Jagdalpur Olympics क्लब स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु बच्चों युवाओं, महिलाओं सहित बुजुर्गो में दिखा जबर्दस्त उत्साह
Jagdalpur Olympics गिल्ली डंडा, भौंरा, रस्साकसी, खो-खो, फुगड़ी, कबड्डी जैसे पारंपरिक खेलों में खिलाड़ियों ने दिखाए जौहर
Jagdalpur Olympics जगदलपुर ! मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने और लोगों में खेल के प्रति जागरूकता लाने शुरु की गई छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत आज क्लब स्तरीय प्रतियोगिताओं के साथ हो गई।
Jagdalpur Olympics राज्य में आज से प्रारंभ हुए इस प्रतियोगिता के साथ ही जिले के सभी ग्रामीण एवं नगरीय निकायों में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों की शुरूआत की गई। खेलों में भाग लेने के लिए गांव के बच्चों से लेकर बड़ों में जबर्दस्त उत्साह नजर आया। छत्तीसगढ़ी ओलंपिक के माध्यम से गांव-गांव में पारंपरिक खेल जैसे गिल्ली डंडा, दौड़, पिट्ठूल, रस्साकसी, फुगड़ी भौंरा खो-खो सहित अन्य खेलों का आयोजन किया गया।
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की शुरूआत राजीव युवा मितान क्लब स्तर से शुरू हुई है।
Jagdalpur Olympics इसके बाद बाद जोन स्तरीय, फिर विकासखंड, नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इस प्रतियोगिता में आयुवर्ग का बंधन नहीं होने के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में उत्साह देखा गया। यह प्रतियोगिता 6 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 6 जनवरी 2023 तक आयोजित होगी। पुरूषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्पर्धा के साथ ही टीम एवं एकल स्तर पर प्रतियोगिताएं होगी। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में पारम्परिक खेल प्रतियोगिताएं दो श्रेणी में होंगी। इसमें दलीय श्रेणी गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं।
Jagdalpur Olympics वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ एवं लम्बी कूद शामिल है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति व सभ्यता की विशिष्ट पहचान यहां की ग्रामीण परंपराओं और रीति रीवाजों से है, जिनमें पारंपरिक खेलों का भी विशेष महत्व है। इन पारंपरित खेलों को चिरस्थायी रखने एवं आने वाली पीढ़ी को इन खेलों के महत्व को बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई।