(Godavari Mines) गोदावरी माइंस के शर्तों के पालन नहीं करने के खिलाफ उतरी शिवसेना

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(Godavari Mines) कार्रवाई नहीं तो मुख्यमंत्री को दिखाया जाएगा काला झंडा

(Godavari Mines) भानुप्रतापपुर। कच्चे आरी डोंगरी गोदावरी पॉवर एण्ड इस्पात लिमिटेड के द्वारा कई वर्षों से खनन कार्य कर रही हैं। जिसमें कम्पनी द्वारा नियमों का उल्लंघन करने में लगी हुई हैं। वहीं कुछ दिनों पहले बिना टीपी के लौह अयस्क परिवहन करते वनोपज जांच नक्का कच्चे में पकड़ाया गया था। जिस पर माइंस प्रबंधक व ट्रक मालिकों द्वारा नाका कर्मचारियों के साथ मारपीट व गाली गलौज की शिकायत थाना तक पहुंची थी।

(Godavari Mines)  इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिवसेना छतीसगढ़ प्रदेश महासचिव चंद्रमौली मिश्रा ने पूर्व वन मंडला अधिकारी को लिखित शिकायत कर गंभीरता से जांच करने की मांग किया गया था। जिस पर वन विभाग द्वारा अब तक जांच न करते हुए अपने ही कमर्चारियों को नाका से हटा दिया गया हैं।

वहीं एक दैनिक कर्मचारी जो वर्षों से एक ही जगह में काबिज है व माइंस प्रबंधक के इशारों में काम करता हैं। उसे न हटा कर ईमानदार कर्मचारी को हटा दिया गया।

अगर प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं देती हैं और कार्यवाही नहीं की जाएगी तो मुख्यमंत्री दौरे के दौरान शिवसेना भानुप्रतापपुर के द्वारा मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाकर अपना विरोध प्रदर्शन करेगी इसकी सतह जिम्मेदार स्थापित स्थानीय प्रशासन होगी।

(Godavari Mines)  शिवसेना प्रदेश महासचिव चंद्रमौली मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के बड़े नेताओ के आशीर्वाद व वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित स्थानी वन मंडला अधिकारी, उप मंडला अधिकारी भानुप्रतापपुर दोनों की मिलीभगत चलते कच्चे आरी डोंगरी गोदावरी पॉवर एण्ड इस्पात लिमिटेड रायपुर प्रबंधन के द्वारा नियम विरुद्ध उत्खनन कार्य कर रही है।

(Godavari Mines)  मिश्रा  ने कहा कि पूर्व में कम्पनी के द्वारा उत्खनन क्षेत्र के चारो ओर सेप्टीजोन बनाये गए थे, जिसे कम्पनी के द्वारा बिना जानकारी व सूचना दिए ही तोड़ दिया गया। जो नियम विरुद्ध है। कंपनी के द्वारा अपना उत्खनन क्षेत्र बढ़ाने के लिए किसानों के पट्टे वाले जमीन को बिना ग्रामीण के सहमति ही अपने कब्जे में ले लिए है।

कंपनी द्वारा 2009 से खनन पट्टा क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। खनन क्षेत्र 138.96 हेक्टेयर है । खनन कार्य शुरू करने से पहले माइंस प्रबंधन के द्वारा क्षेत्र के चारो ओर सेप्टी जॉन का निर्माण किया जाना था लेकिन खनन कंपनी के द्वारा आधे एरिया में ही सेफ्टी जॉन का निर्माण कर भू प्रवेश की अनुमति ले ली गई, जबकि नियमताः देखा जाये तो कंपनी के द्वारा माइनिंग क्षेत्र के चारो तरफ सेप्टी जॉन का निर्माण कर वन विभाग को सूचना देना रहता हैं।

(Godavari Mines)  उसके बाद वन विभाग टीम मौके का निरीक्षण कर अपना पालन प्रतिवेदन दिया जाता है। पालन प्रतिवेदन के बाद भू प्रवेश की अनुमति दी जाती हैं। लेकिन कच्चे स्तिथ गोदावरी माइंस में इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा शुरू से लेकर अब तक माइंस के फेवर में काम करते हुए आ रहे हैं।

(Godavari Mines)  सेप्टी जॉन और एक्रोचमेन पर वन विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करना विभाग की संलिप्तता को दरसाता हैं। बार बार शिकायत के बाद भी अधिकारी माइंस के निरीक्षण में जाने से डरते हैं। माइंस प्रबंधन का ऊपर स्टार में तगड़ी सेटिंग होने के कारण वन विभाग कर्मचारियों को माइंस क्षेत्र में पूर्णताः प्रतिबंध कर दिया गया है। जिस कारण माइंस प्रबंधन द्वारा अपनी मनमानी पूर्वक काम कर रही हैं।

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