CM Bhupesh Gave Instructions : छत्तीसगढ़ के चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान का बदलेगा नाम
CM Bhupesh Gave Instructions : Chhattisgarh के चंदखुरी, गिरौदपुरी और sonakhan का नाम बदल जाएगा।
अब चंदखुरी को माता कौशल्याधाम चंदखुरी, गिरौदपुरी को बाबा गुरु घासीदास धाम गिरौदपुरी और sonakhan को शहीद वीरनारायण सिंह धाम सोनाखान के नाम से जाना जाएगा।

जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग लंबे समय से इन स्थानों का नाम बदलने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के महापुरूषों और आस्था के केंद्रों को जनभावनाओं के अनुरूप नई
पहचान देने 3 स्थानों का नाम बदलने का निर्णय लिया है। राज्य शासन द्वारा जल्द ही राजपत्र में नए नामों की अधिसूचना जारी होगी।

बता दें कि संसदीय सचिव चंद्रदेव राय, गुरुदयाल सिंह बंजारे, इंद्रशाह मंडावी, यूडी मिंज तथा विधायक बृहस्पत सिंह, गुलाब सिंह कमरो और डॉ. विनय जायसवाल ने सोमवार को मुख्यमंत्री से गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने का आग्रह किया था।
छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री डॉ. महंत रामसुंदर दास ने भी जनआस्था को देखते हुए हरेली के दिन 28 जुलाई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चंदखुरी का नाम माता कौशल्याधाम चंदखुरी करने की मांग उठाई थी।
cmने इन मांगों पर निर्णय लेते हुए इन ऐतिहासिक स्थानों के नए नामकरण के निर्देश दिए हैं।
रायपुर से लगे चंदखुरी में विश्व का इकलौता कौशल्या मंदिर है। यहां माता कौशल्या के साथ भगवान श्रीराम अपने बालरूप में विराजे हैं। छत्तीसगढ़ को माता कौशल्या का मायका और श्रीराम का ननिहाल माना जाता है।

आस्था के केंद्र चंदखुरी को श्रीराम वन गमन पर्यटन परिपथ में शामिल कर वहां तालाब के बीच स्थित माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार और तालाब का सौंदर्यीकरण कराया है। तालाब के पास ही भगवान श्रीराम की विशालकाय प्रतिमा भी स्थापित की गई है।
Also read : https://jandhara24.com/news/109007/case-of-disorder-in-adarsh-u200bu200bgirls-hostel-notice-issued-to-hostel-superintendent-and-security-guard/
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में स्थित गिरौदपुरी सतनाम पंथ के लाखों अनुयायियों की आस्था का केंद्र है। यह बाबा गुरु घासीदास की जन्मस्थली और तपोभूमि है।
सतनाम समाज और स्थानीय लोग लंबे समय से गिरौदपुरी को बाबा गुरु घासीदास धाम गिरौदपुरी के नाम से करने की मांग कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने आज उनकी यह बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर दी है। गिरौदपुरी का नाम बदलने सतनाम पंथ ने सीएम का आभार भी जताया है।

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले का सोनाखान 1857 के पहले छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद veernarayan singh के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तारी के बाद 10 दिसंबर 1857 को उन्हें रायपुर के जयस्तंभ चौक में फांसी दे दी गई थी
sonakhan में जन्मे बिंझवार जनजाति के शहीद veernarayan singh की वीरता और गरीबों के लिए किए गए संघर्ष को संजोने जनप्रतिनिधि लंबे समय से सोनाखान का नाम उनके नाम से जोड़ने की मांग कर रहे थे।