Chhattisgarhi News today : प्रबंध संचालक के उदासीनता के चलते 1060.080 क्वींटल इमली हुई खराब
प्रबंध संचालक के उदासीनता के चलते 1060.080 क्वींटल इमली हुई खराब
हितग्राहियों को उठाना पड़ेगा नुकसान, मामला जिला यूनियन पूर्व भानु
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भानुप्रतापपुर। पूर्व वनमंडल भानुप्रतापपुर के प्रबंध संचालक श्री कृष्णा जाधव
के उदासीन रैवये के चलते लाखों कि इमली 2022-23 में 1060.080 क्वींटल खरीदी की गई।
समितियों के द्वारा अच्छी इमली खरीदकर विभाग को दी गई। दो माह बाद उस इमली को खराब बताते हुए खरीदी की गई इमली को वापस करने प्रबंधको को निर्देशित किया गया है।
प्रबंध संचालक के सही मार्गदर्शन नही होने के कारण इमली बेचने वाले गरीब हितग्राहियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
वही प्रदेश के मुखिया के सामने अपने वाहवाही लूटने के लिए प्रबंध संचालक हितग्राहियों से वृहद पैमाने पर अच्छी इमली खरीदी गई थी,जिसका भुगतान अभी तक नही हो पाया है,
अब उसी इमली को खराब कहते हुए प्रबंध संचालक द्वारा वापस किये जाने की तैयारी की गई, जिसकी भरपाई भोले भाले वनवासियों को चुकाना पडेगा।
विदित हो कि प्रदेश सरकार द्वारा वनवासियों को वनोपज का अधिक से अधिक लाभ मिल सके एवं अपने आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सके कि उद्देश्य से ही शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर वनोपज खरीदी कार्य समिति एवं समूह के माध्यम से प्रारंभ किया गया है।

वनोपज वन विभाग से सम्बंधित होने के कारण इनकी देख रेख व मॉनिटरिंग का कार्य वन विभाग को सौपा गया है। लेकिन विभाग के अधिकारी कार्य के प्रति उदासीन दिखाई दे रहे है।
गौतलब हो कि प्रबंध संचालक जिला यूनियन पूर्व भानुप्रतापपुर के दिशानुसार वर्ष 2022-23 में माह मई में
पोषक अधिकारी एवं प्रबंधक प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति सरण्डी, तडोकी एवं कलेपरस 1060.080 क्वींटल
वनोपज आटी इमली व फूल इमली अच्छी क्वालिटी के हितग्राहियों से खरीदी की गई थी। काफी दिनों बाद उस वनोपज संग्रहण कर कोल्डस्टोरेज पर भंडारण किया गया।
सही पैकिंग एवं रख रखाव के अभाव में आटी इमली व फूल इमली 80 प्रतिशत खराब हो गया है, जिसे हितग्राहियों को वापस करने के लिए प्रबंध संचालक के द्वारा पोषक अधिकारी एवं प्रबंधक प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति सरण्डी,
तडोकी एवं कलेपरस को पत्र लिखकर वापस करने का निर्दशित किया गया है। बड़े अधिकारी का पत्र मिलते ही पोषक अधिकारी एवं प्रबंधक सदमे में दिखाई दे रहे है,
क्योंकि बड़े साहब कि आदेश को मानना हमारी मजबूरी है,वही दूसरी ओर इतने समय बाद उन्हें खरब है करके वापस भी नही कर सकते क्योंकि खरीदी करते समय इमली अच्छी क्वालिटी की थी। बीच मझधार में फस गए है।
खरीदी के समय यदि प्रबंध संचालक का सही मॉनिटरिंग व दिशा निर्देश दिए होते तो शायद यह स्थिति निर्मित नही होती, अब सवाल यह उठता है कि ख़रीदी की गई खराब वनोपज की क्षतिपूर्ति की भरपाई कहा से की जाएगी।
प्रदेश सरकार की योजना को साकार करने में अधिकारी कितने सजग व गंभीर है इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है।
वनोपज खरीदी को लेकर हम बात करे तो प्रदेश में जिला यूनियन भानुप्रतापपुर का स्थान अच्छा रहा है। लेकिन नए साहब के आने से जिला यूनियन के कार्य प्रभावित हो रहे है।

वही कुछ हितग्राहियों का कहना है कि इससे तो अच्छा हम अपना इमली व्यापारियो
के पास बेचते तो भले ही कुछ कम रुपये मिलते लेकिन नगद भुगतान होता लेकिन फारेस्ट विभाग को बेचने पर आज दो माह भी भुगतान नही हुआ है
अब खराब कहते हुए वापस किये जाने की बात किये जा रहे है।
इस सम्बध में प्रभावित वनोपज समिति के प्रबंधक ने कहा कि हमारे द्वारा अच्छी इमली खरीद कर दो बार पैकिंग कराया गया उस समय हमें यह नही बताया गया कि खरीदी की गई इमली खराब है,
लेकिन आज दो माह बीत जाने उपरांत बिना कुछ जांच किये ही वापस किये जा रहे है जो समझ से परे है।