Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध…पढ़िये पूरी खबर

Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध...पढ़िये पूरी खबर

Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध…पढ़िये पूरी खबर

 

Jashpur Special : Jashpur। जनजातिय बाहुल्य जशपुर जिले में प्रकृति की पूजा का कई अनोखी परम्परा प्रचलित है। इनमें से एक नाग पंचमी में सजने वाला नागराज का अनोखा दरबार।

Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध...पढ़िये पूरी खबर
Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध…पढ़िये पूरी खबर

इस दरबार में नागदेव का मानव और नदी के रूप में पूजा की जाती है। इस पवित्र स्थल से जिले की दो महत्वपूर्ण बांकी और श्री नदी का उद्गम हुआ है।

Also read  :Congress : जुबेदा बेगम के नेतृत्व में वार्ड अध्यक्षों की नियुक्ति पर कांग्रेस पार्टी के महिला विंग ने दी बहुत -बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं

मान्यता है कि यह दोनों नदी,बांकी और श्री नाम भाई बहन के स्नेह का प्रतिक है। मान्यता के अनुसार,बांकी और श्री,सौतेली मां की प्रताड़ना से पीड़ित थी। एक दिन भूख से व्याकुल हो कर दोनों ने अंजाने में खेत से सांप के अंडे को खा लिया और वे सांप के रूप में परिवर्तित हो गए।

Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध...पढ़िये पूरी खबर
Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध…पढ़िये पूरी खबर

नागरूप धारण करने के बाद भाई श्री नदी के रूप में कुनकुरी की ओर और बहन बांकी जशपुर शहर की ओर चले गए। इस मान्यता के अनुरूप ही सिटोंगा में खेतों के बीच नागदेव का एक मंदिर स्थापित किया है।

Also read  :https://jandhara24.com/news/109581/japan-and-america-will-cooperate-to-maintain-peace-in-the-taiwan-strait

यहां,नागपंचमी के दिन,जिले भर से लोग पूजा के लिए जुटते हैं। मान्यता है कि आज के दिन नागदेव,भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। यहां,नागदेव के भक्तों के शरीर में आने की मान्यता भी प्रचलित है।

Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध...पढ़िये पूरी खबर
Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध…पढ़िये पूरी खबर

यहां नाग के रूप में मानव को झूमते,फुंफकारते और दूध पीते हुए,दर्शन करने का अलौकिक दृश्य भी आप देख सकते हैं। नागदेव के जलाभिषेक के लिए,मंदिर के बगल में स्थित एक छोटे से कुंड के जल का उपयोग किया जाता है।

इस कुंड से ही दोनों नदी का उदगम हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि ये दोनों ही नदियां,जिले की प्रमुख नदिया है।

बांकी नदी को जशपुर शहर की जीवन रेखा कहा जाता है। शहर की भूमिगत जल स्तर को बनाएं रखने में और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने में इस नदी का महत्वपूर्ण योगदान है।

Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध...पढ़िये पूरी खबर
Jashpur Special : यहां भक्तों की शरीर में प्रवेश करतें हैं नागदेव,नाग नागिन बन कर झूमने लगते हैं भक्त और पीते हैं दूध…पढ़िये पूरी खबर

जीवनदायनी बांकी नदी को उसका पुरातन गौरव वापस दिलाने के लिए इन दिनों बांकी नदी पुर्नोधार श्रमदान अभियान चलाया जा रहा है। इसमें प्रशासन और आम जन मिल कर,नदी की सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए आर्थिक और श्रमदान कर रहें हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU