Congress’s Black March : ईडी वाली टॉर्च और कांग्रेस का ब्लैक मार्च
Congress’s Black March : नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय के छापे में हवाला के सुबूत सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी और भी उग्र हो गई है। असल में ये पूरा मामला ही कांग्रेस की आलाकमान सोनिया गांधी से जुड़ा हुआ है।
उधर ईडी वाली टॉर्च की रौशनी कांग्रेस की आलाकमान पर क्या पड़ी, उनके पैरोकारों ने संसद में हंगामा मचाना शुरू कर दिया। ईडी की पूछताछ से तंग आ चुके राहुल गांधी ने इसको सियासी जामा पहना डाला।
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अब महंगाई और जीएसटी को लेकर कांग्रेस ने ब्लैक मार्च का आयोजन किया। इसमें बड़ी तादाद में काले लिबास में कांग्रेस नेताओं ने हिस्सा लिया। ये सभी लोग राष्ट्रपति से मिलने जा रहे थे।
जब कि राष्ट्रपति भवन के हवाले से खबर सामने आई कि इनको महामहिम ने मिलने तक की परमिशन नहीं दी थी। अब ऐसे में संघर्ष तो होना ही था, और हुआ भी वही।
विजय चौक पर राहुल गांधी- प्रियंका गांधी समेत तमाम कांग्रेस के सांसदों को भी दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
कुल मिलाकर ये प्रदर्शन सत्ता के मुखालिफ एक शक्ति प्रदर्शन था।
इसको कर के कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार को अपनी शक्ति का अहसास करवाना चाहती थी। इसमें वो कितनी कामयाब हुई ये तो देश की जनता ही बताएगी।
यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि जिसके भी हाथ में सत्ता की चाबी होती है। वही ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग करता आ रहा है।
कुल मिलाकर ये दोनों विभागों की शक्ल में विरोधियों को निपटाने के हथियार हैं। जो देश के किसी बहुत बड़े नेता के इशारे पर काम करते हैं। अब जिसका समय अच्छा होता है उसी के हाथ में ये हथियार रहते हैं।
लोकतंत्र में समान अधिकारों की बात करना और बात है। पर सियासी द्वेषवश किसी पर ऐसे अस्त्रों का प्रयोग करना दूसरी बात है। भारत में यह हमेशा से होता आया है।
यह काम भी कोई और नहीं एक बेहद ही जिम्मेदार नेता के इशारे पर होता है। जब कि ये सरासर गलत है। कई दशकों पुरानी इस कुपरंपरा का भी अंत होना चाहिए।
तभी हम एक बेहद मजबूत और अच्छे आदर्शों वाले भारत राष्ट्र की कल्पना कर सकेंगे।