Madras High Court मौत की शिकार फुटबॉल खिलाड़ी प्रिया की सर्जरी में लापरवाही के चलते दो डॉक्टरों की जमानत खारिज

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Madras High Court फुटबॉलर की मौत के मामले में दो डॉक्टरों की जमानत खारिज

Madras High Court चेन्नई !  मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मेडिकल लापरवाही के चलते मौत की शिकार फुटबॉल खिलाड़ी प्रिया की सर्जरी में शामिल दो डॉक्टरों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।


यायमूर्ति ए डी जगदीश चंदिरा ने डॉ. ए. पॉल राम शंकर और डॉ. के. सोमसुंदर की जमानत याचिकाएं इस आधार पर खारिज कर दी कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है।


Madras High Court जब याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि वे उन्हें कई तरह की धमकियां मिल रही थीं और आशंका व्यक्त की जा रही थी कि क्या वे आत्मसमर्पण करने के लिए जाना चाहते हैं, इस पर न्यायालय ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया।


Madras High Court न्यायमूर्ति चंदिरा ने डॉक्टरों से सरेंडर करने को कहा और सरकार को निर्देश दिया कि वह उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएं।


न्यायालय ने बाद में मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।


डाॅक्टरों ने अपनी दलीलों में कहा कि उन्होंने पहले भी कई सर्जरी किए हैं जिनमें अधिकांश मरीज ठीक भी हुए हैं। इसबीच सर्जरी के दौरान प्रिया की हुई मौत दुर्भाग्यपूर्ण है।

Madras High Court  उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि वे मेडिकल समिति के सामने पेश होना चाहते हैं इसलिए जमानत पर रिहाई की मांग की। डॉक्टरों ने भी उन्हें जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया। उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने और अदालतों की शर्ताें का पालन करने का भी आश्वासन दिया।


Madras High Court मंगलवार को प्रिया की मौत के बाद चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) ने एक जांच पैनल का गठन किया जिसने पुष्टि की कि प्रिया के इलाज में लापरवाही बरती गयी।

Madras High Court कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर डीएमई डॉ. आर शांतिमलार ने पेरियार नगर स्थित सरकार पेरिफेरल अस्पताल में आर्थोपेडिक्स के सहायक प्रोफेसर डा. पॉल राम शंकर और उसी अस्पताल के कैजुअल्टी मेडिकल अधिकारी डा.सोमसुंदर को निलंबित कर दिया गया।


डॉ. पॉल का तबादला कर दिया गया और उन्हें गवर्नमेंट थूथुकुडी मेडिकल कॉलेज में ऑर्थोपेडिक्स में सीनियर रेजिडेंट के रूप में नियुक्त किया गया और डॉ. सोमसुंदर को गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल, विरुधुनगर में कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के रूप में तैनात किया गया।


Madras High Court गौरतलब है कि क्वीन मैरी कॉलेज की छात्रा और फुटबॉल खिलाड़ी प्रिया को लिगामेंट टियर के लिए एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। उसके दाहिनी ओर के घुटने का सात नवंबर को एक आर्थ्रोस्कोपिक लिगामेंट रिपेयर प्रक्रिया हुई।

Madras High Court  चिकित्सकीय लापरवाही के कारण उसे जटिलताएं हो गई और उसका दाहिना पैर काट दिया गया था। बाद में, उसे राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया जहां 15 नवंबर को कई अंगों के काम करना बंद कर देने के कारण उसकी मृत्यु हो गई।


तमिलनाडु सरकार ने माना कि चिकित्सकीय लापरवाही के कारण मौत हुई और दोनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया।


पुलिस ने शुरू में अप्राकृतिक मौत (आईपीसी की धारा 174) का मामला दर्ज किया था और बाद में इसे धारा 304-ए के तहत लापरवाही के कारण मृत्यु के रूप में बदल दिया। दाेनों डॉक्टर फरार हैं और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।


मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को प्रिया के घर जाकर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की, उनके माता-पिता और भाइयों को सांत्वना दी और परिवार को 10 लाख रुपये का चेक सौंपा।

उन्होंने प्रिया के बड़े भाई को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में डेटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में नियुक्त करने और गौतमपुरम में तमिलनाडु अर्बन हैबिटेट डेवलपमेंट बोर्ड के आवास में एक घर आवंटित करने का आदेश भी दिया।

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