Lifestyle Children बच्चों में विकसित करें पैसों के बचत की आदत, अपनाए ये तरीके

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पैसे की अहमियत का पता होना बहुत जरूरी

Lifestyle Children बच्चों को सही दिशा देने की शुरुआत बचपन से ही कर दी जाती हैं क्योंकि कहते हैं बचपन से ही बच्चों में जो आदत डाली जाती है उसके परिणाम बड़े होते बच्चों में अपने आप दिखने लगते हैं। ऐसा ही जिंदगी का एक सबक हैं पैसों की बचत जो आदत बचपन में ही विकसित हो जानी चाहिए।

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Lifestyle Children हमें बचपन से बच्चे को फिजूल खर्च और बचत में अंतर बताना चाहिए। पैसे की अहमियत का पता होना बहुत जरूरी हैं अन्यथा लापरवाही उनके भविष्य को बिगाड़ सकती हैं। आप उन्हें थोड़ी जानकारी देंगे और बचत के बारे में समझाएंगे तो आने वाले समय में उनके लिए यह एक बेहतर समय लाएगा।

आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह बच्चों में बचपन से ही पैसों के बचत की आदत विकसित की जाए। आइये जानते हैं इनके बारे में…

Lifestyle Children जरूरत और चाहत में अंतर बताए

बच्चों को पैसों की बचत की वैल्यू बताने का पहला स्टेप है कि आप उन्हें जरूरत और चाहत के बीच फर्क करने में मदद करें। उसे बताएं कि खाने, घर, कपड़े, सेहत और पढ़ाई, ये सब उसकी मूलभूत जरूरते हैं और मूवी की टिकट, चॉकलेट, साइकिल या स्मार्टफोन उसकी चाहत है। आप एक लिस्ट बनाकर उसे दिखाएं कि किस तरह पहले जरूरत और फिर चाहत को पूरा करने पर पैसे खर्च करने हैं।

Lifestyle Children गुल्लक लाकर दें

बच्चों में बचपन से बचत की आदत डालने का सबसे अच्छा तरीका है गुल्लक या पिगी बैंक। आप अपने बच्चे को उसके पसंदीदा कार्टून करैक्टर का गुल्लक खरीद कर गिफ्ट कर सकते हैं और उसे समझा सकते हैं कि मेहमानों, दादा, दादी, नानी, नाना या फिर आपकी तरफ से जो जेब खर्च उन्हें मिलता है, उसका कुछ हिस्सा गुल्लक में डालें। गुल्लक में पैसे इक_ा करने की आदत उनकी बचत करने की आदत बन सकती है।

Lifestyle Children मेहनत करना बताएं

किसी भी बच्चे को ये शायद ही पता हो कि पैसा कमाना कितना मुश्किल और मेहनत भरा काम होता है। तो बच्चे को पैसों का मोल समझाने के लिए जरूरी है कि उसे यह बताएं कि पैसा कितनी मेहनत से कमाया जा रहा है।

इसके लिए आपको बच्चे को कहीं बाहर नहीं भेजना है बल्कि उससे घर के ही कुछ काम करवाएं और उसके बदले में उसे कुछ पैसे दें। इससे बच्चे को समझ आएगा कि पैसा किस तरह मेहनत कर के कमाया जाता है और उसकी कितनी अहमियत है।

जगाएं सेविंग इंट्रेस्ट

हर बैंक सेविंग पर कुछ न कुछ इंट्रेस्ट देता है। ऐसे में माता-पिता भी बच्चों के पिगी बैंक में जमा पैसों पर अपनी तरफ से कुछ इंट्रेस्ट दे सकते है। ऐसा करने से बच्चों को पैसे की कीमत समझ आएगी।

हिसाब से दें पॉकेट मनी

बच्चे को हमेशा हिसाब से ही पॉकेट मनी दें। अगर आप उन्हें ज्यादा पॉकेट मनी देते हैं, तो इससे उनमें फिजूलखर्च की आदत पड़ सकती है। जब आप हिसाब से पॉकेट मनी देंगे, तो बच्चा बचत करना सीखेगा।

कोई गोल बनाएं

बच्चों को बस इतना कह दिया जाता है कि उन्हें सेविंग करनी है जबकि ये नहीं समझाया जाता कि उन्हें ये सेविंग क्यों करनी है। अगर आप बच्चे को बचत करने का कारण बताएंगे और उसके लिए कोई सेविंग गोल तैयार करेंगे, तो इससे बच्चे को मोटिवेशन मिलेगी। अपने सेविंग गोल को पूरा करने में आप उसकी मदद भी करें।

प्राथमिकता तय करना सिखाएं

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बच्चे को छोटी सी उम्र से ही ये बताएं कि हम जो चाहते हैं, वो सब कुछ खरीदा नहीं जा सकता है। कभी-कभी हमें अपनी जरूरतों और जरूरी चीजों में चुनाव करना पड़ता है, प्राथमिकताएं तय करनी पड़ती हैं।

गलतियों से भी सिखाएं

जब बच्चों के हाथ में पैसे होते हैं तो उन्हें खर्च करने को लेकर वो कुछ गलतियां भी कर बैठते हैं। आपको इन्हीं गलतियों का फायदा उठाना है। उसे बताएं कि कैसे और कहां खर्च कर के उसने गलती है की है और अब उसे किस तरह उस गलती को करने से बचना है। इसमें आप उसकी मदद करें और उसे सही रास्ता दिखाएं।

वित्तीय निर्णय में बच्चों की भी साझेदारी

यदि आप अपने घर में कोई कीमती सामान मंगवा रहे हैं या शॉपिंग पर जा रहे हैं तो उस दौरान आप अपने बच्चों से भी उनकी राय पूछ सकते हैं। ऐसे में ना केवल बच्चे वित्तीय निर्णय के प्रति जागरूक बनेंगे बल्कि वह भविष्य में खुद भी बेहद सोच समझकर खर्च करेंगे।

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