Chhattisgarh Raipur : मुख्यमंत्री करेंगे खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई नवगठित जिले का शुभारंभ
नये जिला निर्माण से नई उम्मीद और संभावना के रास्ते खुलेंगे
खनिज और संसाधनों से समृद्धि होने से औद्योगिक विकास को मिलेगी गति
खैरागढ़ स्थित राजा फतेह सिंह खेल मैदान में 3 सितम्बर को नवगठित जिले का होगा शुभारंभ
रायपुर, 01 सितम्बर 2022
Chhattisgarh Raipur : खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला अब राजनांदगांव जिले से अलग होकर एक नए प्रशासनिक इकाई का स्वरूप लेगा। खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला का क्षेत्र लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहा है।
प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने से शासन-प्रशासन इन क्षेत्रों में जनसामान्य के और निकट पहुंचेगा। इस नए जिले का आगाज 3 सितम्बर को होने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल दोपहर 1 बजे खैरागढ़ स्थित राजा फतेह सिंह खेल मैदान में
आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवगठित 31वें जिले ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’ का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर वे 364 करोड़ 56 लाख रूपए के 95 विकास कार्यो की सौगात भी देंगे।
इसके अलावा 213 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 37 लाख 48 हजार रूपए की सामग्री का वितरण करेंगे।
Chhattisgarh Raipur : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद नए जिले निर्माण के गठन के लिए राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित हो गई है। जिला प्रशासन द्वारा जहां जालबांधा को उप तहसील का दर्जा दिया गया।
वहीं साल्हेवारा को तहसील का दर्जा देने के लिए राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई है। इन कार्यो से जनसामान्य में उत्साह एवं हर्ष व्याप्त है। आने वाले समय में आम जनता को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और इन क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन होंगे
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तथा तीव्र गति से विकास होगा। नया जिला बनने से जनआकांक्षाओं को अभिव्यक्ति मिली है और नई उम्मीद और नई संभावना के रास्ते खुले हैं। खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला सघन वनों से आच्छादित है और प्रचुर मात्रा में वन संपदा से समृद्ध है।
नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई नवीन जिला दुर्ग संभाग के अंतर्गत होगा। इसकी जनसंख्या 3 लाख 68 हजार 444 है। कुल ग्रामों की संख्या 494 तथा 3 नगरीय निकाय हैं। दो उप खण्ड खैरागढ़ एवं गण्डई-छुईखदान होंगे। 3 तहसील
गण्डई, छुईखदान, खैरागढ़ होंगे। वहीं 2 विकासखण्ड छुईखदान एवं खैरागढ़, 16 राजस्व निरीक्षक मंडल होंगे। इस नवीन जिले में 13 हजार 562 राजस्व प्रकरणों की संख्या, 1 लाख 18 हजार 183 हेक्टेयर कुल मकबूजा रकबा, 37 हजार
14 हेक्टेयर कुल गैर मकबूजा रकबा, 1 लाख 55 हजार 197 हेक्टेयर कुल राजस्व क्षेत्रफल, कुल खातेदारों की संख्या 1 लाख 53 हजार 663, 107 पटवारी हल्का, 221 ग्राम पंचायत, 338 कोटवार, 316 पटेल है। इस नवीन जिले के उत्तर
में जिला कबीरधाम, दक्षिण में तहसील डोंगरगढ़, तहसील राजनांदगांव जिला-राजनांदगांव, पूर्व में तहसील साजा जिला-बेमेतरा, तहसील- धमधा जिला दुर्ग और पश्चिम में तहसील लांजी जिला- बालाघाट (मध्यप्रदेश) की सीमा से लगी हुई है।
नया जिला बन जाने से यहां के नागरिकों को काफी राहत मिलेगी और कई महत्वपूर्ण कार्य आसानी से होंगे। प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने का फायदा आम जनता को मिलेगा। बुनियादी सुविधाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, खाद्यान्न लोगों तक
आसानी से उपलब्ध होगी और सुविधाओं का विस्तार होगा। वहीं शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन दूरस्थ अंचलों तक आसानी होगा। रोड कनेक्टिविटी, पुल-पुलिया के निर्माण से सुदूर वनांचल के क्षेत्रों में आवागमन की
सुविधा बढ़ेगी। इससे पहले दूरस्थ अंचलों के ग्रामीणों को राजनांदगांव जिला मुख्यालय आने के लिए 40 किलोमीटर लंबी दूर का सफर तय करना होता है।
खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला के सघन वनों में लघु वनोपज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। कोदो, कुटकी, रागी, भेलवा, बहेड़ा, कालमेघ, लाख, माहुल पत्ता का संग्रहण कर इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लघु वनोपज संग्राहकों को रोजगार एवं
आर्थिक लाभ मिल रहा है। इस क्षेत्र में विकास के और भी नए रास्ते खुलेंगे। वृक्षारोपण, वनोपज विदोहन, नरवा विकास, वन एवं वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में कार्यों में प्रशासनिक कसावट आएंगी तथा विकासोन्मुखी सुविधाओं का विकास होगा।
Chhattisgarh Raipur :हाल ही में खैरागढ़ वनमंडल के गण्डई वन परिक्षेत्र अंतर्गत लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र के स्थापना की स्वीकृति प्राप्त हुई है। 70 लाख रूपए की लागत से स्थापित होने वाले इस लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र से वनोपज आधारित आजीविका के साधन सुलभ होंगे तथा सतत रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला खनिज संसाधनों के मामले में भी समृद्ध है, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। खैरागढ़ क्षेत्र में चूना पत्थर गौण खनिज उपलब्ध है।
वहीं इसके साथ ही क्वार्टजाईट, सिलिका सेण्ड, ईट मिट्टी जैसे खनिज उपलब्ध हैं। वहीं छुईखदान क्षेत्र में मुख्य खनिज चूना पत्थर उपलब्ध है तथा साधारण पत्थर एवं लौह खनिज अयस्क मिलने की संभावना है।
शासन द्वारा 220 करोड़ 7 लाख 19 हजार रूपए की लागत से निर्माणाधीन सिद्धबाबा जलाशय लघु सिंचाई परियोजना से इस क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी।
यहां लमती नदी में बनने वाले परियोजना से 34 ग्राम लाभान्वित होंगे तथा 1 हजार 840 हेक्टेयर की भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। कृषि क्षेत्र में विकास के अवसर बढ़ेगे।
वहीं सुरही जलाशय लघु सिंचाई परियोजना अंतर्गत वेस्ट वियर की ऊंचाई बढ़ाने तथा नहर का विस्तार का जीर्णाेद्धार, लाइनिंग कार्य तथा नहर विस्तार किया जा रहा है।
Chhattisgarh Raipur :जिससे सिंचाई के रकबा में 120 हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी होगी। पिपरिया जलाशय मध्यम सिंचाई परियोजना से 91 ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं तथा 6 हजार 240 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई हो रही है।
नया जिला गढऩे की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाये जा रहे हैं और आने वाले वर्षों में इसके सुखद परिणाम मिलेंगे।