Father of the Nation राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जयंती पर नहीं हो सका गांधी के प्रतिमा पर माल्यार्पण

Father of the Nation

Father of the Nation  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जयंती पर नहीं हो सका गांधी के प्रतिमा पर माल्यार्पण

Father of the Nation  चांपा। पावन पुनीत दिवस 2 अक्टूबर को आम जनता हो या राजनेता भली-भांति जानते है और समझते हैं कि गांधी जयंती क्या मायने होता है और 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त के बाद से ही लोग गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि देने की परंपरा इस देश में रही है लेकिन हमारे जांजगीर-चांपा जिला के उप मुख्यालय चांपा नगर में भगवान परशुराम चौक के पास गांधी भवन के सामने गांधी जी की जो प्रतिमा बनी है !

Father of the Nation  उस पर गांधी जयंती के अवसर पर भी 1 बजे तक माल्यार्पण नहीं किया गया है वहीं थाना चौक के बगल में चांपा नगरवासियों के महा स्मरण केंद्र बापू बालों उद्यान में जो गांधी जी की प्रतिमा स्थापित है वहां पर तकरीबन 12 बजे चांपा पालिका उपाध्यक्ष के द्वारा माल्यार्पण की जा रही थी जब उसे इस संदर्भ में जानकारी जाननी चाही तो उन्होंने बताया राजीव गांधी युवा मितान क्लब में फोटो भेजना है !

Father of the Nation इसलिए हम लोग माल्यार्पण करने अभी आए हैं गांधी जयंती के अवसर पर भी गांधीजी के प्रतिमा पर सुबह के समय माल्यार्पण नहीं होना बड़ी अचरज की बात है, जबकि दिल्ली के राजघाट में सुबह के समय पर ही उच्च स्तरीय मंत्रियों के द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी जाती है क्योंकि यह सदियों पुरानी परंपरा रही है कि दिल्ली स्थित गांधी जी के स्मारक में ब्रह्म मुहूर्त के बाद ही माल्यार्पण के बाद श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता रहा है !

Father of the Nation ज्ञात हो कि लोग अपने जागरूकता को दिखाने सहित फोटो खिंचवा कर श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए फेसबुक और व्हाट्सएप पर पोस्ट का बौछार कर चुके है लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा है, नगर के ह्रदय स्थल गांधी भवन में गांधी जी का मूर्ति स्थापित की गई है लेकिन राष्ट्रीय श्रद्धा के इस केंद्र बिंदु स्थल पर दोपहर 1:00 बजे के उपरांत भी न कोई कार्यक्रम का आयोजन हो सका ना टेंट लगाया और नहीं जिम्मेदारों ने अपनी उपस्थिति दी तो ऐसी स्थिति में हम उनसे गांधी जी पर माल्यार्पण कर जयंती मनाऐ जाने का तो यहां बात भी नहीं की जा सकती कहां गए वे कर्मठ कार्यकर्ता जो राष्ट्रपिता गांधी जी के जयंती के अवसर पर भी अपने राष्ट्रीय कर्तव्य को भुलाए बैठे अपनी ही धुन में सवार आज के पवित्र पवन दिवस को भी भूल बैठे हैं जिम्मेदारों से यह पूछा जाना चाहिए कि वे गांधी जयंती का क्या मायने समझते हैं और यदि उनके लिए कोई मायने नहीं रखता तो इस तरह गांधी भवन के सम्मुख राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी कि प्रतिमा को लगाए जाने का औचित्य क्या होता है !

Father of the Nation आज के इस दिवस को मासूम बच्चे से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष महत्व रखता है और विदेशी भी 2 अक्टूबर का खास मायने को जानते और समझते हैं लेकिन चांपा के जिम्मेदार नगर प्रतिनिधि तथा पदाधिकारी ना जाने क्यों इस दिन के महत्व को समझने का बड़ा भूल आखिरकार क्यों कर रहे हैं !

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