Kal Bhairav ​​Jayanti Today 2022 : काल भैरव जयंती आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

Kal Bhairav ​​Jayanti Today 2022 : काल भैरव जयंती आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

Kal Bhairav ​​Jayanti Today 2022 : काल भैरव जयंती आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

Kal Bhairav ​​Jayanti Today 2022 : हिंदू धर्म में काल भैरव जयंती का विशेष महत्व है और कई जगहों पर इसे कालाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। काल भैरव भगवान शिव के एक उग्र अवतार हैं और उनकी पूजा करने से मनुष्य अकाल मृत्यु से कभी नहीं डरता।

Kal Bhairav ​​Jayanti Today 2022 : काल भैरव जयंती आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, दूर होगा अकाल मृत्यु का भय
Kal Bhairav ​​Jayanti Today 2022 : काल भैरव जयंती आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

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Kal Bhairav ​​Jayanti Today 2022 : इसे कालाष्टमी भी कहा जाता है और इसलिए इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार आज 16 नवंबर को मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है और इस दिन काल भैरव जयंती या कालाष्टमी की पूजा की जाती है.  जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

काल भैरव जयंती 2022 शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में मान्यता है कि कोई भी पूजा या कर्म अगर शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उसका अधिक फल मिलता है। आज यानी काल भैरव जयंती के दिन ब्रह्म योग और अमृत काल के बीच बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है।

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इस दिन शाम 5 बजकर 12 मिनट से शाम 6 बजकर 59 मिनट तक अमृत काल रहेगा और यह पूजा के लिए बेहद शुभ है।

Kal Bhairav ​​Jayanti Today 2022 : काल भैरव जयंती आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, दूर होगा अकाल मृत्यु का भय
Kal Bhairav ​​Jayanti Today 2022 : काल भैरव जयंती आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

काल भैरव पूजा विधि

काल भैरव जयंती के दिन बाबा भैरव नाथ के साथ मां दुर्गा की भी पूजा की जाती है। यह पूजा अष्टमी तिथि से एक दिन पहले सप्तमी तिथि से शुरू होती है। सप्तमी तिथि की मध्य रात्रि के बाद कालरात्रि देवी की पूजा की जाती है।

फिर काल भैरव जयंती के दिन काल भैरव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में काल भैरव को भगवान शिव के रूद्र अवतारों में से एक माना जाता है।

कालाष्टमी तिथि पर काल भैरव सहित भगवान शिव की पूजा करना भी अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है। इस दिन रात्रि में जागरण किया जाता है और भगवान की पूजा की जाती है। कालाष्टमी के दिन व्रत करने वाले पूरे दिन फलाहार करते हैं

और अगले दिन व्रत तोड़ते हैं। कहा जाता है कि कालाष्टमी का व्रत करने से जातकों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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