(Godavari Company) मामला सेफ्टीजोन
(Godavari Company) भानुप्रतापपुर। कच्चे आरी डोंगरी गोदावरी पॉवर एंड इस्पात लिमिटेड कक्ष क्रमांक 606 पुराना (139) रकबा 106.60 हेक्टेयर एवं 32.36 हेक्टेयर कुल रकबा 138.96 हेक्टेयर माइनिंग के लिए क्षेत्र कंपनी को दी गई है।
(Godavari Company) बता दे कि केंद्र सरकार के द्वारा माइंनिग लीज के अंतिम स्वीकृति में स्पष्ट तर्क उल्लेखित है कि सेफ्टी जोन निर्माण कर भुप्रवेश की अनुमति प्रदान की जाय लेकिन कंपनी के द्वारा विगत 13 वर्षों से अपने माइंस क्षेत्र के चारो ओर सुरक्षा के पूर्ण इन्तिजाम नही किया गया है।और न ही पौधरोपण किया।
(Godavari Company) देखा जाए तो कम्पनी के द्वारा 2009 से पौधरोपण किये जाने का दावा करते आ रही है। लेकिन जब जब शिकायत होती है तब तब प्रबंधन द्वारा अधिकारियो को दिखाने के लिए कुछ स्थानों पौधरोपण कर दिया जाता है। लेकिन पौधरोपण के पश्चात उनके संरक्षण पर कभी ध्यान नही दिया जाता है ,जिस कारण माइंस से निकलने वाली प्रदूषण की रोकथाम नही हो पा रही है जिसके चलते प्रभावित ग्रामो के लोगो के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है जो एक गंभीर विषय है इस मामले पर न ही पर्यावरण विभाग, न ही वन विभाग और न ही जिला प्रशासन दे रहा है।
माइंस क्षेत्र में सेप्टी जोन का उद्देश्य –
किसी भी माइनिंग क्षेत्र में लीज क्षेत्र के चारों ओर लीज बाउंड्री के अंदर 7.50 मीटर चौड़ाई में सेफ्टी जोन का निर्माण किया जाता है और इसमें पेड़-पौधे लगाकर हरा-भरा किया जाता है इसका मुख्य उद्देश्य खनन क्षेत्र में उत्पन्न होने वाला प्रदूषण एवं धूल को रोकना होता है ताकि माइनिंग लीज क्षेत्र के बाहर का वातावरण दूषित न हो सके !
(Godavari Company) केंद्र सरकार के द्वारा माइनिंग लीज के अंतिम स्वीकृति के समय अनिवार्य शर्त में सेफ्टी जोन निर्माण करने का शर्त शामिल रहता है तथा सेफ्टी जोन निर्माण करने के पश्चात ही भू-प्रवेश करने तथा खनन कार्य प्रारंभ करने की अनुमति दिये जाने का प्रावधान होता है
इस सम्बंध में आई पी गेन्द्रे
(Godavari Company) उप वनमंडलाधिकारी पूर्व वनमंडल भानुप्रतापपुर ने कहा कि सेफ्टी जोन निर्माण के प्रमुख तीन कारण बताये गए, 1, माइंस के चारो ओर 7.50 मीटर चौड़ा सेफ्टी जोन निर्माण किये जाने से माइंस क्षेत्र का एरिया कुल क्षेत्रफल कितना है यह मालूम होता है, 2, सेफ्टी जोन बनाकर उसके अंदर पौधरोपण किये जाने से माइंस से निकलने वाले धूल प्रदूषण की रोकथाम किया जाना एवं 3 , माइंस क्षेत्र के आस पास वन्यप्राणियों को कोई हानि न हो सके इसलिए सेफ्टी जोन का निर्माण किया जाना अति आवश्यक है।