भुवनेश्वर प्रसाद साहू
Land fraud सन् 2019 में छल पूर्वक एक किसान की जमीन को दूसरे किसान के नाम पर पटवारी रिकॉर्ड
Land fraud कसडोल। बलौदाबाजार जिला , राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है ! पटवारी अपने आप को जिलाधीश से कम नहीं समझते ? तभी तो किसी भी किसान की जमीन को , किसी भी किसान के नाम पर स्थानांतरित कर दे रहे हैं , के नाम चढ़ा दे रहे हैं ऋण पुस्तिका में ! और पटवारी पर कार्यवाही शून्य है क्योंकि कार्यवाहीकर्ता अधिकारी तहसीलदार , एसडीएम तक पटवारी की पहुंच है !
Land fraud बलौदाबाजार के पूर्व जिलाधीश सुनील जैन के पास कसडोल के किसान भुवनेश्वर प्रसाद साहू द्वारा ऋषिकेश मिश्रा ( पूर्व में कसडोल पटवारी अब मोहतरा ) के खिलाफ लिखित शिकायत किया गया है कि मेरी पैतृक भूमि 670 / 2 को सन् 2019 में किसी अन्य किसान के नाम पर चढ़ा दिया गया है ! जिसकी जांच करने के लिए पूर्व जिलाधीश सुनील जैन ने कसडोल एसडीएम को आदेशित किया था ! कसडोल एसडीएम ने अतिरिक्त नायब तहसीलदार राधेलाल वर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया ! किसान भुवनेश्वर प्रसाद साहू ने जमीन खरीदी के स्टांप पेपर जो चालीस वर्ष पुराना है , जांच अधिकारी को प्रस्तुत किया !
मौका मुआयना ( पूर्व कसडोल पटवारी अब मोहतरा ) ऋषिकेश मिश्रा द्वारा किया गया , आजू बाजू वाले खेत के किसानों के बयान लिए गए ! जिसके नाम पर जमीन को चढ़ा दिया गया है उस किसान के भी बयान लिए गए ! बयान में उस किसान ने स्वीकार भी किया है कि खसरा नं़670/2 जमीन को मेरे पिताजी स्व.रामरतन पटेल द्वारा भुवनेश्वर प्रसाद साहू के पिताजी स्वर्गीय शिवराम साहू को 40 वर्ष पूर्व बेच दिया गया है !
खसरा नं.670/2 पर 40 वर्षों से कब्जा स्वर्गीय शिवराम साहू और अब उनके वारिसान भुवनेश्वर प्रसाद साहू का है !
पटवारी द्वारा तहसीलदार को प्रकरण बनाकर प्रस्तुत किया जा चुका है , फिर भी अभी तक जमीन भुवनेश्वर प्रसाद साहू के नाम पर वापस नहीं चढ़ाई गई है , पटवारी रिकॉर्ड और आनलाईन कम्प्य़ूटर में !
भ्रष्टाचार की जननी है राजस्व विभाग!
इसीलिए लोग कहते हैं भ्रष्टाचार की प्रथम जननी , राजस्व विभाग है और इसमें काम करने वाले कर्मचारियों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है !
घूस दो और काम करवाओ , इनका मूल मंत्र है ! चपरासी से लेकर उच्च अधिकारी तक !
आज तक किसी भी पटवारी पर , उसके लापरवाही पूर्वक कार्य के लिए कभी भी कोई दंड नहीं दिया गया है ! पटवारी मजे से बैठकर अपने कार्यालय में आराम फरमाता है और किसान सबूत पेश करने के लिए रुपया खर्चा करता है ! गलती पटवारी करता है और भुगतता किसान है ! फिर भी राजस्व विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं खुलती है , जब तक कोई गंभीर घटना , घटित ना जाए !
अब इसे क्या कहेंगे
बलौदाबाजार जिला में किसी भी पटवारी का ट्रैक रिकॉर्ड खराब ही मिलेगा ! किसानों से दुर्व्यवहार करना , रुपए वसूलना ! फिर भी आज तक किसी भी पटवारी को निलंबित नहीं किया गया है ( यह अलग बात है कि अधिकारी के नाराज होने पर पटवारी को निलंबित कर दिया जाता है पर किसी किसान के विरूध्द किए गए कार्य के लिए , आज तक किसी भी पटवारी को निलंबित नहीं किया गया है ) और ना ही उसका ट्रांसफर दूरदराज में किया जाता है !
बलौदाबाजार जिला में किसी भी पटवारी का ट्रांसफर , उसके वर्तमान पटवारी हल्का नंबर से 2 किलोमीटर या 4 किलोमीटर के दायरे में ही किया जाता है और कुछ महीने बाद उसी पटवारी को पुनः वही हल्का नंबर दे दिया जाता है ! जैसा कि अब तक ( पूर्व कसडोल पटवारी अब मोहतरा ) ऋषि मिश्रा के लिए किया जाता रहा है !