Chhattisgarh Film and Visual Art Society छत्तीसगढ़ क्लब में नाटक एक लड़की पांच दीवाने का मंचन
Chhattisgarh Film and Visual Art Society रायपुर। छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसायटी की ओर शनिवार को नाटक एक लड़की पांच दीवाने का मंचन राजधानी रायपुर सिविल लाइन स्थित छत्तीसगढ़ क्लब में किया गया। हरिशंकर परसाई द्वारा लिखित इस नाटक का निर्देशन रचना मिश्रा ने किया। पांच लड़की एक दीवाने यह नाटक वर्तमान समय के प्रेम की दास्तां को दर्शाता है नाटक एक ओर दर्शकों को गुदगुदाता है।
साथ ही यह संदेश देता है कि लड़कियां लड़कों की चापलूसी से नहीं उनकी काबलियत से प्रभावित होती हैं। जिस प्रकार वर्तमान में लड़कियों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए आजकल लड़के अजीबोगरीब हरकतें करते हैं। हाल यह होता है कि एक -एक लड़की के कई दीवाने होते हैं और ये दीवाने अपने मन में प्रेमिका मान बैठे लड़की को इंप्रेस करने के लिए हर मुमकिन प्रयास करते हैं। यही दिखाया गया नाटक ‘एक लड़की पांच दीवाने में’।
नाटक मध्यवर्ग की एक ऐसी लड़की के इर्द-गिर्द घूमता है जिसकी खूबसूरती का पूरा मोहल्ला दीवाना है। मौहल्ले के बीस से लेकर पचास साल के पुरूष उसे अपनी प्रेमिका की नजर से देखते हैं। यह दीवानें उसे प्रभावित करने के लिए कुछ भी करने को हर पल तैयार रहते हैं। जिसके लिए पांच दीवाने उस लड़की की छोटी बहन की मदद करने में एक दूसरे से होड़ लेते हैं। इन दीवानों की दीवानगी लड़की को चतुर बना देती है। हास्य से भरपूर यह नाटक युवाओं की मनोस्थिति को दिखाती है।
नाटक में बताने की कोशिश की गई है कि मध्यम वर्ग की लड़की प्रेम के उपर अर्थ और धन को प्राथमिकता देती है, लेकिन नाटक के अंत में लड़की इन सब दीवानों को नकार कर किसी और से शादी कर लेती है। उसकी शादी के बाद पांचों दीवानों को जैसे सांप सूंघ जाता है। आखिर में पांचों दीवाने कहते हैं दिल के टुकड़े टुकड़े कर के कहां चल दिए …
हरिशंकर परसाई की कहानी आज भी है प्रासंगिक
छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसायटी के अध्यक्ष सुभाष मिश्रा कहा हरिशंकर परसाई के इस नाटक को नए और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है जो आज भी प्रसांगिक है नाटक के जरिए लड़कों की मानसिकता के बारे में बताया गया है कि हर दीवाना बस इस उम्मीद में जीने लगता है कि वह लड़की एक दिन उसके प्रेम प्रस्ताव को स्वीकार कर लेगी। अगर लड़की ने कभी मुस्कुरा कर देख लिया तब तो उनका पागलपन चरम पर पहुंच जाता है। लेकिन प्रैक्टिकल सोचने वाली लड़की कभी भी अपने परिवार और समाज से परे नहीं जाती है यही इस नाटक में दर्शाया गया है
स्टेज पर
समीर शर्मा
उमेश उपाध्याय
सूर्या तिवारी
पल्लवी चंद
सृष्टि रानी
मंगेश कुमार
पिंकू वर्मा
गौरव साहू
मयंक साहू
लोकेश कुमार यादव
अभिषेक उपाध्याय
संजना नरवानी
आदित्य देवांगन
वरुण देवांगन