India Game : अब स्कूल में खेल सकेंगे गिल्ली-डंडा, कांचा… ठेठ भारतीय खेल की हो रही तैयारियां
India Game : दिल्ली। गिल्ली-डंडा, पोशम-पा, राजा-मंत्री-चोर-सिपाही, उच-नीचे, सतपु, आइस-पाइस, पिट्ठू गरम आदि। इतना ही नहीं, खो-खो और मार्बल्स, लगभग 75 विशिष्ट ‘भारतीय खेलों’ में शामिल हैं।
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स्कूल के पाठ्यक्रम। योजना पर काम चल रहा है। इसे शिक्षा मंत्रालय की ‘इंडियन नॉलेज सिस्टम’ के तहत लागू किया जाना तय है।
India Game :हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पारंपरिक भारतीय खेलों की सूची में लंगड़ा पैर, पतंगबाजी, जहर-अमृत आदि खेलों को शामिल करने का मसौदा पेश किया है।
महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संथाल जनजाति के खेल ‘संथाल कट्टी’ को भी सूची में स्थान मिला है। दूसरी ओर, मणिपुर के सुदूर उत्तर पूर्वी क्षेत्र का लोकप्रिय खेल ‘उबी लक्की’ भी इसमें शामिल है।
गिल्ली-डंडा या लिप्पा गुजरात के पारंपरिक खेल हैं, सतोलिया / पिट्ठू / लागोर कर्नाटक, कांचा या लखोटी बिहार और खो-खो, गुट्टे और सतपु या नोंडी तमिलनाडु के पारंपरिक खेल हैं।
इसके पीछे विचार यह है कि स्कूली बच्चों को न केवल ठेठ भारतीय खेल खिलाए जाएं, बल्कि स्कूल स्तर पर खेलों को खूब बढ़ावा दिया जाए।
India Game :भारतीय खेलों की जड़ें प्राचीन शास्त्रों तक फैली हुई हैं। गिल्ली-डंडा और मल्ला युद्ध जैसे खेल 5000 साल से भी ज्यादा पुराने बताते हैं। भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) के आयोजकों और विशेषज्ञों का मानना है कि महाभारत में भी कृष्ण, अर्जुन और भीम का गिल्ली-डंडा खेलने का उल्लेख है।