(Godavari Power & Steel Limited) गोदावरी पॉवर एण्ड इस्पात लिमिटेड : बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपया कहावत पर सटीक

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(Godavari Power & Steel Limited) शिकायत के 1 साल बाद भी जांच में जाने से कतरा रहे अधिकारी

मामला गोदावरी पॉवर एण्ड इस्पात लिमिटेड रायपुर

(Godavari Power & Steel Limited) भानुप्रतापपुर। कच्चे आरी डोंगरी गोदावरी पॉवर एण्ड इस्पात लिमिटेड रायपुर के द्वारा माइनिंग प्लान के शर्तो पालन नही किया जा रहा है। खनन कम्पनी द्वारा नियम शर्तो को दरकिनार करते हुए काम करते आ रहे हैं।

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(Godavari Power & Steel Limited) नियम व शर्तों का पालन नहीं करने को लेकर एक वर्ष पूर्व शिकायत भी प्रदेश से लेकर जिले के सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को जांच व कार्यवाही किये जाने को लेकर लिखित में शिकायत किया गया है। लेकिन माइंस प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही तो दूर अब तक अधिकारी जांच करने भी नही पहुंच रहे हैं और न ही जांच करना उचित समझ रहे है।

कहते है कि “बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपया” यह कहावत भी यहा पर सटीक बैठता है, माइनिंग क्षेत्र के अनुमति के पूर्व ही उत्खनन कम्पनी के द्वारा माइनिंग को पूरा करना होता है उसी आधार पर उन्हें भू प्रवेश की अनुमति मिलती है।

(Godavari Power & Steel Limited) गोदावरी माइंस 2009 से उत्खनन कार्य कर रही है, लेकिन वर्तमान में कई शर्ते आज भी अधूरे पड़ा हुआ है। वन विभाग के अधिकारियों को शिकायतकर्ता द्वारा जांच व कार्यवाही को लेकर कहा जाता है लेकिन जांच करने की बजाय समय को आगे बढ़ा दिया जाता है। पिछले एक सालों से तारिक पर तारिक बढ़ाया जा रहा है।

शिकायतकर्ता राजेश रंगारी भानुप्रतापपुर ने बताया कि दिसम्बर 2021 को 11 बिंदुओं पर जांच करने के लिए शिकायत प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर, भू प्रबंध अरण्य भवन कार्यालय रायपुर, खनिज संसाधन विभाग सोनाखान रायपुर, मुख्य वन संरक्षक वन वृत कांकेर, डीएफओ पूर्व वन मंडल भानुप्रतापपुर को किया गया हैं।

(Godavari Power & Steel Limited) लेकिन माइंस प्रबंधन का ऊपर तक सेटिंग होने के कारण विभाग जांच में जाने से कतरा रहे हैं। अतिरिक्त शर्तों का पालन भी नहीं किया जा रहा है।

इन बिंदुओं पर किया गया है शिकायत माईनिंग क्षेत्र के चारो ओर सेफ्टीजोन का निर्माण किया जाना था, तत्पश्चात भू प्रवेश की अनुमति दी जानी थी। लेकिन माइनिंग क्षेत्र के कुछ हिस्से में ही सेपटी जोन का निर्माण किया गया है, वहीं कुछ क्षेत्र को छोड़ दिया गया, फिर भी भू प्रवेश की अनुमति देकर शर्तों का दरकिनार करते हुए लगातार – कई वर्षो से खनन् कार्य चालू है सेफ्टी जोन अधूरा होने के संबंध में पूर्व में भी मेरे द्वारा शिकायत प्रस्तुत किया गया था, जिसकी जांच मुख्य वन संरक्षक कांकेर द्वारा कराया गया किन्तु कार्यवाही अभी तक नहीं की गई है।

शर्तों के पालन में सेफ्टीजोन में पौधारोपण किया जाना था, किन्तु कुछ क्षेत्रों में ही मात्र दिखाने के लिए पौधा रोपण किया गया था जो आज की स्थिति में जीवित पौधों की संख्या नगन्य है। यदि समय पर पौधा रोपण किया गया होता तो वो आज लगभग 5 वर्ष से अधिक के हो गये होते।

वर्तमान में सत्यापन किया जा सकता है। लीज क्षेत्र में डी.जी.पी.एस. सर्वे कर स्पष्ट बाउण्ड्री किया जाना था जिस पर कंपनी के द्वारा कुछ पिल्हरों पर डी.जी.पी.एस सर्वे अंकित किया गया है, जिससे प्रतीत होता है कि कंपनी द्वारा क्षेत्र से बाहर अवैध कब्जा किया गया है। जो कुछ स्थलों पर स्पष्ट नजर आ रहा है। जिन स्थलों पर सेफ्टीजोन का निर्माण किया गया है, उस सेफ्टीजोन के उपर माईन्स से निकला मलवा डाला गया है तथा कुछ स्थलों पर तो सेफ्टीजोन पर नाला का निर्माण किया गया है। जिससे सेपटीजोन का अस्तित्व खतरे में है।

 

छत्तीसगढ़ शासन खनिज संसाधन विभाग के पत्र क्र एफ-3-3/2010/2012 दिनांक 10.08.2015 के अनुसार कंडिका 7.2 के कंडिका 2 में खनिज पट्टा क्षेत्र के अंतर्गत आवेदक को वन एवं राजस्व क्षेत्र में उत्पादित वन उपज के अनुमानित मूल्य के आधार पर प्रोप्रेटा राशि प्रत्येक परिवार के वार्षिक आय के अनुसार स्थानीय खनिज क्षेत्र विकास निधि में जमा की जानी है, तत्पश्चात् प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत वृद्धि कर प्रभावित परिवारों को दी जानी होती है, जिसे कंपनी के द्वारा अब तक नहीं दिया जाना देखा गया है।

कंपनी द्वारा अपने क्षेत्र में अलग अलग मार्गों से खनन् लौह अयस्क निकाला जा रहा है, जबकि उन – मार्गो का अनुमति नहीं लिया गया है और न ही कंपनी के द्वारा अपने प्रस्तावित मार्गो पर डी. जी. पी. एस. सर्वे कर अक्षांश देशांश नहीं लिखा गया है, जिससे कम्पनी को कौन सा मार्ग निकासी के लिए – प्रस्तावित किया गया है, स्पष्ट नहीं हैं। कंपनी के द्वारा खनन हेतु जो क्षेत्र आबंटन किया गया है उन क्षेत्र के चारो ओर फेंसिग कर डी जी पी एस सर्वे लिखा जाना था जो नहीं किया गया है। कंपनी के द्वारा खनन के प्रारंभ में अपने क्षेत्र के बाहर राजस्व एवं वन भूमि में मलवा डम्प किया गया है !

(Godavari Power & Steel Limited) जो जांच से स्पष्ट पाया गया था लेकिन आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया है। कंपनी को शासन द्वारा केवल उत्खनन् के लिए शर्तों के आधार पर क्षेत्र लीज पर दिया गया है, किन्तु कंपनी द्वारा लौह अयस्क मे परिवहन हेतु चलने वाली गाड़ियों को डीजल बेचा जा रहा है। कंपनी के लेखा जोखा की जांच करने पर अवैध पंप संचालन होना प्रमाणित हो सकता है। कंपनी के उपर लगाये गये शर्तों एवं अतिरिक्त शर्तों का पालन नहीं किया जाना स्पष्ट प्रतीत हो रहा है जिसे कंडिकावार जांच की जावे। कंपनी के द्वारा प्रस्तावित रोड के अलावा कई अन्य जगहों से रोड का निर्माण किया गया है।

(Godavari Power & Steel Limited) मेसर्स गोदावरी पॉवर एण्ड इस्पात लिमिटेड आरीडोंगरी के उपर शर्तों के पालन नहीं किया जा रहा है, जिसके उपर कड़ी कार्यवाही करते हुए माईन्स खनन कार्य को लेते हुए शर्तों का पालन करवाया जाये, तथा जांच कार्यवाही से शिकायत कर्ता को अवगत कराया जाए।

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