Dantewada Braking : तेज हवाओं के साथ हुई झमाझम बारिश, ओले भी गिरे

Dantewada Braking :

Dantewada Braking तेज हवाओं के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की चिंता बढ़ी

Dantewada Braking दंतेवाड़ा !  लगातार दो दिनों से दंतेवाड़ा में तेज बारिश और ओले गिर रहे हैं | इस वजह से 2 दिनों से बिजली गुल होने के कारण नल भी प्रभावित है | और किसानों की चिंता बढ़ गई है किसान कहते हैं कि ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान होता है और फसलें प्रभावित हुई है लगातार दो दिनों से तेज बरसात और बूंदा बूंदी के साथ ओलावृष्टि होने के कारण किसानों के चेहरे मायूस हो गए खासकर पशुओं के रखरखाव में पशुपालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिन जिन क्षेत्रों में ओले गिरे हैं वहां फसल को नुकसान हो रहा है बारिश होने से तेज हवा के कारण जिन खेतों में फसल गिरी है उनमें उत्पादन प्रभावित होगा !

ओले कैसे गिरते हैं

Dantewada Braking स्काईमेट के अनुसार जब आसमान मे तापमान 0 से कई डिग्री कम हो जाता है तू वहां हवा में मौजूद नमी ठंडी बूंदों के रूप में जम जाती है
धीरे-धीरे बर्फ के गोला का रूप धारण कर लेती है जिन्हें ओले कहते हैं |

ओलावृष्टि कब अधिक होती है?

Dantewada Braking ओले को बर्फ के छल्ले के रूप में देखा जा सकता है कुछ छल्ले दूधिया सफेद होते हैं | होली दो अलग-अलग प्रक्रिया उससे बढ़ सकते हैं | गीला और सूखा|
ओलावृद्धि तब होती है जब ओलावृष्टि तूफान में होती है जहां हवा का तापमान काफी ठंडा होता है |

भारत में ओलावृष्टि कब होती है?

सर्दियों और मानसून से पहले ओलावृष्टि का सबसे अधिक खतरा होता है दक्षिण व मानसूनी मौसम में ओलावृष्टि की घटनाएं ना के बराबर होती है ओलावृष्टि होने के लिए वातावरण अत्यधिक अस्थिर होना चाहिए| ओलावृष्टि का समय दोपहर और शाम के कुछ घंटों के दौरान होता है |

ओलावृष्टि से किस तरह के नुकसान हो सकतेहैं?

ओलावृष्टि से फसलों लोगो और पशुओं के अलावा, विशेष रुप से विमान, ऑटोमोबाइल, कांच की छत वाली संरचनाओं, रोशनदानों को गंभीर नुकसान हो सकता है |
मुख्य रूप से मार्च व अप्रैल के महीने में होने वाली ओलावृष्टि से फसल के पकने पर आम की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होता है और जब आम की बाग में फूल आते है |

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