Video – Production : वर्षों पुराना सपना अब होगा साकार, दुब्बाटोटा मत्स्य हेचरी में स्पॉन उत्पादन प्रारंभ

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कृष्णा नायक दोरनापाल

Production : पहली खेप में 20 लाख मछली स्पॉन का उत्पादन कर संवर्धन किया जा रहा

Production : लगभग 25 दिनों में बिक्री के लिए हो जायेंगे तैयार

Production : दोरनापाल- सुकमा जिले के मत्स्य पालकों को जिस दिन का इंतजार था, शासन प्रशासन के जुझारू प्रयासों की बदौलत अब वो दिन दूर नही।

सुकमा जिले का लगभग 17 वर्षों से मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने का सपना अब दुब्बाटोटा मत्स्य हेचरी में साकार होगा।

दुब्बाटोटा मत्स्य हेचरी में मछली बीज (स्पॉन) की पहली खेप के साथ यहां उत्पादन प्रारंभ हो चुका है ,जिसके साथ अब जिले के मत्स्य पालकों के बरसों पुराने दिन लौट आयेंगे।

पहली खेप के रूप में हेचरी में 20 लाख स्पॉन का उत्पादन हुआ है, जिनका संवर्धन किया जा रहा है।

लगभग 25 दिनों में यह स्पॉन विकसित हो जाएंगे और मत्स्य पालकों को बिक्री किए जाने के लिए तैयार होंगे।

अब तक मछली उत्पादन हेतु बीज के लिए सीमावर्ती राज्य ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलांगना पर निर्भर रहना पड़ता था।

Production : दुब्बाटोटा मत्स्य हेचरी में उत्पादन से मछली बीज के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भरता पूर्ण रूप से बंद हो जाएगी।

जिले भर में मत्स्य हेचरी से बीज लेकर ग्रामीण मछलियों का उत्पादन करेंगे और इसका क्रय-विक्रय होने पर ग्रामीण आर्थिक रुप से सशक्त बनेंगे।

जिलेवासियों को स्थानीय स्तर पर ही ताज़ी मछलियां उपलब्ध होंगी।

सलवा जुडुम के दौरान बंद हुआ मत्स्य प्रसंस्करण केंद्र, पुनः जिले को बनाएगा आत्मनिर्भर

Production : सलवा जुडुम के दौरान जिले में नक्सल प्रभाव अपने चरम पर था, जिसमें कई शालाएं,आश्रम,भवन,घर सब कुछ तबाह हुआ था।

ग्रामीणों के जिविकोपार्जन के साधन भी उन्हे विवशता पूर्ण त्याग करना पड़ा था।

इस हिंसा का शिकार दुब्बोटोटा स्थित मत्स्य प्रसंसकरण केन्द्र भी रहा,जहां 90 के दशक से मत्स्य उत्पादन कर मत्स्य पालकों का घर चलता था।

मत्स्य पालन के प्रसिद्ध दुब्बाटोटा में नक्सल गतिविधियों के कारण वर्ष 2006 में मत्स्य उत्पादन का यह केंद्र पूर्णतः बंद हो गया।

Production : आदिवासी अंचलों का विकास और उनके निवासियों को आर्थिक संवर्धन प्रदान करना शासन की प्राथमिकता है, और इसी का नतीजा है की इतने लंबे समय से बंद पड़े मत्स्य बीज प्रक्षेत्र का जीर्णाेधार किया गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,के मंशानुरुप, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, के मार्गदर्शन में प्रशासन द्वारा द्रुत गति से इस मत्स्य प्रसंसकरण केन्द्र का जिर्णोद्धार किया गया।

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Production : आज मत्स्य हेचरी में मत्स्य बीज स्पाॅन का उत्पादन भी प्रारंभ हो गया है, जिससे एक बार पुनः दुब्बाटोटा गांव अपने पुराने स्वरुप में लौट आया है। अब दुब्बाटोटा के ग्रामीणों के जीवन में बदलाव निश्चित है।

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