International Nurses Day Today 2023 : 12 मई को क्यों मनाते हैं अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस? जानें इतिहास और थीम
International Nurses Day Today 2023 : 12 मई अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को देश, समाज के लिए मानव सेवा के रूप में उनके समर्पण को याद किया जाता हैं। युद्ध, महामारी या फिर प्राकृतिक आपदा के दौरान पीड़ितों के राहत के लिए उनके अतुलनीय और निःस्वार्थ योगदान को याद किया जाता हैं। जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व।
International Nurses Day Today 2023 : पहली बार ‘नर्स दिवस’ को मनाने का प्रस्ताव अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी ‘डोरोथी सदरलैंड’ ने प्रस्तावित किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डी।डी। आइजनहावर ने इसे मनाने की मान्यता प्रदान की। इस दिवस को वर्ष 1953 में पहली बार मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद ने इस दिवस को पहली बार वर्ष 1965 में मनाया।
नर्सिंग पेशे की शुरुआत करने वाली प्रख्यात ‘फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल’ के जन्म दिवस 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने का निर्णय वर्ष 1974 में लिया गया। फ्लोरेंस नाइटेंगल के बारे में कहा जाता हैं, कि वह रात के समय अपने हाथों में लालटेन लेकर अस्पताल का चक्कर लगाया करती थी।
उन दिनों बिजली के उपकरण नहीं थे, फ्लोरेंस को अपने मरीजों की इतनी फिक्र हुआ करती थी कि दिनभर उनकी देखभाल करने के बावजूद रात को भी वह अस्पताल में घूमकर यह देखती थी कि कहीं किसी को उनकी जरूरत तो नहीं है।
उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, बीमारों और दुखियों की सेवा में समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने नर्सिंग के काम को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलवाया। इससे पूर्व नर्सिंग के काम को हिकारत की नजरों से देखा जाता था। सन् 1860 में फ्लोरेंस के अथक प्रयासों का सुखद परिणाम आर्मी मेडिकल स्कूल की स्थापना के रूप में मिला। इसी वर्ष में फ्लोरेंस ने नाइटेंगल ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना
की। इसी साल फ्लोरेंस ने नोट्स ऑन नर्सिंग नाम की पुस्तक का प्रकाशन किया। यह नर्सिंग पाठ्यक्रम के लिए लिखी गई विश्व की पहली पुस्तक है। ‘लेडी बिथ द लैम्प’ के नाम से पहचानी जाने वाली आधुनिक नर्सिंग की जननी ‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल’ की याद में ही यह दिवस मनाया जाता है।