India Jodo Yatra of Congress कॉंग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा

India Jodo Yatra of Congress

अजय दीक्षित

India Jodo Yatra of Congress कॉंग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा

India Jodo Yatra of Congress
India Jodo Yatra of Congress कॉंग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा

India Jodo Yatra of Congress कॉंग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 150 दिनों में 3570 किलोमीटर की दूरी तय कर 12 राज्यों से गुजरेगी महंगाई, बेरोजगारी लडख़ड़ाती अर्थव्यवस्था, साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण नफरत और डर आदि मुद्दों पर फोकस रहेगा । कांग्रेस प्रवक्ता और नेता रूटीन में इन मुद्दों का प्रलाप करते रहते हैं।

https://jandhara24.com/news/114278/bjp-mission-2023-chhattisgarh-will-embark-on-a-new-pattern-regarding-election-preparations-bjp-know-bjp-initiative-campaign-launched/.

India Jodo Yatra of Congress फिर यात्रा का प्रयोजन क्या है? दरअसल हकीकत यह है कि चारों तरफ से पराजित कांग्रेस अपने पुनरोत्थान की ठोस कोशिश करना चाह रही है। कांग्रेस नेता जमीनी स्तर पर आम जनता से मिलेंगे और उनके साथ पार्टी के जुड़ाव का मकसद स्पष्ट करेंगे। लोगों की सुनेंगे और अपनी बात रखेंगे ।

कांग्रेस का जनाधार पुख्ता और विस्तृत करने का भी मानस है। कांग्रेस को यात्रा का कुछ न कुछ राजनीतिक फायदा मिलना चाहिए, यह हमारा शुरुआती आंकलन है। यदि 150 दिनों तक राहुल गांधी और उनके साथ के 118 भारत यात्री तपस्या की तरह पदयात्रा करते रहे, तो लोग गंभीरता से उनकी आवाज़ सुनेंगे ।

India Jodo Yatra of Congress  यात्रा के दौरान राहुल भी ट्रकों पर बनाये गये मेकशिफ्ट कक्ष में ही रहेंगे । किसी होटल या रिसॉर्ट में नहीं जाएंगे और किसी भी रेस्तरां का खाना नहीं खाएंगे । जो आम कार्यकर्ता खाना बनाएंगे, उसे राहुल भी खाएंगे, ऐसा पार्टी के मुख्य प्रवक्ता जयराम रमेश का दावा है। बहरहाल यात्रा से कांग्रेस की स्वीकार्यता कितनी बढ़ेगी अथवा काडर का कितना विस्तार होगा, इनका आकलन तो बाद में ही किया जा सकता है, लेकिन कुछ मुद्दे बुनियादी तौर पर गलत और भ्रामक हैं ।

India Jodo Yatra of Congress
India Jodo Yatra of Congress कॉंग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा

India Jodo Yatra of Congress  कांग्रेस की तरफ से दलीलें दी जा रही हैं कि देश को बचाना है। देश को एकजुट, जोड़ कर रखना है, लिहाजा यह यात्रा निकाली जा रही है । कांग्रेस लोकतंत्र और संविधान को बचाने का शोर भी मचाती रही है। दरअसल सवाल यह है कि देश को क्या हुआ है? देश के अस्तित्व पर क्या संकट हैं? देश कहां से विभाजित और विपन्न है ? देश के लोकतंत्र और संविधान के लिए कौन और कैसे खतरे पैदा कर रहा है? अकेले प्रधानमंत्री मोदी इतने बड़े निरंकुश तानाशाह नहीं हो सकते कि देश पर खतरे की तरह मंडरा सकें ।

India Jodo Yatra of Congress  वह खुद संविधान, न्यायपालिका, कानून की परिधियों से बंधे हैं। यदि मोदी विरोध और उनके प्रति नफरत ही कांग्रेस की राजनीति है, तो यह उनकी रणनीति हो सकती है । अलबत्ता देश बिल्कुल सुरक्षित है। भारत व्यापक विविधताओं का देश है, लेकिन अखण्ड और एकजुट है । हम समझ नहीं पाये कि राजस्थान के कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को किन कारकों आधार पर लगता है कि देश में गृहयुद्ध के हालात बन रहे हैं।

India Jodo Yatra of Congress  हम इन खोखले, भ्रामक और देश-विरोधी कथनों को खारिज करते हैं और देश के लोगों को सचेत रहने की अपील करते हैं ।

राजनीति के इतिहास में इन्दिरा गांधी, चन्द्रशेखर, लालकृष्ण आडवाणी, एनटी रामाराव, राजीव गांधी, राजशेखर रेड्डी, चंद्रबाबू नायडू, जगनमोहन रेड्डी, दिग्विजय सिंह और ममता बनर्जी सरीखे नेताओं की पदयात्राएं देखी गई हैं । उनके अपने-अपने मकसद और अपनी कहानियां थीं उनकी यात्राएं कमोबेश राजनीतिक रूप से कामयाब भी रहीं।

India Jodo Yatra of Congress  लेकिन मौजूदा कांग्रेस और राहुल गांधी के पास कोई कहानी बयां करने और उसे राजनीतिक तौर पर बेचने अथवा स्थानीय लोगों को मानसिक और वैचारिक रूप से प्रभावित करने का कोई ठोस आधार नहीं है । देश की 3-4 कॉरपोरेट कम्पनियां ईस्ट इण्डिया कम्पनी साबित नहीं हो सकतीं। देश में गुलामी के कोई आसार नहीं है। ब्रिटिश हुकूमत के जो अवशेष बचे थे, उन्हें हटाकर तिरंगा फहराया जा रहा है । ऐसे प्रयास लगातार किये जा रहे हैं। सांप्रदायिक दंगे कांग्रेस शासन के कालखण्ड की तुलना में नगण्य हैं । आतंकवाद कमोबेश जम्मू-कश्मीर तक सिमट कर रह गया है और वहां भी उसे लगातार ढेर किया जा रहा है।

Government primary school शासकीय प्राथमिक शाला सड़क पारा कैथा के शिक्षक निलंबित

India Jodo Yatra of Congress  देश में हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन आदि सभी समुदाय मुख्यधारा में समाविष्ट हैं। कोई, किसी से, नफरत नहीं करता। करीब 140 करोड़ की आबादी के देश में कुछ अपवाद हैं, थे और वे हमेशा मौजूद रहेंगे । बेहतर होगा कि कांग्रेस और राहुल गांधी 3-4 राज्यों को चुनें और वहां पार्टी के पुनरोत्थान के लिए रात-दिन एक करें।

उससे देश भी मजबूत होगा और कांग्रेस भी आपस में जुड़ सकेगी । फिलहाल कांग्रेस की स्थिति क्या है, राहुल बखूबी जानते हैं और उसी की चिंता करें। कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए राहुल गांधी को पार्टी को जनता से जोडना चाहिए। आम आदमी के कल्याण के लिए कांग्रेस पार्टी को दृष्टिपत्र का निर्माण करना चाहिए। उसे बेरोजगारी और महंगाई के मसले उठाकर सरकार को घेरना चाहिये ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU