Dussehra Festival रावण दहन एवं आतिशबाजी कर उत्साह से मनाया गया दशहरा महोत्सव 

Dussehra Festival

Dussehra Festival दशहरा महोत्सव

Dussehra Festival चारामा . ग्राम अरोद में लगातार 83 वे वर्ष भी  दशहरा महोत्सव समिति,नवयुवक मंडल और ग्रामीणों के द्वारा 7 अक्टूबर शुक्रवार को रावण दहन एवं आतिशबाजी कर उत्साह से मनाया गया ।

Dussehra Festival रावण दहन देखने हजारों की संख्या में लोग ग्राम अरोद पहुंचे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनोज मंडावी उपाध्यक्ष विधानसभा एवं क्षेत्र के विधायक, अध्यक्षता मोहन मंडावी सांसद, विदेश अतिथि नरेंद्र यादव सदस्य गौ सेवा आयोग, हेमंत ध्रुव अध्यक्ष जिला पंचायत कांकेर, हेम नारायण गजबल्ला उपाध्यक्ष जिला पंचायत कांकेर ,

Dussehra Festival  बिरेश ठाकुर सदस्य बस्तर विकास प्राधिकरण, मिथलेश शोरी जिला पंचायत सदस्य, दीपा सलाम जनपद सदस्य, ठाकुर राम कश्यप अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, सत्यवती मरकाम ग्राम सरपंच, बीएन हिरवानी सरपंच ,बद्रीश सुखदेवे, अश्वनी मिश्रा ,गौतम लुंकड़, अभय बाफना, ज्ञानीराम रामटेके, रामाधार पटेल सहित गणमान्य ग्रामीण की उपस्थिति में आयोजन संपन्न हुआ, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मनोज सिंह मंडावी ने कहा कि बुराई का अंत जरूरी है लोगों में अच्छाई लाना जरूरी है रावण भी बुराई का प्रतीक था !

Dussehra Festival अच्छाई ने 1 दिन हरा दिया समाज में आज समरसता की आवश्यकता है और रामायण में समरसता का पाठ सिखाती है, वहीं उन्होंने नशे पर कहा कि हमारा जीवन अमूल्य है इसे नशे में बर्बाद ना करें, नशे से दूर रहें।

Dussehra Festival उन्होंने समिति के इस सफल आयोजन के लिए खूब सराहना की ।वहीं उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर ग्राम अरोद महानदी के किनारे सामुदायिक भवन बनाने हेतु ₹500000 एवं समिति को वाद्य यंत्र हेतु ₹50000 देने की घोषणा की। सांसद मोहन मंडावी ने भी अपने संबोधन में कहा कि भगवान राम हमें आदर्श और संस्कार सीखाते हैं, गांव वाले मिलकर बीते 83 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को आगे अनवरत जारी रखें, यहीं उन्होंने कामना की।

Dussehra Festival संबोधन के बाद रामलीला का मंचन हुआ, जिसमें ग्राम लक्ष्मण सीता के अयोध्या से वनवास जाने, हनुमान सुग्रीव से मिलन, सीता हरण और राम लक्ष्मण का लंका गमन, राम लक्ष्मण का रावण के पुत्रों से युद्ध, सहित रावण के दहन का मंचन किया गया, वहीं समिति की ओर से मंचन में हर एक पहलू को सकारात्मक करने का प्रयास किया गया और कड़ी मेहनत से रामलीला का आकर्षक मंचन किया गया, मंचन में पहली बार लक्ष्मण के मूर्छित होने पर भगवान हनुमान के द्वारा आकाश मार्ग से हिमालय पर्वत पर जाना और हिमालय पर्वत से संजीवनी बूटी आकाश मार्ग से लेकर आना आकर्षण का केंद्र रहा, जिसे समिति की ओर से इस तरह तैयार किया गया था!

पवनसुत हनुमान आकाश मार्ग में उड़कर हिमालय से संजीवनी बूटी लेकर आते हैं, मंचन के बाद रात्रि 9:00 बजे रावण का दहन इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया गया, रावण के दहन के पहले मां छत्तीसगढ़ और भारत माता की प्रतिमाओं का भी विमोचन आतिशबाजी तरीके से किया गया, साथ ही जमकर रंग बिरंगी आतिशबाजी आसमान में की गई, इसे देखकर लोग आश्चर्यचकित रहे, इसके बाद रावण दहन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। रावण दहन के साथ जय श्री राम नारे भी लगते रहे।

वही दूर-दूर से ग्रामीण जिस आतिशबाजी और रावण दहन का आनंद लेने ग्राम आरोद पहुंचते हैं वह भी सफल रहा। रामलीला की समाप्ति के बाद भगवान राम पूरे गांव में भ्रमण किए जहां भगवान राम और उनकी मंडली का लोगों ने आरती उतारकर जगह-जगह स्वागत किया।

वही इतने अच्छे मंचन के डायरेक्टर रजनू राम निषाद, एवम् किरदार में राम की भूमिका में पूरन पटेल, लक्ष्मण की भूमिका में रामदेव पटेल ,हनुमान स्वरूप निषाद ,विभीषण दिगेश्वर पटेल, रावण हेमराज पटेल, कुंभकरण अंकल राम ध्रुव, सुसैन वैध सुनील पटेल, सीता माता कुलेश्वर पटेल सहित अन्य किरदार ग्रामीणों के सहयोग से निभाए गए ,वही रात्रि में क्षेत्रीय विधायक मनोज मंडावी के सहयोग से रात्रि 10:00 बजे से लोकरंग अर्जुंदा दीपक चंद्राकर की प्रस्तुति का कार्यक्रम आयोजित हुआ, जो कि सुबह तक चलता रहा मैं सुरक्षा के लिए हल्बा ,चारामा पुलिस का योगदान रहा।

मंच का संचालन शिक्षक मोहन जायसवाल के द्वारा किया गया संपूर्ण आयोजन को सफल बनाने में ग्राम के प्रमुख समिति के पदाधिकारी चिंता राम साहू, रजनू राम निषाद, वेद राम सेन पृथ्वीराज गजेंद्र ,नंदकिशोर जुर्री, सन्नी मरकाम ,गौतम निषाद, श्रवण मरकाम ,लल्ला सिन्हा, रुपेश मरकाम ,कन्हैया सार्वा, कौशल पटेल, श्यामाचरण गजेंद्र, भुवन यादव एवम ग्रामीणों का सहयोग रहा।

विदित हो कि ग्राम अरोद का कांकेर जिला सहित प्रदेश में दशहरा के भव्य आयोजन को लेकर दशहरा महोत्सव प्रसिद्ध है इस दशहरा महोत्सव में प्रतिवर्ष एक संदेशात्मक झांकी प्रदर्शित की जाती है ,साथ ही लगभग 60 से 70 फीट ऊंचे रावण का इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से दहन किया जाता है, यह परंपरा पिछले 83 वर्षों से चलती आ रही है और जिसे देखने पूरे विकासखंड चारामा ,कांकेर जिला और अन्य जिलों से लोग पहुंचते हैं ।

प्रति वर्ष कार्य क्रम में मुख्य अतिथि के रुप में प्रदेश के बड़े जनप्रतिनिधि शामिल होते हैं ,पूर्व में इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हो चुके हैं और कार्यक्रम की महत्ता बहुत अधिक है। जिसकी तैयारियों में समिति एवम युवक एक माह से लग चुके हैं।रावण का पुतला तैयार किया जा रहा हैं और आयोजन की तैयारी जारी हैं।

यह भी बता दे की इस आयोजन में के रावण दहन और आतिशबाजी मैं लगभग 02 लाख से अधिक का खर्च आता हैं जिसे सभी ग्रामीणों और आम जन के सहयोग से पूर्ण किया जा रहा हैं।

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