Chhattisgarh : समृद्ध परम्परा और सांस्कृतिक संपन्नता के जीवंत उत्सव है मड़ई-मेला…डीपेंद्र साहू
Chhattisgarh : भारतीय धार्मिक मान्यताओं में क्षेत्रीय देवी- देवताओं के पूजनविधियो में एक मड़ई- मेला भी प्रत्यक्ष उदाहरण स्वरूप ग्रामीण अंचलों में देखने को मिलता है जो कि अपना थोड़ा स्वरूप बदलते हुए ग्रामीण उत्सव की छटा भी समाहित करती है ऐसे ही ग्राम सिवनी एवं तेन्दूकोंहा के मड़ई उत्सव में ग्रामीण जनो के मेल- मिलाप मंच में धमतरी
Chhattisgarh Special News : भेंट-मुलाकात : सिहावा विधानसभा, ग्राम खिसोरा
Chhattisgarh : विधायक श्रीमती रंजनासाहू जी के प्रतिनिधि डीपेंद्र साहू जी ने अपने उद्बोधन में मड़ई महोत्सव की बधाई देते हुये बताया छत्तीसगढ़ की स्वस्थ परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीकों में एक हमारा यह मड़ई – मेला है जो हमारे धमतरी अंचल में षष्ठ दिवसीय त्योहार दीपावली के पश्चात प्रथम शुक्रवार चंवर मड़ई जो कि अब गंगरेल में वनदेवी मां
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अंगारमोती की पूजन से प्रारंभ होकर अन्यान्य क्षेत्र व ग्रामो में होता है यह हमारी धार्मिक पृष्ठभूमि में समाज- आर्थिक सामुदायिक आवश्यकताओं के अनुरूप वर्तमान में मेलो की चमक को भी बढ़ रहा है मड़ई उत्सव में हमे आयोजन क्षेत्र के पूज्य देवी देवताओं का आशिर्वादवहां से आये देव प्रतीक डांग से प्राप्त होती है उन्होंने आगे बोलते हुए बताया
– हमे अपनी छत्तीसगढ़िया परंपरा में दीपावली उपरांत मातर – मड़ई और मेला जो कि अन्यान्य देवस्थलों में उत्सवमनाने का स्वरूप बुजुर्गों से प्राप्त लोकव्यवहार को सुचारू रूप करने का संस्कार प्राप्त हुए है
इसी कड़ी में अवनेंद्र साहू जनपद उपाध्यक्ष नेकहा मड़ई निश्चित ही हम छत्तीसगढ़ियों के उत्सव है ही इसी के साथ हमे अपने परिवार इष्ट- मित्रो से मेल- मिलाप के भी सुअवसर देता है किसान द्वारा चार माह किसानी से प्राप्त आर्थिक सुदृढ़ता से प्राप्त खुशियों के लिए भी अपने ग्राम देवताओं की पूजन कर धन्यवाद करना और आगे भी हमारी रक्षा- सुख
समृद्धि बनाये रखनी प्रार्थना होती है आगे उद्बोधन में राकेश साहू ने दीपो से हर्षित- प्रफुल्लित त्योहार बाद से ही हम छत्तीसगढ़िया लोगो के लिए ग्रामीण उत्सव स्वरूप मड़ई- मेला जो कि प्रत्येक गांव – देव स्थलों में मनाने का अवसर प्राप्त होता है हमे अपनी सुदृढ संस्कृति को अपने आने वाली पीढ़ियों में भी संस्कार स्वरूप देने के बहुत सुंदर अवसर देता है हमे अपने परिवार -ग्राम से प्राप्त रीति- रिवाजों को
आगे बढ़ना है तो वही व्याप्त कुरीतियों – नुकसानदायक मार्गो का त्याग कर सुदृढ परिवार – सुदृढ ग्राम बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा
मेल मिलाप के इस अवसर पर शिवदत्त उपाध्याय, आशा बघेल सरपंच,देरहु राम साहू, बलराम पटेल, योगेश साहू, तुलाराम साहू ,थानुराम साहू ,बलिराम साहू ,सोहन यादव ,दाऊलाल डहरे, ईश्वर ध्रुव, हेमंत ध्रुव ,अमीर मरकाम, धनुष साहू, विमल साहू शंकरलाल नेताम विशेष रूप से उपस्थित रहे