Jalil Rizvi, famous theatre artist of Chhattisgarh : सदियों तक याद किए जाएंगे मशहूर रंगकर्मी जलील रिजवी

Jalil Rizvi, famous theatre artist of Chhattisgarh :

Jalil Rizvi, famous theatre artist of Chhattisgarh :  जलील रिजवी की याद में रंग मंदिर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

 

 

 

 

Jalil Rizvi, famous theatre artist of Chhattisgarh : रायपुर। छत्तीसगढ़ के मशहूर रंगकर्मी जलील रिजवी की याद में रविवार को रंग मंदिर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जहां प्रदेश भर के जानेमाने रंग कर्मी, डायरेक्ट, थिएटर आर्टिस्ट और रंग मंच से जुड़े कलाकार उपस्थित होकर जलील रिजवी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

Jalil Rizvi, famous theatre artist of Chhattisgarh : इस मौके पर सभी ने अपनी अपनी संस्मरण भी व्यक्त किया। लोगों ने कहा कि जलील रिजवी एक ऐसे रंग कमी निर्देशक और कलाकार थे जो सभी के लिए एक समान थे उन्होंने कभी भी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। उनका मानना था कि हम सब एक समान है वे पूरी जीवन रंगमंच को समर्पित कर दिया। उन्होंने लगभग 60 साल से अधिक समय रंगमंच को दिया। इस दौरान 30 से अधिक नाटकों का निर्देशन भी किया। उनकी नाटक के प्रति दीवानगी इस बात से झलकती है कि जब वह बीमार थे तब भी वह नाटक के बारे में सोच रहे थे।

 

Jalil Rizvi, famous theatre artist of Chhattisgarh : वरिष्ठ रंगकर्मी और नाट्य निर्देशक राजकमल नायक ने रंगमंच में उनके योगदान पर कहा कि एक सुधीर रंग यात्रा जलील भाई की रही है वो मेरे से सीनियर थे लेकिन उनसे काफी मिलना जुलना भी होता रहा है। हम लोग एक साथ काम भी किया। हमने उनको देखा काम करते हुए देखा है जो एक रंगकर्मी से अपेक्षा की जाती है कि उसमें बहुत गहरी निष्ठा हो अनुशासन हो धैर्य हो, सांगठनिक क्षमता हो, रंग विवेक हो, जुनून हो, जिद हो, यह सब जलील भाई में इफरात थे वे सही मायने में रंग कर्मी थे। उनके पास रंगमंच को लेकर जो किस्से थे वह एक खजाने की तरह थी। यानी कि उनसे बात करने से यह लगता था कि ना जाने उनके पास कितनी सारी कहानियां और कितनी सारी जानकारी है।

इप्टा रायपुर के अध्यक्ष मिन्हाज असद ने कहा कि जलील रिजवी वरिष्ठ रंगकर्मी और रंग निर्देशक के साथ सभी के लिए एक उस्ताद जैसे थे, हम सब लोगों ने उनके निर्देशन में काम किया और बहुत कुछ सीखा। इतने सालों में कितने सारे लोगों ने उनसे तालीम हासिल की और आज नाटक, फिल्मों और सीरियल में काम कर रहे हैं। रायपुर के रंगमंच में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है वह जिस तरीके से कलाकार थे। आज भी वो एक साधारण व्यक्ति और उनके कला के लिए याद किए जाते हैं।

 

वरिष्ठ रंगकर्मी और फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसाइटी के अध्यक्ष सुभाष मिश्र ने कहा कि जलील भाई एक ऐसे रंगकर्मी और निर्देशक थे जो लगातार नाटक के बारे में सोचते थे, उनसे जब भी मुलाकात होती थी नाटक से जुड़े कई चीजे वह बताते थे क्योंकि वह एक प्रयोग धर्मी नाट्य निर्देशक थे वह हमेशा नाटकों के बारे में ही सोचते थे और उससे ही जुड़ी बात करते थे। उन्होंने कहा कि वह अस्सी वर्ष की इस उम्र में भी उनका हौसला देखते बनता है। विश्व रंगमंच दिवस पर 27 मार्च को रायपुर के रंग मंदिर में हुए नाटक कोर्ट मार्शल को देखने रिज़वी साहब मौजूद थे। रिज़वी साहब ने कहा कि महीनों रिहर्सल करते हुए नाटक को तैयार करना और फिर मंचन के लिए उसे दर्शकों तक ले जाना बेहद कठिन काम है।

नाटक के लिए समर्पित है पूरा परिवार

 

Jalil Rizvi, famous theatre artist of Chhattisgarh : पिछले 60 साल से अधिक समय तक रंगमंच की दुनिया में सक्रिय रहे रंगकर्मी, नाट्य निर्देशक जलील रिजवी का विगत दिनों निधन हो गया, लेकिन आज भी वो सभी के दिलों ने जिंदा हैं। 81 वर्षीय जलील रिजवी लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। पिछले दिनों उन्हें राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। रंगकर्मी जलील रिजवी ने अपनी नाट्य संस्था अग्रगामी के जरिए बहुत से नाटकों का मंचन किया है. उनकी पत्नी नूतन भी रंगमंच से जुड़ी हुई हैं। जलील रिजवी को आषाढ़ का एक दिन, तुगलक, थैंक्यू मिस्टर ग्लाड और स्वप्नवासवदत्त, ध्रुव स्वामिनी जैसे लंबे साहित्यिक नाटकों के मंचन के लिए जाना जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जलील रिजवी को 2010 में राज्य अलंकरण सम्मान के तहत चक्रधर सम्मान से सम्मानित किया गया था, जलील रिजवी का यूं जाना रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के रंगमंच के लिए क्षति है।

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उनके द्वारा निर्देशित नाटक एवं इंद्रजीत (बादल सरकार), सूर्य की अंतिम किरण से पहली किरण तक (डॉ. सुरेन्द्र वर्मा), ताम्रपत्र (सांत्वना निगम), एक और द्रोणाचार्य (डॉ. शंकर शेष), अंधा युग (डॉ. धर्मवीर भारती) एवं जंगीराम की हवेली (गुरुशरण सिंह) मेरे द्वारा निर्देशित प्रमुख नाटक रहे।

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