Gas crisis in europe आखिर तोडफ़ोड़ की किसने?

Gas crisis in europe

Gas crisis in europe आखिर तोडफ़ोड़ की किसने?

Gas crisis in europe चूंकि पाइपलाइन में लीक से यूरोप में गैस संकट और गहरा गया है, इसलिए ये मुद्दा दुनिया भर गरम है। विश्व सोशल मीडिया पर इसको लेकर दो अलग नैरेटिव प्रचलित हुए हैं।

Gas crisis in europe  सोशल मीडिया के इस युद्ध में गंभीर से गंभीर किसी समस्या के बारे में सच जानना कितना कठिन हो गया है, उसकी ताजा मिसाल प्राकृतिक गैस की सप्लाई की रूसी पाइपलाइन नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 में हुई कथित तोडफ़ोड़ है।

Gas crisis in europe  चूंकि पाइपलाइन में लीक से यूरोप में गैस संकट और गहरा गया है, इसलिए ये मुद्दा दुनिया भर गरम है। विश्व सोशल मीडिया पर इसको लेकर दो अलग नैरेटिव प्रचलित हुए हैं। एक में शक जताया गया है कि ये काम रूस का है, जो गैस संकट को बढ़ा कर यूरोप को झुकाना चाहता है।

Gas crisis in europe  लेकिन इसके विरोध में तर्क यह दिया गया है कि आखिर रूस अपनी ही पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त क्यों करेगा। अगर यूरोप को परेशान करने के लिए यह तरीका उसे समझ में आया, तो वह नॉर्वे से आने वाली पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त कर सकता था।

Gas crisis in europe  दूसरे नैरेटिव में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक भाषण का हिस्सा वायरल किया गया है। इसमें उन्होंने कहा था कि अगर युद्ध हुआ, तो अमेरिका नॉर्ड स्ट्रीम-2 से गैस का प्रवाह रोक देगा। यह पूछने पर कि वह ऐसा कैसे करेगा, बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका के पास इसका तरीका है।

Gas crisis in europe  अमेरिकी एजेंसी सीआईए ने पिछले हफ्ते ही जर्मनी को पाइपलाइन में तोडफ़ोड़ की चेतावनी दी थी। इसका क्या मतलब है कि इसको लेकर भी सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। गौरतलब है कि कथित तोडफ़ोड़ के कारण बाल्टिक सागर में स्वीडन और डेनमार्क के पास रिसाव की खबरें आई हैं।

ये दोनों पाइपलाइनें रूस ने यूरोप को गैस की सप्लाई के लिये बनाई थी। नॉर्ड स्ट्रीम 1 यूरोप को बड़ी मात्रा में गैस की सप्लाई कर रहा था, लेकिन अगस्त से इसे बंद कर दिया गया। नॉर्ड स्ट्रीम 2 बन कर तैयार था, लेकिन अमेरिकी दबाव में जर्मनी ने इससे गैस प्राप्त करने का रूस से हुआ करार तोड़ दिया।

ये दोनों पाइपलाइनें रूस से यूरोप को ऊर्जा की सप्लाई के केंद्र में हैं और यूक्रेन पर हमला होने के बाद से ही सबका ध्यान इनकी तरफ है। यूरोपीय सुरक्षा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जान बूझ कर तोडफ़ोड़ के कुछ संकेत मिले हैं। इसीलिए तोडफ़ोड़ की चर्चा तेज हुई है।

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