Lord jagannath : महाप्रभु जगन्नाथ कर रहें कक्ष में विश्राम ,सात को निकलेगी रथयात्रा

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Lord jagannath : महाप्रभु जगन्नाथ कर रहें कक्ष में विश्राम ,सात को निकलेगी रथयात्रा

Lord jagannath : बिलासपुर। रेलवे परिक्षेत्र में प्रसाद ग्रहण करने पहुंच रहे भक्त रेलवे परिक्षेत्र के श्रीश्री जगन्नाथ मंदिर में विराजमान जगन्नाथ महाप्रभु की लीला अनुपम व अनूठी है। देव पूर्णिमा के अवसर पर भगवान श्रीश्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को पुरोहितों द्वारा 108 कलश जल और 64 प्रकार की जड़ी-बूटियों से महास्नान कराया गया था।

परंपरा के अनुसार, महाप्रभु जगन्नाथ इसके बाद बीमार हो गए और अणसार कक्ष में विश्राम के लिए चले गए। इस अवधि के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए गए हैं, जिससे भक्तगण भगवान के दर्शन नहीं कर पाएंगे। यहां गुप्त अनुष्ठान के साथ 64 औषधीय जड़ी-बूटियों से सेवकों द्वारा इलाज किया जा रहा है।

 

मंदिर के पुजारी गोविंद पाढ़ी समेत अन्य पुरोहितों ने बताया कि पवित्र त्रिदेवों की फुलुरी तेल सेवा मान्यता के अनुसार, यह विशेष अनुष्ठान भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों को स्नान यात्रा के दौरान अत्यधिक स्नान के कारण हुए बुखार से मुक्ति दिलाने के लिए किया जाता है। मंदिर के सचिव एस. बेहरा ने बताया कि ज्वर के दौरान शरीर में काफी दर्द रहता है। यह तेल दर्द को कम करने में सबसे कारगर सिद्ध माना जाता है।

Lord jagannath : ओड़िशा में सदियों पुरानी प्रथा

 

Lord jagannath : बताया गया कि फुलुरी तेल उपचार की यह सदियों पुरानी प्रथा है। ऐसा कहा जाता है कि यह 1000 से अधिक साल से गुप्त अनुष्ठान का हिस्सा है। ओड़िशा से इसे विशेष रूप से हर साल मंगाया जाता है। परंपरा के अनुसार इसे कई सुगंधित फूलों जैसे केतकी, मल्लि, बौला और चंपा, जड़ों, चंदन पाउडर, कपूर, चावल, अनाज और जड़ी-बूटियों के साथ तेल को मिलाकर तैयार किया जाता है। फुलुरी तेल बनाने के लिए शुद्ध तिल का तेल, बेना की जड़ें, चमेली, जुई, मल्ली जैसे सुगंधित फूल और चंदन पाउडर समेत 24 सामग्रियों का उपयोग किया जाता है।

Lord jagannath : सात को निकलेगी रथयात्रा

 

Lord jagannath : इस साल रथयात्रा का आयोजन सात जुलाई को होगा। रथ प्रतिष्ठा छह जुलाई को की जाएगी। इसी दिन भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर पुनः खोला जाएगा। भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र के साथ रथयात्रा पर निकलेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे।

रथयात्रा रेलवे क्षेत्र के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर तितली चौक, रेलवे स्टेशन, तारबाहर, गांधी चौक, तोरवा थाना काली मंदिर होते हुए गुडिचा मंदिर पहुंचेगी। नौ दिनों तक भगवान गुंडिचा मंदिर में रहेंगे, जहां विभित्र धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 15 जुलाई को बहुणा यात्रा के साथ भगवान वापस मंदिर लौटेंगे।

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