनके समूह द्वारा 1300 लीटर से ज्यादा का गोबर पेंट तैयार कर लिया गया है।

श्यामलाल ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा भी उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध करायी जा रही है। जिसके लिए सरकारी विभागों से मांग पत्र भी प्राप्त हो रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक समूह के द्वारा लगभग 50 लीटर गोबर पेंट का विक्रय किया जा चुका है !

जिसके एवज में उन्हें लगभग 10 हजार रूपये की आय हुई है। श्यामलाल ने कहा कि गोबर पेंट की एंटी बैक्टीरीया, एंटी फंगल, इको फ्रेंडली, नेचुरल थर्मल इंसुलेटर, कॉस्ट इफेक्टिव, फ्री फ्राम हेवी मेटल, नॉन आक्सीस, और आर्डर लेस गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए आने वाले दिनों में भारी मांग की संभावना है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमारे समूह के सभी सदस्य पूरी तरह तैयार है और आने वाले दिनों में ऐसा लगता है कि दंतेवाड़ा जिले की सभी दीवारें गोबर पेंट से ही रंगी जायेंगी !

जिसके लिए श्यामलाल प्रदेश के मुख्यमंत्री को रीपा जैसी योजना प्रारंभ करने एवं इस योजना के क्रियान्वयन में सहायता देने के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद देते है। श्यामलाल आज अपने गांवों के अन्य युवाओं को भी स्वरोजगार की ओर अग्रसर होने प्रेरित कर रहे हैं।

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