Contaminated rice दुषित चावल ने निगला कई ज़िन्दगी, अनेक ग्रामीणों की तबियत बिगड़ी

Contaminated rice

सुजीत वैदिक

contaminated rice दुषित चावल खाने से कई ग्रामीणों की तबियत बिगड़ी

contaminated rice सुकमा। ग्राम पंचायत कोण्डासांवली के ग्राम पारलागट्टा तथा तारलागुड़ा के कनईगुड़ा एवं बैनपल्ली में शरीर, हाथ-पैर सूजने वाली बीमारी से मौते होने की खबरो के बाद मनीष कुंजाम एवं मेरे साथी भीमसेन मण्डावी ( दन्तेवाड़ा), महेश कुंजाम एवं अन्य 05 साथियों द्वारा मौके पर जाकर लोगों से पूछताछ कि गयी और कुछ बीमार व्यक्तियों से मिलने तथा अन्य जानकारियां लेने व रिपोर्ट के लिए मनीष कुंजाम भीमसेन मण्डावी ( दन्तेवाड़ा), महेश कुंजाम एवं 05 साथियों द्वारा मौके पर जाकर लोगों से पूछताछ की गई और कुछ बीमार व्यक्तियों से मिले तथा अन्य जानकारियां लीये, उसका रिपोर्ट का इंतजार है !

contaminated rice भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की 8 सदस्यों की टीम मनीष कुंजाम के नेतृत्व में ग्राम पारलागट्टा गई थी। वहां तारलागुड़ा पंचायत के ग्राम बैनपल्ली, कनईगुड़ा के लोग भी आये थे। कुछ बुखार से पीड़ित व्यक्तियों से मिले। तीन गांव के लोग एक जगह जमा हुए थे, वहां लोगों से पूछताछ किये, उससे जो जानकारी मिली है।

मौतो का आंकड़ा

contaminated rice लोगों ने कहा कि 13 अगस्त को कोण्डासांवली के राशन दुकान से जो चांवल लाये थे, उसको खाने के बाद यह बीमारी फैलना शुरू हुआ। मेडिकल जाँच रिपोर्ट में तथ्य अलग हो सकता है, लेकिन उनके शिकायत का भी बारीकी से जाँच किया जाना चाहिए। जो चांवल दिया गया था, उसे हम पेश कर रहे है और लोगों ने कहा कि इन गांवो के अलावा आसपास के गांवो में भी ऐसे बीमारी से मौतें हुई हैं।

ऐक्सपैरी दवा दी गई

contaminated rice ग्रामीणों ने कहा हमें जो दवाईयाँ दी गई थी, उसे लाकर दिखाये, दवाईयाँ सही दिया गया या गलत यह तो डॉक्टर ही जाने, लेकिन कई दवाइयां का एक्सपाइरी माह नवम्बर 2022 है। हमारा सवाल है कि क्या एक्सपायरी जिस महिना में हो रहा है उसी माह में इस्तेमाल के लिए दिया जाना सही है? दवाइयाँ संलग्न कर रहे है।. लोगों ने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र व राशन दुकान कोण्डासांवली के कर्रेपारा में खोलने के लिए ग्राम सभा रखकर प्रस्ताव पारित कर मांग की गई थी लेकिन सुनवाई के नही हुईं !

बोरिंग की पानी दुषित

पीने का पानी भी बीमारी का कारण हो सकता है। लेकिन वर्षो से लोग उसी बोरिंग व
झरना के पानी का इस्तेमाल कर रह है। ऐसा पहले कभी शिकायत नहीं मिला। फिर भी
जाँच आवश्यक है। अंत में हम लोगों ने बोरिंगो की स्थिति के बारे में पूछा और जानकारी
लिया तो लोगों ने जो बताया वह चिंता पैदा करने वाला है। ग्राम पारलागट्टा में 7 बोरिंग
में मात्र 1 ठीक-ठाक है, 2 बोरिंग में गंदा पानी आता है, बाकी खराब है। बैनपल्ली गांव में
बोरिंग में केवल एक ठीक है। कनईगुड़ा में एक भी बोरिंग नहीं है क्योंकि पहाड़ो के बीच
में यह गांव है।

चिकित्सको का इन्तजार

ग्रामीणों ने आगे कहा की हमारी मांग है कि उन गांवो में चिकित्सको की टीम भेजा जाये तथा हमें इन बिमारियों से बचा ली जाय और मौत के क्रम मे विराम लगे व हमारे अधिकारो की रक्षा हो !

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