Incarnation of god भगवान का अवतार ही समाज के लिए एक अद्भुत प्रेरणा है
Incarnation of god सक्ती l संसार के समस्त प्राणियों का जन्म होता है अपने कर्मों के कारण , किंतु भगवान अवतार लेते हैं सभी पर दया और करुणा करने के लिए l जब जब इस धरती पर पाप और अधर्म का भार बढ़ता है तब भगवान धर्म की स्थापना और पापों का नाश करने के लिए अवतार लिया करते हैं l
Incarnation of god द्वापर युग में वासुदेव और देवकी के आठवीं संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतार हुआ था , श्रीकृष्ण की लीलाओं में एक तरफ आनंद ही आनंद है तो वहीं दूसरी ओर विद्वानों को भी चकित कर देने वाली लीला और समाज के लिए एक अद्भुत प्रेरणा है !
Incarnation of god यह उद्गार सक्ती नगर के हटरी धर्मशाला मे आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन व्यासपीठ से आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री ने प्रकट किए l
Incarnation of god कथा वाचक आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री ने श्रोताओं को बताया की भगवान को सर्वस्व समर्पण करने पर परमात्मा भी दानदाता कि हमेशा रक्षा करते हैं ,l राजा बलि ने बामन भगवान को अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया तब भगवान उसकी रक्षा करने के लिए पातालपुरी चले गए और राजा बलि के द्वारपाल बन गए l
भगवान श्री नारायण को लेने के लिए लक्ष्मी जी को पातालपुरी जाना पड़ा था अर्थात जहां नारायण रहते हैं लक्ष्मी उनके पीछे पीछे ही चली जाती है , इसलिए गृहस्था में केवल लक्ष्मी की ही पूजा ना हो बल्कि नारायण की भी पूजा-अर्चना होनी ही चाहिए l नवम स्कंध के कथा में आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री द्वारा भगवान श्री राम के अवतार की कथा सुनाई गई !
Incarnation of god उन्होंने बताया कि श्रीराम साक्षात धर्म मर्यादापुरुषोत्तम की मूर्ति के रूप में अवतार लिए थे जिन्होंने मर्यादा पालन करने की शिक्षा सब को प्रदान किया l श्री राम एक तारक नाम है जिनका स्मरण और नाम उच्चारण मात्र से ही भवसागर से पार किया जा सकता है l
चौथे दिन की कथा में सैकड़ो कथा श्रोताओं ने कथा श्रवण का पुण्य लाभ प्राप्त किया l