(Fair of Paush Purnima) संतानदात्री मातागढ़ तुरतुरिया में पौष पूर्णिमा का मेला आज

(Fair of Paush Purnima)

भुवनेश्वर प्रसाद साहू

(Fair of Paush Purnima) कसडोल से 18 किलोमीटर की दूरी

मातागढ़ में लव-कुश की उत्पत्ति मानी जाती है

पहाड़ से पानी तूर-तूर कर गिरता है इसलिए नाम पड़ा तुरतुरिया….

(Fair of Paush Purnima) कसडोल  !   आज दिनांक 6 जनवरी 2022 को बलौदाबाजार जिला के कसडोल विकासखंड से 18 किलोमीटर की दूरी पर संतानदात्री मातागढ़ तुरतुरिया में पौष पूर्णिमा के अवसर पर मेला का आयोजन प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी किया गया है !

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मातागढ़ तुरतुरिया में इस वर्ष 5 जनवरी से 7 जनवरी तक मेला लगेगा ! पौष पूर्णिमा होने की वजह से मेला स्थल में अत्यधिक भीड़ होती है ! संतान दायिनी एवं बाल्मीकि आश्रम स्थित तुरतुरिया में प्रतिवर्ष पौष पूर्णिमा ( छेरछेरा ) को मेला लगता है जिसमें दूर दूर से लोग अपनी मन्नत मांगने और मन्नत पूरी होने पर पुनः दर्शन के लिए मातागढ़ तुरतुरिया आते हैं और संतान दायिनी मां सभी को उनके मनोनुकूल आशीर्वाद देती है !

(Fair of Paush Purnima)  पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री राम द्वारा माता सीता के त्याग करने पर, बाल्मीकि आश्रम में आकर माता सीता रहने लगी और यही पर लव कुश का जन्म हुआ है !

तभी से यह मान्यता प्रचलित हो गई कि जिन पति-पत्नी को संतान की प्राप्ति नहीं होती है वह मातागढ़ तुरतुरिया में आकर मन्नत मांगते हैं और माता उनकी मनोकामना पूर्ण करती है ! अगले वर्ष मन्नत पूरी होने पर मन्नत के अनुरूप भेंट चढ़ावा ले कर , पति पत्नी अपने बच्चे व परिवार को ले कर दर्शनार्थ मातागढ़ तुरतुरिया आते हैं !


जंगलों के बीच पहाड़ी पर मातागढ़ में माता विराजित है ! मातागढ़ के आसपास भालू और शेर के रहने के स्थान बने हुए अर्थात पूर्व में मातागढ़ के आसपास भालू और शेर विचरण करते थे पर अब लगातार मातागढ़ में मनुष्यों के आवागमन बढ़ने से वे अन्यत्र चले गए हैं !
इस वर्ष फसल अच्छी होने से मातागढ़ तुरतुरिया में भक्तों की अत्यधिक भीड़ देखने को मिल रही है !

बफरा की दुलेश्वरी यादव और सहेली पोनू का कहना है…
हाथ कंगन को आरसी क्या !


और पढ़े लिखे को फारसी क्या!! अर्थात तुरतुरिया में आने वाले श्रद्धालु गण मातागढ़ की माता के दर्शन कर धन्य हो जाते हैं और पति पत्नी को संतान की प्राप्ति होती है !

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धमतरी से 1 श्रद्धालु पति-पत्नी मातागढ़ की माता के दर्शन करने आए और मन्नत मांगी !

(Fair of Paush Purnima)  20 वर्ष तक पति-पत्नी को संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी ! 1 वर्ष के भीतर ही उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई और वह अगले वर्ष मन्नत के अनुरूप भेंट चढ़ावा ले कर अपने परिवार सहित मातागढ़ तुरतुरिया के दर्शन को आए !


(Fair of Paush Purnima)  इसलिए तुरतुरिया के आसपास गांव के लोग सलाह देते हैं कि किसी भी प्रकार की टोना टोटके , बैगा गुनिया के चक्कर में ना पड़े और पति-पत्नी जिनको संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है एक बार मातागढ़ की माता के समक्ष तुरतुरिया आकर मन्नत मांगे ! निश्चय ही मातागढ़ की माता की कृपा से संतान की प्राप्ति होगी ! हमने अब तक हजारों को देखा है , श्रद्धा और विश्वास से एक बार माता गढ़ की माता का आशीर्वाद जरूर लें !

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