Jharkhand breaking ईडी की नोटिस से चढ़ गया झारखंड का सियासी पारा

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Jharkhand breaking हेमंत को भेजे गए समन को जेएमएम कार्यकर्त्ताओं ने केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बताया

Jharkhand breaking रांची ! झारखंड में अवैध खनन से जुड़े मामले में प्रवर्त्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजे जाने के बाद झारखंड का सियासी पारा चढ़ गया है।

Jharkhand breaking सोरेन को भेजे गए समन को जेएमएम कार्यकर्त्ताओं ने केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग और राजनीतिक विद्वेष की भावना से प्रेरित बताया। जेएमएम की ओर से इसके खिलाफ गुरुवार को आक्रोश रैली भी आयोजित की गई। जिसे मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने भी संबोधित किया। उन्होंने आदिवासियों से अपील की है कि आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने का काम करें।

Jharkhand breaking केंद्रीय एजेंसियों की मदद से सरकार को अस्थिर करने की कोशिश मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित झारखंड सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वे ईडी और सीबीआई से नहीं डरते है।

Jharkhand breaking सोरेन ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अभी तक कुछ नहीं किया है, जब झारखंडी अपनी चीजों पर उतरेगा, तो उन्हें छिपने का मौका नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री ने प्रवर्त्तन निदेशालय के अधिककारियों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि ईडी समन नहीं भेजे, गिरफ्तार कर दिखाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कोई गुनाह नहीं किया है।

ईडी की ओर से मुख्यमंत्री  सोरेन को समन भेजे जाने के खिलाफ जेएमएम कार्यकर्त्ताओं में नाराजगी दिखी। राज्य के विभिन्न हिस्सों से जेएमएम कार्यकर्त्ता बिना किसी बुलावे या कार्यक्रम रांची के मोरहाबादी मैदान पहुंचे। मोरहाबादी में ईडी के खिलाफ नारेबाजी करने के बाद कार्यकर्त्ता जुलूस की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे,जहां यह जुलूस आक्रोश रैली में तब्दील में हो गई। जेएमएम कार्यकर्त्ता ‘आदिवासी मुख्यमंत्री को बदनाम करना बंद करो’ के नारे लगा रहे थे।

Jharkhand breaking मुख्यमंत्री  सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से समन जारी किए जाने पर सत्ता पक्ष पूरी तरह से एकजुट दिख रहा है। गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर हुई यूपीए की बैठक में कांग्रेस और राजद ने झामुमो के साथ सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि सरकार को स्थिर करने की यह साजिश है। यूपीए की ओर से 5 नवंबर को ईडी की इस कार्रवाई के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन का निर्णय लिया गया है।

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