Holi and Mahashivaratri Festival धूमधाम के साथ मनाया गया अलौकिक होली एवं महाशिवरात्रि महोत्सव

Holi and Mahashivaratri Festival

Holi and Mahashivaratri Festival धूमधाम के साथ मनाया गया अलौकिक होली एवं महाशिवरात्रि महोत्सव

Holi and Mahashivaratri Festival चारामा ! प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एवं आध्यात्मिक केंद्र चारामा जिला कांकेर द्वारा महाशिवरात्रि का महत्व एवं अलौकिक होली मिलन समारोह का आयोजन कर धूमधाम के साथ मनाया गया l कार्यक्रम का शुभारंभ परमपिता परमात्मा शिव की याद में रहकर मेडिटेशन गीत के साथ सर्वोच्च शक्ति शिव को याद किया गया, भगवान शिव से वरदानी शक्ति रुपी किरणें लेकर प्रकृति के 5 तत्व( पृथ्वी , अग्नि,वायु ,जल एवं आकाश) को साकाश दिया गया, और सभी भाई बहनों द्वारा यह कामना किया गया कि सभी तत्व अपनी प्रकृति में रहकर अपने कार्य -व्यवहार का कर्तव्य निभाएं, जिससे इस अखंड विश्व पर पुनः देवी राज्य परिवार की स्थापना हो सके l

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अध्यात्मिक सेवा केंद्र चारामा की संचालिका परम आदरणीय ब्रम्हाकुमारी यूस दीदी ने कहा कि समय के साथ-साथ सृष्टि में परिवर्तन होता है ,सृष्टि सतयुग से प्रारंभ होकर त्रेता, द्वापर , कलयुग से संगम युग में प्रवेश कर गए हैं जो सतयुग आने का संकेत है, इस संगम युग में स्वयं शिव बाबा परमधाम से आकर स्वयं ब्रह्मा के तन में प्रवेश कर मनुष्यों को पतित से पावन बनाकर सतयुग की पुनर्र्स्थापना का कार्य प्रारंभ कर दिया है।

Holi and Mahashivaratri Festival  आध्यात्मिक सेवा एवं सहज राजयोग केंद्र कांकेर,जिला कांकेर की मुख्य प्रशासिका परम आदरणीय ब्रम्हाकुमारी रामा बहन ने अपने उद्बोधन में कहा, कि प्रकृति के सात रंग की भांति भगवान शिव ने हमें– ज्ञान ,पवित्रता ,आनंद, प्रेम, शांति ,शक्ति एवं सुख का रंग हमारे जीवन में भरकर हमें नया जीवन देकर ,मानव मूल्य से अवगत करा रहे है ,इस रंग के लगने से सारा जीवन आनंद, शांति एवं सुखमय हो जाता है।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में नगर पंचायत चारामा अध्यक्ष श्री प्यारे लाल देवांगन ने कहा कि मानव जीवन में कई तरह की भागदौड़ का सामना करना पड़ता है, स्वाभाविक है कि हमारे जीवन में कहीं न कहीं तनाव आ जाता है ,इस अवधि में हमें भगवान शिव को याद कर ,स्मरण कर कोई भी कार्य प्रारंभ करें तो सफलता निश्चित ही नहीं, अपितु सरल एवं सहज रूप से कार्य संपन्न हो जाता है।

हमें घर परिवार एवं समाज की सुख शांति के लिए शिव को सतत एवं अविरल रुप से याद करना चाहिए और उस अदृश्य शक्ति को प्राप्त कर अपने जीवन को संवारे एवं शक्तिशाली बनाए। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में विराजमान डॉ एस आर चंद्राकर( डिप्टी डायरेक्टर पशु एवं चिकित्सा विभाग जिला कांकेर) द्वारा अपने जीवन के अद्भुत रहस्य को अनुभव कर श्रोता के बीच रखा ।

Holi and Mahashivaratri Festival   विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर पंचायत चारामा के प्रतिष्ठित व्यापारी परम आदरणीय श्री देवसाय देवांगन जी ने कहा कि आज मानव उस शेर की बच्चा की तरह है, जो अपने झुंड से बिछुड़ कर भेड़ के दल में शामिल होकर अपने आप को भेड़ का बच्चा समझकर उन्हीं की तरह अनुकरण करता है। ठीक उसी तरह मानव ,जो स्वयं परमपिता परमात्मा की संतान हैं, हम 84 जन्म लेकर अपने कार्य शक्ति एवं व्यवहार को भूल मानकर बैठे हैं, हम फिर से उस परमपिता शिव बाबा से योग लगाकर पुनः अपने शक्ति को प्राप्त कर सकते हैं।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ब्रम्हाकुमारी अघन बहन ,बीके अंजू बहन ,बीके बीआर कश्यप, लोकेश भाई, बीके आजू भाई,विक्रांत भाई, पंचमी बहन ,दुर्गाबहन ,नारद भाई, भरत भाई, युवराजसिह भाई, दादी मां ,विष्णु भाई, तनुजा बहन, माधुवी बहन ,नरेंद्रकंवर भाई, बीके अंजू बहन ,बीके बसंती बहन, बीके हीरालाल साहू, बीके झमित साहू एवं ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय परिवार के भाई-बहन व नगर पंचायत चारामा की नगर वासियों का विशेष सहयोग एवं योगदान रहा।

कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन बीके अजीत राम कंवर द्वारा किया गया उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि जब -जब इस धरती पर अत्याचार , पापाचार, धर्म विकृति, धर्म ग्लानि, एवं धर्म , संकट में होता है ,तब- तब भगवान शिव , ब्रह्मा बाबा के तन में प्रवेश कर आत्मा के गुणों का बोध करा कर ,भाई बहनों को पवित्र से पावन बना कर सतयुगी दुनिया में पदार्पण करवाते हैं। इस कार्यक्रम का सफल संचालन परम सम्माननीय बीके कृपाराम देवांगन द्वारा रोचक ढंग से कार्यक्रम को सफल एवं सहज से प्रस्तुत किया !

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