Legal Literacy Camp विधिक साक्षरता शिविर का किया गया आयोजन

Legal Literacy Camp

Legal Literacy Camp महिलाएं अपनी अधिकार के लिए शिक्षा को दे महत्व और समाज को भी प्रोत्साहित करें- जीके नीलम

Legal Literacy Camp

Legal Literacy Camp भानुप्रतापपुर। जनपद पंचायत के सभाकक्ष में 18 सितंबर को विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें स्व सहायता समूह के महिलाओं को कानूनी जानकारी दी गई।

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Legal Literacy Camp अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीके नीलम ने कहा विधिक साक्षरता का मुख्य उद्देश्य भारतीय संविधान के प्रमुख कानूनों के बारे में जानना जिस प्रकार परिवार में परिवार चलाने के लिए कुछ नियम कानून बनाए जाते हैं, उसी प्रकार देश चलाने के लिए भी कानून का प्रावधान होता है।

Legal Literacy Camp सरकार राज्य में रहने वाले नागरिक को जो आर्थिक निर्बलता के चलते न्याय पाने में वंचित हो सकते हैं ऐसे लोगों को भी सुलभ न्यायालय दिलाने का जिम्मा राज्य सरकार का होता है। न्यायाधीश जीके नीलम ने कहा हमारे समाज के विकास के लिए शिक्षा सबसे बड़ा साधन है जिससे किसी भी मंजिल तक पहुंच सकते हैं।

Legal Literacy Camp जिस प्रकार हमारे देश के राष्ट्रपति  द्रोपति मुर्मू वहां तक पहुंचे हैं। इसका मुख्य कारण शिक्षा ही है। समूह की महिलाओं को कहा कि आप जिस समूह में हैं उस क्षेत्र के लोगों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को पढ़ाएं लड़का-लड़की में भेदभाव ना करें, महिलाएं घर को स्वर्ग भी बना सकती है और नर्क भी।

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Legal Literacy Camp यह सब महिलाओं के हाथ में होता है अपने परिवार में जो भी है उसे संभाल सकते हैं। आप सब अपने अंदर की शेरनी को जगाएं और बड़ा सोचे सकारात्मक सोचे। तो हर कार्य हो जाएगा। टोनही प्रताड़ना को लेकर भी जानकारी दी और कहा कि इसे सामान्यता न लें इसे आर्थिक दंड के साथ-साथ सजा भी हो सकती है ।

इस विधिक साक्षरता शिविर में जो भी आपने यहां सुना है आप समूह के माध्यम से संकल्प लें कि वह अपने घर, परिवार के साथ साथ पड़ोसी, गांव, समाज में इसकी जानकारी जरूर दें। ताकि इसका लाभ सभी को मिल सके।

न्याययिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आनंद बोरकर ने कहा वर्तमान में महिला सशक्तिकरण के बारे में आप सब ने लगातार सुन रहे हैं इसका उद्देश्य है कि महिलाएं अपने अधिकारों के बारे में जाने। 10 साल पहले जिस प्रकार से महिलाओं के प्रति प्रताड़ना होता था, पति के द्वारा मारपीट किया जाता था, अधिकारों का हनन होता था।

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सब को जानना कि उनके अधिकार क्या है, जिससे महिलाओ का सशक्तिकरण होगा। श्री बोरकर ने कहा कानून में तलाकशुदा, विधवा हो जो ससुराल हो या मायके से भरण-पोषण के लिए अधिकारी है। धारा 498 भादवि में कोई भी पति नातेदार महिला को दहेज के नाम से प्रताड़ित करता है।

इसके खिलाफ नजदीकी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। पुलिस रिपोर्ट न लिखे तो इसकी लिखित या मौखिक शिकायत जिले के पुलिस अधीक्षक से भी कर सकते हैं जिससे मामले दर्ज होंगे और इसकी जांच होगी।
नाबालिक बच्चे से वाहन चलाते समय कोई दुर्घटना हो जाती है और कोई व्यक्ति की मृत्यु होती है तो इसका खामियाजा वाहन मालिक को भोगना पड़ता है, उन्हें मृतक की क्षतिपूर्ति भी जमा करना होता है।

वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्र कुमार कटझरे में राजस्व मामले के नामांतरण, बंटवारा, वसीयत व गोदनामा के बारे में विस्तार से जानकारी दी । अधिवक्ता निखिल सिंह ठाकुर ने अपराधिक मामले में इस प्रकार से कार्रवाई होती है इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी । वही अधिवक्ता होरीलाल यदु ने मेंटेनेंस व आबकारी अधिनियम के बारे में महिलाओं को विस्तार से जानकारी दी ।

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Legal Literacy Camp विधिक साक्षरता शिविर का किया गया आयोजन

इस मौके पर जनपद पंचायत के समूह प्रभारी आरएस भास्कर, केवटी, भानबेड़ा, हाटकर्रा, कन्हारगांव के महिलाएं उपस्थित थे।

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