Chhattisgarh : प्रभारी रेंजर की भारी पहुँच , 6 रेंजों में से 1 रेंज में आज भी प्रभारी रेंजर की ताजपोसी बरकरार

Chhattisgarh :

Chhattisgarh छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ +चिरमिरी + भरतपुर (mcb) जिले में स्थित वनमंडल मनेंद्रगढ़ अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्रों में प्रभारी रेंजरों की भरमार थी । जो लगातार अपने कार्य कार्यशैली को लेकर मीडिया में सुर्खियां बटोरते रहे ।

जिसके बाद वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने से बड़े पैमाने में डिप्टी रेंजरों के प्रमोशन बाद तबादला आदेश जारी किए जिससे लगभग मनेंद्रगढ़ के 4 वन परिक्षेत्रों में तो फूल फ्लेस रेंजरों की पूर्ति की गई परंतु न जाने किसकी मेहरबानी थी कि मनेंद्रगढ़ वन मंडल के बहरसी वन परिक्षेत्र पर दया दृष्टि बरसाते हुए प्रभारी रेंजर का न प्रभार बदला न ही प्रमोशन हुआ इतना ही नही बहरसी में फूल फ्लेस रेंजर की पद स्थापना भी नही की गई।

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जिससे डिप्टी रेंजर जो कि पूर्व व वर्तमान में प्रभारी रेंजर का कार्यभार सम्हाल रहे है। उनकी शहंसाहत बरकरार रखी गई है। जो प्रमोशन व तबादला आदेश पर सवालिया निशान लगा रहा है। आपको बता दे बहरसी वन परिक्षेत्र में पदस्थ वर्तमान प्रभारी रेंजर इंद्रभान पटेल की अब तक की सेवा अवधि लगभग 2 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। विभाग ने डिप्टी रेंजरों को प्रमोट कर रेंजर बनाया पद स्थापना दी पर बहरसी वन परिक्षेत्र में अंगद के पैर की तरह जमे प्रभारी रेंजर पर प्रभाव न डाल सके जो ऊंची पहुच की ओर इशारा करते है।

सुर्खियों में प्रभारी रेंजर

शुरवाती दौर में डिप्टी रेंजर को भारी रेंजर की पद स्थापना के लिए आगामी आदेश तक के लिए वन परिक्षेत्र कुँवारपुर का प्रभारी रेंजर नियुक्त किया गया जिसके लगभग एक साल बाद उन्हें वन परिक्षेत्र बहरसी का प्रभारी रेंजर आगामी आदेश तक के लिए नियुक्त किया गया इस बीच प्रभारी रेंजर निर्माण कार्यो में अनियमितता,आरटीआई में अपना नियम कानून बताने जैसे कई मामलों में मीडिया में चर्चित हुए और एक छाप छोड़ी जिसके बाद भी विभाग प्रभारी रेंजर पर ही विश्वशिनीय बना रहा यही कारण मालूम पड़ता है कि विभाग ने इनाम के तौर पर इन्हें न प्रमोट किया और न ही इनसे प्रभारी रेंजर का ताजा छीना क्योकि विभाग को प्रभारी रेंजर पर काफी ज्यादा भरोसा जान पड़ता है।

5 में फूल फ्लेस रेंजर 1 के साँथ सवतेला व्यवहार

मनेंद्रगढ़ वन मंडल अंतर्गत आने वाले परिक्षेत्रों में पूर्व की बात करे तो एक ही फूल फ्लेस रेंजर थे जिन्हें वन परिक्षेत्र केल्हारी में पदस्थ किया गया था बाकी 5 परिक्षेत्र प्रभारी रेंजरों के मत्थे थे। प्रभारियों के करामातों को लेकर लगातार समय समय पर मीडिया प्रकाशित करती रही लेकिन जांच उपरांत कड़ी कार्यवाही जैसी बात सामने नही आई खाना पूर्ति जैसी कार्यवाही मानी जा सकती है।

विभाग ने देर ही सही पर रेंजरों की 4 और वन परिक्षेत्रों में फूल फ्लेस रेंजरों के भरोसे छोड़ा पर एक बात लोगो को हजम नही हो रही कि सब ठीक हुआ फिर बहरसी वन परिक्षेत्र के साँथ सवतेला व्यवहार किया गया जहा सालों से जमे प्रभारी रेंजर को प्रभार मुक्त कर फूल फ्लेस रेंजर की पद स्थापना नही की गई। जो ऊंची पहुच को दर्शाता है।

देखना होगा खबर प्रकाशित के बाद कब तक विभाग के उच्य अधिकारियों की नजर इस बहरसी वन परिक्षेत्र में पड़ती है। कुछ नाराज लोगो का कहना भी है कि जल्द बहरसी वन परिक्षेत्र में फूल फ्लेस रेंजर की पद स्थापना नही की गई तो मुख्यमंत्री से लेकर वन मंत्री व विभागीय मुख्यशीर्ष अधिकारियों को शिकायत पत्र सौपी जाएगी कुछ स्थानीय राजनीतिक से जुड़े व्यक्तियों ने तो आंदोलन तक कि भी बात कह दी है।

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