Chhattisgarh government : छग सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल स्वामी आत्मानंद स्कूल

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Chhattisgarh government  छग सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल स्वामी आत्मानंद स्कूल

Chhattisgarh government  चारामा। छग सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल स्वामी आत्मानंद स्कूल नगर में सुविधाओं के आभाव में संचालित हो रहा है कमरे की कमी के चलते स्कुल को दो पालियों में संचालित करना पड़ रहा है। यही सबसे बडी समस्या शौचालय की सामने आ रही है।

Chhattisgarh government  विदित हो कि शासन की मंशा अनुसार नगर मे 2020-21 में आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का शुभारंभ नगर के बालक हाईस्कूल चारामा स्कूल में हुआ। हालाकि अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम संस्थाएँ एक साथ संचालित है लेकिन दोनो स्कुलों के एक साथ संचालन के लिए जितने कमरों की आवश्यकता है उससे भी आधे कमरे होने के चलते गजबूरी वश स्कूल को दो पालियों में संचालित करना पड रहा है आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम से केजी बन से लेकर कक्षा 12वी तक 14 कक्षाएँ और हिन्दी माध्यम में कक्षा पहली से कक्षा 12वी तक कुल 18 कक्षाएँ कुल 32 कक्षाएं संचालित हो रही है।

लेकिन पुरे स्कुल मे सिर्फ 19 ही कमरे है। अन्य कमरों में प्राचार्य कक्ष, स्टॉफ कक्ष, लेब, संचालित है। अब 19 कक्ष मे स्कुल को संचालित करने के लिए हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम यो स्कुलो को दो पालियों में संचालित किया जा रहा है।

Chhattisgarh government  जिसमे हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के कक्षा 8वी तक के कक्षाओ को सुबह पाली मे और कक्षा 09 वी से 12वीं तक की कक्षाओं को द्वितीय पाली में संचालित किया जा रहा है। ऐसे में इस कडकडाती ठंड में सुबह 07.30 बजे से स्कुल संचालित कर पाने में शिक्षको और बच्चो को दिक्कते आ रही है।

साथ ही अंग्रेजी माध्यम के स्कुल जिसमे एक ही कक्षा पहली से 12वी तक के लिए एक ही प्राचार्य और शिक्षक कार्यरत् है उन्हें सुबह से लेकर स्कुल बंद होते तक अतिरिक्त समय देकर कार्य करना पड रहा है। पालको को भी इस ठंड के मौसम में दिक्कतो को सामना करना पड़ता है। यही कई पालको का कहना है कि अलग अलग पालिया संचालित होने से उन पालको को दिक्कत है जिनके यहाँ से संस्था में दो लोग इस संस्था में पढ रहे है।

Chhattisgarh government उन्हें दो बार जाने और आने से समय की भी बर्बादी हो रही है क्योंकि संस्था मे दुर दुर से बालक बालिकाएं पढते है। ऐसे मे दो पालियों से पालको को बच्चो को लाने ले जाने में दिक्कते हो रही है। इसके अलावा सबसे बडी संगस्या शौचालय की है। जिसके सबसे ज्यादा दिक्कत महिला और युवतियों को है। क्योंकि यह बालक स्कुल था, और नई भवन भी बालक स्कुल के संचालन के समय जिसमे बालको के अनुसार सिर्फ नए भवन मे 06 शौचालय बनाये गये।

जबकि वर्तमान मे पुरे संस्था मे सिर्फ बनी। 400 से अधिक बालिकाएँ अध्ययनरत् है। बालको की संख्या इससे दुगने है। वही दोनों संस्थाओं को मिलाकर लगभग 70 से अधिक का स्टॉफ है। ऐसे मे लगभग 1000 छात्र छात्राओं के बीच महज 06 शौचालय ही निर्मित है। जिसमे लडकियो के लिए एक भी शौचालय नहीं है। वर्तमान मे बालको के लिए बनाये गये शौचालय से कार्य निष्पादन हो रहा है।

Chhattisgarh government वही आत्मानंद स्कुल में मुख्य द्वार पर गेट नहीं होने से आये दिन स्कूल में रात्रि में स्कुल परिसर नशेड़ियों का अड्डा बना रहता है। बीते कुछ दिनों से कुछ साईकिलो के दिन मे चोरी होने की वारदाते भी सामने आई है। अतिरिक्त कमरो और शौचालय के लिए संस्था के प्राचार्य के द्वारा पूर्व कलेक्टर चंदन कुमार को पत्र लिखा गया था, जिसके बाद जिला कलेक्टर ने पीडब्ल्यू डी विभाग को कमरो और शौचालय के लिए स्टीमेट बनाने का आदेश दिया था।

Chhattisgarh government जिसमे पीडब्ल्यु डी विभाग ने बालक बालिका शौचालय सहित बालिका अतिरिक्त रूम और नये भवन मे उपर नये कमरों के निर्माण के लिए 50 लाख रुपये का स्टीमेट बनाकर शासन को लगभग 08. माह पूर्व भेजा है लेकिन अभी तक शासन से स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से असुविधाओं मे स्कुल संचालित हो रहा है। मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री से आत्मानंद स्कुल के लिए मुख्य द्वार पर गेट की माँग की गई थी. जिस पर मुख्यमंत्री ने 2.50 लाख रूपये के गेट की स्वीकृति दी थी !

Chhattisgarh government  जिसका बजट भी पंचायत विभाग को मिल चुका है। लेकिन बजट आने के लिए 04 माह बाद भी निर्माण शुरू तक नहीं हो पाया है। इस सम्बद्ध मे जनपद पंचायत एसडीओ ने बताया कि राशि आने के बाद आचार संहिता लगने के चलते कार्य नहीं हो पाया है। जल्द द्वार के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा वही पालको ने शासन प्रशासन से स्कूल में सुविधाएँ प्रदान करने एंव अतिरिक्त कमरे के जल्द निर्माण की माँग की है। ताकि एक ही पाली में स्कूल संचालित हो सके !

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