(Fast Track Court) फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय
(Fast Track Court) सक्ती . फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने अपनी ही नाबालिक पुत्री की लज्जा भंग करने के मामले में 32 वर्षीय अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी को 5 वर्ष की कठोर कारावास एवं ₹2000 की अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है।
(Fast Track Court) विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट सक्ती ने बताया कि अभियुक्त ने 1 अप्रैल 2022 को रात्रि 8:00 बजे एवं उसके पूर्व कई बार अपने ही नाबालिग पुत्री जो 12 की उम्र की है की लज्जा भंग करने की आशय से उसकी सीना को दबाकर गाल एवं गले को चूम कर छेड़खानी कर गुरुत्तर लैंगिक हमला कारित किया है एवं जान से मारने की धमकी देकर अपराधिक अभीत्रास कारित किया ।
घटना की रिपोर्ट नाबालिग बालिका ने अपने पिता के विरुद्ध थाना बाराद्वार में दर्ज कराई थी। थाना बाराद्वार द्वारा अभियुक्त के खिलाफ त्वरित अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय में पेश किया गया !
जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया एवं संपूर्ण विवेचना कर अभियुक्त के खिलाफ धारा 354 ,506 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 8 पोक्सो एक्ट के तहत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय फास्ट ट्रेक कोर्ट सक्ती में पेश किया गया था ।
विशेष न्यायालय सक्ती द्वारा सभी पक्षों को अपने पक्ष रखने के पर्याप्त अवसर देने के पश्चात तथा उभयपक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने के उपरांत संपूर्ण विचारण पश्चात प्रकरण में निर्णय घोषित किया गया ।
अभियोजन द्वारा अभियुक्त के खिलाफ आरोपित अपराध प्रमाणित कर दिए जाने से विशेष न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट शक्ति यशवंत कुमार सारथी द्वारा अभियुक्त को दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त उम्र 32 वर्ष थाना बाराद्वार जिला सक्ती छत्तीसगढ़ को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 10 के तहत 5 वर्ष की कठोर कारावास एवं ₹ 2000 की अर्थदंड भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत 1 वर्ष को सश्रम कारावास एवं ₹1000 का अर्थदंड तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 506 भाग 2 के अपराध के लिए 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड की सजा से अभियुक्त को दंडित किया गया है l
छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से पैरवी शासकीय विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो अधिवक्ता राकेश महंत ने किया।