खराब सड़को की वजह से हो रहे हादसे, डेढ़ दर्जन लोगों ने गवाईं जान
(Chhattisgarh State) भानुप्रतापपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद अब तक दो बार कांग्रेस व भाजपा की सरकार प्रदेश में रही है। 20 वर्षों में सभी सरकार राज्य के चहुमुखी विकास की बात करते है लेकिन वास्तविकता देखा जाए तो जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रही है। कांकेर जिले की बात करे तो खनिज न्यास निधि के अलावा प्रतिवर्ष 38 करोड़ से अधिक राशि टेक्स के रूप में जमा करने के बावजूद भी यहा की सड़कों की स्थिति नही सुधर पाई है।
(Chhattisgarh State) भानुप्रतापपुर नगर सहित क्षेत्र में 3 हजार के लगभग मालवाहक ट्रकें है। प्रतिवर्ष इन वाहनों से शासन द्वारा करीब 38 करोड़ 27 लाख रुपये टेक्स के रूप में वसूले जा रहे है। इसके बावजूद क्षेत्र में सड़कों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। खराब व जर्जर सड़को के चलते आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है, जिससे क्षेत्र के लोगों की बेवजह मौत हो रही है। सड़क की स्थिति सुधारने के लिए कई बार आवेदन, धरना प्रदर्शन व आंदोलन किया गया लेकिन आज पर्यन्त तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
कांकेर जिले में भानुप्रतापपुर, दुर्गुकोंदल, अंतागढ़, कच्चे व भैसाकन्हार में लौह अयस्क का भंडार है। जहा पर गोदावरी माइंस, सीएमडीसी माइंस, पुष्प स्टील माइंस, मोनेट माइंस, बजरंग माइंस, निको जायसवाल की माइंस संचालित हो रही है। इनसे प्रतिदिन हजारों लाखों टन लौह अयस्क का परिवहन ट्रकों के माध्यम से किया जा रहा है। लौह अयस्क माइंस क्षेत्र होने के कारण ट्रकों की संख्या 3 हजार के ऊपर पहुच गई है। इनके लिए न तो बाईपास सड़क है और न ही ट्रांसपोर्टनगर। भारी वाहनो के बढ़ते आवागमन के चलते कई लोग अकाल ही मौत के मुंह मे समा गए।
इतनी ट्रकों का रोज हो रहा आवागमन
(Chhattisgarh State) माइंस बाहुल्य होने के चलते यहां कई परिवहन संघ संचालित हैं। भानुप्रतापपुर परिवहन संघ के पास कुल 1300 ट्रके है। इसी प्रकार दुर्गुकोंदल परिवहन संघ के पास 150, अंतागढ़ परिवहन संघ के पास 150, कच्चे परिवहन संघ के पास 350, चारगांव समिति के पास 50, चेमल समिति में 20, कांकेर से 20 वही डायरेक्ट वाहनों की संख्या 500 के आस-पास है। यदि इन वाहनों की गणना करे तो कुल 3 हजार 35 वाहनो का क्षेत्र में रोजाना आवागमन हो रहा है।
मालवाहकों से करोड़ो रुपये की राजस्व वसूली
ट्रक चलाने के किये वाहन मालिकों द्वारा रोड टेक्स शासन को दिया जाता है। एक वाहन से शासन के खाते में एक लाख से अधिक राशि टेक्स के रूप में जा रही है। यहाँ कुल वाहनो की संख्या 3035 है, जिससे प्रति वर्ष 38 करोड़ 27 लाख 13 हजार 500 रुपए रोड टेक्स के रूप में जा रही है।
वाहन मालिक बताते है कि रोड टेक्स के नाम से हर तीन माह में 8400 रुपए देने होते है। वर्ष में चार बार मतलब 33 हजार 600 रुपए, वाहन के फिटनेस के नाम से प्रतिवर्ष 10 हजार, वाहन की इंश्योरेंस प्रतिवर्ष 60 हजार, एवं परमिट की राशि प्रतिवर्ष 22 हजार 600 रुपए यदि इन चारों टेक्स की राशि को जोड़े प्रतिवर्ष 1 लाख 900 रुपये होते है। इनके अलावा टोल टैक्स, लायसेंस रिनीवल अन्य शुल्क भी है।
खराब सड़को की वजह से हो रहे हादसे
(Chhattisgarh State) क्षेत्र में सड़कों की हालात बहुत ही खराब है। रोजाना हजारों ट्रकों के आवागमन से सड़क पर गड्ढों और धूल का गुबार आसानी से देखा जा सकता है। इन सड़कों की वजह से कई लोग हादसों का शिकार हुए हैं और असमय ही अपनी जान गवां बैठे।
आकड़ो की बात करें तो विगत जनवरी से दिसम्बर तक एक साल में 48 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें 20 लोगों की मौत हुई और 10 गंभीर रूप से घायल हुए।
अब इन हादसों का जिम्मेदार किसे माना जाए यह बड़ा सवाल है। ट्रक मालिक रोड टेक्स पटा रहे हैं ताकि क्षेत्र की सड़कें अच्छी बने और आवागमन सुगम हो। वहीं दूसरी ओर इतनी बड़ी राशि शासन को देने के बावजूद क्षेत्र के लोगों को खराब सड़के नसीब हो रही हैं, साथ ही अपने चहेतों की जान भी गवानी पड़ रही है।