Gauravpath construction : गौरवपथ निर्माण में क्रासिंग की अनदेखी भविष्य में पड़ेगी भारी, यातायात व दुर्घटनाओं की संभावना अधिक , देखिये VIDEO

Gauravpath construction :

दिलीप गुप्ता 

 

Gauravpath construction : लगभग डेढ़ किलोमीटर के बीच 19 क्रॉसिंग 

 

 20 से 70 फिट तक अनावश्यक रूप से जगह छोड़ा गया 

 

Gauravpath construction :  सरायपाली :- सरायपाली नगर में जब से गौरवपथ निर्माण प्रारम्भ हुआ है तब से लेकर यह हमेशा ही विवादों में रहा है । गौरव पथ का मतलब ही विवाद पथ हो गया है । इसमे नगरपालिका व संबंधित ठेकेदार की कार्यशैली व घटिया निर्माण कार्य को लेकर शुरू से ही विरोध में आवाज उठती रही है । धीरे व घटिया निर्माण कार्य से गौरव पथ के कार्यकुशलता पर भी संदेह उत्पन्न हो गया है । धूल , पानी जाम , मिट्टियों व निर्माण सामग्रियों की वजह से दुकानदारों , राहगीरों व वाहन चालकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है ।

काफी विरोध के बावजूद गौरवपथ निर्माण ठेकेदार व नगरपालिका प्रशासन इस ओर गंभीर दिखाई नही से रहा । जिससे नगरवासियों में काफी आक्रोश दिखाई दे रहा है ।

नगरवासियों के लगातार समस्या से जूझने व समस्याओं से अवगत कराएं जाने के बावजूद किसी ने भी इसे गंभीरता से नही लिया । गौरवपथ का निर्माण कार्य आज भी उसी पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है । इसे गुणवत्तापूर्ण तरीके से शीघ्र पूरा कराने न नगरपालिका न ही प्रशासन , न ही ठेकेदार और न ही सत्तापक्ष व विपक्ष इसे गंभीरता से ले रहा है ।

 

Gauravpath construction :  गौरव पथ को लेकर सबसे दुखद पहलू यह है कि गौरवपथ निर्माण से संबंधित कोई भी जानकारी अधिकृत तौर पर नगरपालिका द्वारा नही दी जाती । इस तरह का आरोप भाजपा के निर्वाचित पार्षद ही लगाते हैं । वर्तमान भाजपा के पार्षद स्वर्णसिंह सलूजा जो कि पूर्व में प्रतिपक्ष नेता थे व पार्षद गुंजन अग्रवाल को शिकायत है की उन्हें विपक्ष में थे तब भी व आज भी इस संबंध में कार्यालय के तरफ से कोई जानकारी नही दी जाती है । उन्हें गौरव पथ निर्माण के संबंध में इसके प्राक्कलन व निर्माण के संबंध में नगरपालिका अधिकारी द्वारा पता नही क्यो जानकारी छुपाई जा रही है । आज हम नगरपालिका में सत्ता में हैं तब भी यही हाल है । शोचनीय यह है कि जब सत्ताधारी पार्षदों को उनके हो विभाग से जानकारी नही दी जा रही है तो आम जनता को कैसे जानकारी मिलेगी इसका सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है ।

Gauravpath construction :  नगर में बेहतर , सुरक्षित व सौन्दर्यकरण को लेकर बहुप्रतीक्षित व पुरानी गौरव पथ निर्माण की मांग अब जाकर पूरी हो रही है । करोड़ो रूपये का यह प्रोजेक्ट है । घन्टेस्वरी मंदिर से जामबहलीं मंदिर तक लगभग 4 से 5 किलोमीटर तक गौरव पथ का निर्माण होना है । गौरव पथ में डिवाइडर बनाने का भी प्रावधान है । ऊंचाई अधिक होने को लेकर इसे कम किया गया ।

चौक चौराहों व अन्य आवश्यक स्थानों के लिए क्रॉस किये जाने हेतु क्रासिंग भी बनाया जा रहा है । किंतु इसके स्थान चयन व अत्यधिक चौड़ाई को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है । अभी वर्तमान में घन्टेस्वरी मंदिर से लेकर मुस्लिम कब्रिस्तान तक एक तरफ डिवाइडर का कार्य किया गया है । लगभग एक सवा किलोमीटर की दूरी में 19 क्रासिंग का निर्माण किया गया है । जबकि अभी भी लगभग 2 से ढाई किलोमीटर की दूरी शेष है ।

अब इन स्थानों में कितने क्रासिंग का निर्माण होगा इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है ।यह क्रासिंग लगभग 20 से 70 फिट की चौड़ाई तक बनाया गया है । कुछ स्थानों पर क्रॉसिंग बनाये जाने की आवश्यकता नही है किंतु इसके कुछ स्थानों पर अपनी मर्जी , सेटिंग व तुष्टिकरण की नीति के तहत अनावश्यक रूप से क्रासिंग का निर्माण कर दिया गया है । प्रत्येक 200-300 फिट के बाद एक बड़ी व चौड़ी क्रासिंग के निर्माण से वाहनों की गति जहां अवरुद्ध होगी तो वही हमेशा इन क्रासिंग स्थल पर दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहेगी ।

कहीं व किसी भी नगरों व शहरों में शायद ही इतने पास पास व 20 से 60-70 फिट चौड़ाई लिए हुवे जरसिंग का निर्माण किया गया होगा । क्रासिंग का निर्माण पास पास व अत्यधिक चौड़ाई होने के कारण एक ओर सुगम यातायात प्रभावित होगा तो वही दूसरी तरफ इन क्रासिंग में तेजी से व असुरक्षित रूप से वाहन चालक अपनी वाहनों को क्रॉस किये जाने से हमेशा दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहेगी ।

इस विषय पर जब प्रभारी नपाध्यक्ष चंद्रकुमार पटेल को इस समस्याओं से अवगत कराया गया तो उन्होंने इस तर्क को स्वीकार करते हुवे कहा कि डिवाइडर बनने के बाद इन डिवाइडरों में विद्युत खंबे व लोहे की जाली लगाई जाएंगी । कालांतर में जब इन क्रासिंग से परेशानी होगी य्या आम जनता की ओर से ऐसी कोई मांग आएगी तो उन्हें लोहे से बन्द किया जायेगा ।

इस संबंध ने नपाध्यक्ष का यह बयान कितना अदूरदर्शितापूर्ण व हास्यास्पद है । गलत बन रहा है यह स्वीकार तो कर रहे हैं पर अभी से इसे सुधारने की बजाय पब्लिक डिमांड आने पर व्यवस्था सुधार की बात कर रहे हैं । मतलब दुर्घटना व शिकायत का इंतजार । जिन लोगों को इस क्रासिंग से फायदा होगा क्या वे निर्माण होने कब बाद इसे बन्द किये जाने का समर्थन करेंगे ? आने वाले समय मे निश्चितरूप से अव्यवस्था व विवाद की स्थिति निर्मित होगी । तो क्या नगरपालिका व नपाध्यक्ष इसी दिन का इंतजार कर रहे हैं ?

Gauravpath construction :  गौरव पथ के गुणवत्ताविहीन व सुस्त निर्माणकार्यो के खिलाफ नगरवासी , व्यापारीगण व जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार विरोध दर्ज कराया गया है । किंतु सुनवाई व समस्याओं का समाधान कभी नही निकाला गया । इसी समस्या को लेकर स्थानीय विधायक श्रीमती चातुरी नंद द्वारा अपने समर्थकों , कांग्रेसजनों व नगरवासियों के साथ विरोध स्वरूप पंजीयक कार्यालय के समक्ष आज ही एक दिवसीय धरना प्रदर्शन भी किया गया । गौरव पथ व अघोषित बिजली कटौती जे खिलाफ इस धरना के दौरान ही लगभग 4 घंटे बिजली बंद थी ।

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