Former assembly speaker पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने भारतरत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर याद किया

Former assembly speaker

भुवनेश्वर प्रसाद साहू

Former assembly speaker पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने भारतरत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर याद किया

Former assembly speaker कसडोल ! हम हैं दरिया , हमें अपना हुनर मालूम है , जिस तरफ निकल जाएंगे , वहीं रास्ता बना लेंगे ! यह उक्ति डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के जीवन संघर्ष का प्रतीक है !

आज 6 दिसंबर को बाबा साहेब डाक्टर भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि है ! बाबासाहेब को भारतीय संविधान का आधार स्तंभ माना जाता है !
उन्होंने समाज में व्याप्त छुआछूत , दलितों , महिलाओं और मजदूरों से भेदभाव जैसी कुरीति के खिलाफ आवाज बुलंद की और इस लड़ाई को धार दी !
उनका मानना था कि मानव प्रजाति का लक्ष्य अपनी सोच में सतत सुधार लाना है !

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Former assembly speaker भीमराव आंबेडकर आजाद देश के पहले कानून मंत्री बने थे ! साल 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न ” से हम हैं दरिया , हमें अपना हुनर मालूम है , जिस तरफ निकल जाएंगे , वहीं रास्ता बना लेंगे ! यह उक्ति डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के जीवन संघर्ष का प्रतीक है !

आज 6 दिसंबर को बाबा साहेब डाक्टर भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि है ! बाबासाहेब को भारतीय संविधान का आधार स्तंभ माना जाता है !
उन्होंने समाज में व्याप्त छुआछूत , दलितों , महिलाओं और मजदूरों से भेदभाव जैसी कुरीति के खिलाफ आवाज बुलंद की और इस लड़ाई को धार दी !
उनका मानना था कि मानव प्रजाति का लक्ष्य अपनी सोच में सतत सुधार लाना है !

Former assembly speaker भीमराव आंबेडकर आजाद देश के पहले कानून मंत्री बने थे !
साल 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न ” से सम्मानित किया गया था !
6 दिसंबर 1956 को डायबिटीज से पीड़ित होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई !
भारतीय संविधान की रचना हेतु कोई विशेषज्ञ भारत में नहीं था ! अतः सर्वसम्मति से डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को संविधान सभा की प्रारूप समिति का अध्यक्ष चुना गया !
26 नवंबर 1949 को डॉ आंबेडकर द्वारा रचित 315 अनुच्छेद का संविधान पारित किया गया !

Former assembly speaker बाबासाहेब आंबेडकर के यह विचार युवाओं के लिए आज भी प्रेरणादायक है !

(1) किसी समाज की प्रगति को मैं , उस समाज में महिलाओं की प्रगति से आंकता हूं !
(2) मनुष्य नश्वर है , उसी तरह विचार भी नश्वर है ! एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत होती है , जैसे कि एक पौधे को पानी की ! नहीं तो दोनों मुरझा कर मर जाते हैं !
(3) जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते , तब तक कानून द्वारा प्रदत स्वतंत्रता का आपके लिए कोई मायने नहीं है
(4) मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता , समानता और बंधुत्व सिखाता है !
(5) एक महान व्यक्ति , एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से इस मायने में भिन्न होता है कि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार होता है !
(6) समाज को श्रेणीविहीन और वर्णविहीन करना होगा क्योंकि श्रेणी नें इंसान को दरिद्र और वर्ण ने इंसान को दलित बना दिया !
जिनके पास कुछ भी नहीं है , वे लोग दरिद्र माने गए और जो लोग कुछ भी नहीं है , वे दलित समझे जाते थे !

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Former assembly speaker विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के संविधान निर्माता , भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने उन्हे कोटि-कोटि नमन किया है !

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