दिल्ली. सरकार ने इपीफओ को लेकर बड़ा बदलाव जारी किया हैं । अब 6 महीने से कम कंट्रीब्यूट करने वाले सदस्य भी पैसे निकाल सकेंगे. क्योकि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में बदलाव किया है. इस बदलाव से ईपीएस के लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा. दरअसल हर साल लाखों ईपीएस सदस्य पेंशन के लिए आवश्यक 10 साल वाले अंशदायी सेवा से पहले ही योजना छोड़ देते हैं. इसमें 6 महीने के अंदर ही इस योजना को छोड़ने वालों की संख्या ज्यादा है. EPS के तहत जो लोग 10 साल से पहले योजना को छोड़ देते थे, उन्हें विड्रॉल की सुविधा मिलती थी, लेकिन 6 महीने से पहले इस योजना को छोड़ने वाले लोगों को अपने कंट्रीब्यूशन पर विड्रॉल की सुविधा नहीं दी जाती थी.
हालांकि अब इस नियम को बदलते हुए सरकार ने बड़ी राहत दी है. नए संशोधन से हर साल 7 लाख से अधिक ईपीएस सदस्यों को लाभ मिलेगा, जो 6 महीने से कम की अंशदायी सेवा के बाद योजना छोड़ देते हैं.
नियम में भी किया बदलाव
योजना को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ने ईपीएस विवरण में भी संशोधन किया है. अब से विड्रॉल बेनिफिट इस बात पर निर्भर करेगा कि सदस्य ने कितने महीने तक सर्विस किया है और वेतन पर कितना ईपीएस का योगदान किया जाता रहा है. इस नियम से विड्रॉल करने में आसानी होगी. इस बदलाव से 23 लाख से ज्यादा ईपीएस सदस्यों लाभ होगा.
EPS के तहत जो लोग 10 साल से पहले योजना को छोड़ देते थे, उन्हें विड्रॉल की सुविधा मिलती थी, लेकिन 6 महीने से पहले इस योजना को छोड़ने वाले लोगों को अपने कंट्रीब्यूशन पर विड्रॉल की सुविधा नहीं दी जाती थी. हालांकि अब इस नियम को बदलते हुए सरकार ने बड़ी राहत दी है. नए संशोधन से हर साल 7 लाख से अधिक ईपीएस सदस्यों को लाभ मिलेगा, जो 6 महीने से कम की अंशदायी सेवा के बाद योजना छोड़ देते हैं.
नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी दोनों ही ईपीएफ फंड में कर्मचारी की सैलरी में से 12% का समान योगदान करते हैं. हालांकि, कर्मचारी के योगदान का पूरा हिस्सा EPF में और नियोक्ता/ कंपनी के शेयर का 8.33% कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) में और 3.67% हर महीने EPF में जाता है. कम से कम 10 साल की नौकरी पूरा करने के बाद और रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ दिया जाएगा.