Jheeram incident : झीरम घटना को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष का बड़ा बयान, देखिये VIdeo

Jheeram incident झीरम बयानबाजी..

Jheeram incident बिलासपुर !   पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने झीरम घटना को लेकर सीएम भूपेश बघेल और घोटालों को लेकर कांग्रेस नेता नंदकुमार साय पर निशाना साधा है। कौशिक ने कहा कि, जिस समय झीरम की घटना हुई उस समय राज्य में बीजेपी और केन्द्र में यूपीए की सरकार थी।

तब यूपीए सरकार ने इसके जांच के लिए एनआईए का गठन किया और राज्य में रमन सिंह की सरकार ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग का गठन किया। इसमें संपूर्ण जांच एनआईए और राज्य में मिश्रा कमेटी के द्वारा की गई। दोनों में कांग्रेस के जो नेता है, सभी को अधिकार था, जो उस घटना को देखे हैं घटना के बारे में जानते हैं, अपना साक्ष्य प्रस्तुत करें।

घटना के सबसे प्रबल साक्ष्य थे कवासी लखमा उस समय विधायक थे, जो विधायक होने के नाते वहां टीम में शामिल थे। पूरी घटना उनके सामने हुई, उनके लिए मोटरसाइकिल तैयार रखा गया, मोटरसाइकिल से वह गायब हो गए। मुख्यमंत्री से विपक्ष पूछना चाहती है, जो अभी कैबिनेट के मंत्री हैं, क्या लखमा का एनआईए और मिश्रा कमेटी में बयान हुआ है।

अगर नहीं हुआ है तो क्या मुख्यमंत्री इसका कारण बताएंगे कि उनका बयान क्यों नहीं हुआ, जो सबसे बडे़ चश्मदीद गवाह थे। आगे उन्होंने कहा कि, भूपेश बघेल हमेशा कहते रहे कि मेरे जेब में साक्ष्य है। जब उनके जेब में साक्ष्य है तो पौने 5 साल हो गए मुख्यमंत्री बने हुए वो साक्ष्य निकल क्यों नहीं रहा है।

क्या वह साक्ष्य देने के लिए के एनआईए या मिश्रा कमेटी में गए। यदि वह साक्ष्य देने के लिए नहीं गए तो साक्ष्य को दबाकर क्यों रखे हैं ये बड़ा सवाल है। कौशिक ने कहा कि, घटना से संबंधित हर जानकारी, आयोग ने जो रिपोर्ट प्रस्तुत किया सार्वजनिक होना चाहिए। मुख्यमंत्री हमेशा कहते थे पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाएंगे, क्या पौने पांच साल का कार्यकाल उस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए काफी नहीं है।

आज भी पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला है। हम चाहते हैं पीड़ित परिवार को न्याय मिले, लेकिन इन्होंने एसआईटी का गठन उस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए नहीं बल्कि अपनी राजनीति के लिए किया। भूपेश बघेल को उन परिवार से कोई मतलब नहीं है कोई सहानुभूति नहीं है बल्कि उसमें राजनीति करना चाहते हैं, इसलिए यह बार-बार ऐसा बयान दे रहे हैं। अगर सहानुभूति होता तो कवासी लखमा का बयान कराते, चश्मदीद का बयान नहीं कराना साफ बता रहा है कि घटना में कुछ छुपाया जा रहा है।

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आगे उन्होंने नंदकुमार साय पर पलटवार करते हुए कहा कि, नंदकुमार साय पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे है। अलग-अलग पदों पर पार्टी ने उन्हें स्थान दिया है। लेकिन अब उनका कांग्रेस प्रवेश हो गया। ऐसे में अब उनकी मजबूरी है भूपेश बघेल अब जो बोलेंगे उसे उन्हें बोलना पड़ेगा, अब वह वही बोलते रहेंगे। अब उनकी मजबूरियां हैं, इससे पहले वे कांग्रेस की पोल खोल रहे थे। अब उनको याद आ रहा है भारतीय जनता पार्टी। इस याद में रात को उनको नींद भी नहीं आ रहा है। अब भाजपा छोड़ कर चले गए हैं, ऐसे में जो भूपेश बघेल चाहेंगे जो कांग्रेस चाहेगी नंद कुमार साय के मुंह से वही निकलेगा।

बाइट:धरमलाल कौशिक (पूर्व नेता प्रतिपक्ष)

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