Chhattisgarh State Women Commission डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़  महिला आयोग ने की  53 प्रकरणों की सुनवाई

 Chhattisgarh State Women Commission

हिंगोरा सिंह

 

Chhattisgarh State Women Commission टर्मिनेट तहसीलदार को अपनी अंतिम भुगतान की राशि से पत्नी को देने होंगे 15 लाख रुपए, भरण पोषण हेतु 5 हजार रुपए प्रतिमाह देने के निर्देश

 

 

 

Chhattisgarh State Women Commission अंबिकापुर !  छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा ने बुधवार को जिला कलेक्टरेट सभाकक्ष अम्बिकापुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 242वी सुनवाई तथा जिला स्तर में 07वी सुनवाई की गई। सरगुजा, बलरामपुर एवं जशपुर जिले की जनसुनवाई में कुल 53 प्रकरणों में सुनवाई हुई।

Chhattisgarh State Women Commission सुनवाई के दौरान मानसिक प्रताड़ना के एक प्रकरण में दोनों पक्षों को विस्तार से सुना गया। आवेदिका और अनावेदक क्रमांक 01 लगभग 44 वर्ष पूर्व विवाहित है और दोनो निः संतान है। अनावेदक तहसीलदार के पद से 2007 से टर्मिनेट हो चुके हैं। प्रकरण के फैसले में बकाया भुगतान राशि लगभग 40 लाख रूपये का भुगतान होगा जिसपर आयोग द्वारा निर्देश दिए गए कि इस राशि में से अनावेदक को 15 लाख रूपये आवेदिका को देने होंगे।

 

यदि उससे अधिक राशि मिलती है तो उसमें से एक तिहाई राशि अनावेदक द्वारा आवेदिका को देनी होगी। वर्तमान में अनावेदक को प्रतिमाह 21700 रूपये मासिक पेंशन मिल रही है जिसमें से भरण पोषण हेतु प्रतिमाह 5 हजार रूपये आवेदिका को देगा। जशपुर जिले के इस प्रकरण की प्रतिमाह निगरानी संरक्षण अधिकारी जशपुर के द्वारा किए जाने के निर्देश दिए गए हैं तथा सरगुजा कलेक्ट्रेट में मामला निराकरण होने तक आवेदिका की मदद आयोग की सदस्य  नीता विश्वकर्मा द्वारा किया जाएगा। आवश्यकतानुसार कलेक्टर सरगुजा से चर्चा कर तथा आवेदिका का आवेदन दिलाकर अनावेदक को एक मुश्त मिलने वाली राशि आवेदिका को दिलाया जाएगा। प्रकरण एक वर्ष की निगरानी तक देकर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

प्रकरणों की सुनवाई के दौरान एक ऐसा प्रकरण सामने आया जिसमें आवेदक ने आयोग को बताया कि उन्होंने अपने लापता बच्चे के डीएनए परीक्षण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदक के संभावित पुत्र की मृत्यु 15 जून 2023 को हो चुकी है और मृतक का अंतिम संस्कार ईसाई धर्म के अनुसार किया गया था, आवेदक बच्चे का अवशेष निकलवाकर डीएनए परीक्षण कराना चाहते हैं। ताकि यह साबित हो सके कि वह आवेदक का पुत्र था। इसके सम्बन्ध में आयोग द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु जशपुर कलेक्टर को पत्र लिखा गया एवं प्रतिवेदन आयोग को प्रस्तुत करने कहा गया।

एक प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक उपस्थित हुए, जो पति पत्नी हैं। अनावेदक, प्राथमिक शाला ग्राम भैयाथान जिला सूरजपुर में वर्ष 2011 से कार्यरत है, जिनका 38 हजार रूपये मासिक वेतन है। आवेदिका ने बताया कि अनावेदक ने जुलाई 2023 से आवेदिका को घर से निकाल दिया था। दोनो का एक 5 वर्ष का बेटा है। जो आवेदिका के साथ रह रहा है।

 

अनावेदक ने अब तक अपने सर्विस बुक में अपनी पत्नी और बेटे का नाम दर्ज नहीं कराया है। अनावेदक ने सुनवाई के दौरान आयोग के समक्ष स्वीकार किया कि वह 15 दिवस के अंदर अपनी सर्विस बुक में अपनी पत्नी एवं पुत्र का नाम दर्ज करायेगा और उसकी जानकारी संरक्षण अधिकारी बलरामपुर को देगा।

 

जिसकी तस्दीक करने और कार्यवाही पूर्ण होने तक नियमित निगरानी संरक्षण अधिकारी के द्वारा किया जायेगा। इसके साथ ही आवेदिका द्वारा अनावेदक के अवैध संबंधों पर भी कार्यवाही हेतु गुहार लगाई गई जिसपर अनावेदक ने स्वीकार किया कि वह अनावेदक कमांक 02 और 03 के साथ वैध या अवैध संबंध नही रखेगा और उसके साथ कोई मेल जोल भी नहीं रखेगा। यदि ऐसा करता पाया जाता है तो आवेदिका उसकी शिकायत शिक्षा विभाग प्रमुख को कर अनावेदक क्रमांक 01 को सेवा से पृथक करा सकती है।

अनावेदक क्रमांक 01 ने आवेदिका के साथ अपने संबंध सुधार करने को स्वीकार किया है अपनी पत्नी और बेटे को अपने साथ रखने को तैयार है, आवेदिका भी अनावेदक के साथ रहने के लिये तैयार है। इस प्रकरण को एक वर्ष की निगरानी के लिये रखा गया। आयोग की सदस्य नीता विश्वकार्मा को फाईल अंतरित किया गया, उनकी रिपोर्ट आने पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा ।

एक अन्य प्रकरण में उपस्थित दोनो पक्षों ने अपनी बाते व्यक्तिगत स्तर पर करना चाही। जिसपर अध्यक्ष द्वारा आयोग की सदस्य श्रीमती विश्वकर्मा को प्रकरण दिया गया कि वह उभयपक्ष को अपने समक्ष बुलाकर दोनो पक्षो की बात सुनकर अपनी रिर्पोट तैयार कर आयोग को प्रस्तुत करें। जिसकी आगामी सुनवाई 4 मार्च को शाम 5:30 बजे की जायेगी।

एक अन्य प्रकरण में उपस्थित दोनो पक्षों को विस्तार से सुना गया, दोनो पक्षो के मध्य विभिन्न न्यायालय में मामले दर्ज हैं। अनावेदिका के दोनों बच्चों को भी सुना गया, जो वर्तमान में आवेदिका के साथ निवास करते हैं। दोनो बच्चे अपनी माँ के साथ रहने को तैयार नहीं है। आवेदिका के नाम के मकान में ऊपर के मंजिल पर अनावेदिका रहती है और नीचे की मंजिल का मकान खाली है, जिसकी चाभी आवेदिका के पास है किन्तु अनावेदिका के डर से आवेदिका उस मकान में रहना नहीं चाहती है। ऐसी स्थिति में इस प्रकरण को आगे सुनवाई किया जाना संभव नहीं होने से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

एक अन्य प्रकरण में उपस्थित आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ धारा 376 की रिपोर्ट दर्ज करा रखी है, जो प्रकरण अम्बिकापुर में विचाराधीन है। लेकिन आवेदिका, अनावेदक से सुलह करना चाहती है और अनावेदक भी तैयार है अतः प्रकरण आयोग की सदस्य और संरक्षण अधिकारी को दिया गया।

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इस प्रकरण पर निगरानी की जायेगी और आवश्यकतानुसार वकील की मदद लेकर सुलहनामा तैयार किया जाएगा। इससे पूर्व अनावेदक, आवेदिका से विधिवत विवाह करेगा और फोटोग्राफ तैयार कर प्रस्तुत करेगा। इसी आधार पर प्रकरण वापस कराया जाएगा। सुनवाई के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु सिंह तथा जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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