CG Balodabazar Special News : स्वयं दृष्टिहीन पर अब युवाओं को ज्ञान के प्रकाश से करेंगे आलोकित रचेंगे देश का भविष्य…पढ़िये पूरी स्टोरी
बलौदाबाजार हेमन्त मिश्रा
CG Balodabazar Special News : स्वयं दृष्टिहीन पर अब युवाओं को ज्ञान के प्रकाश से करेंगे आलोकित रचेंगे देश का भविष्य.
कहते है ईश्वर किसी व्यक्ति के बनावट मे कोई कमी रखता है तो उसके अंदर कुछ अद्भुत चीज भी डालता है ताकि वह
CG Balodabazar Special News : उसका उपयोग कर अपना नाम रौशन कर सके. जी हाँ यह बात सच साबित हुई है और इसे कर दिखाने वाले है बलौदाबाजार जिले के पलारी विकासखंड के छोटे से गाँव के निवासी उत्तम कुमार वर्मा ने. और उत्तम स्वयं जन्म से दृष्टिहीन
है पर अपने ज्ञान के प्रकाश से युवाओं को शा दाऊ कल्याण महाविद्यालय बलौदाबाजार मे इतिहास की शिक्षा देंगे. जिले मे जैसे ही यह खबर आई कि ग्राम दतान पलारी का युवक प्रोफेसर बन गया तो ग्रामवासियों मे खुशी का ठिकाना न रहा.
उत्तम कुमार वर्मा वह शख्शियत है् जिन्होंने जीवन में आए कठिन संघर्षों से जूझते हुए विजय प्राप्त की और अपनी सफलता की कहानी लिखी है। सफलता की कहानी भी ऐसी कि ऐसे लोग जो सबकुछ देख व सुन सकते है पर करते कुछ नही है
और हमेशा अपने मातापिता और अन्य लोगों को दोष देते है.
कहते हैं ना अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात आपको वो चीज दिलाने में जुट जाती है, कुछ ऐसा ही बलौदाबाजार जिले के ग्राम दतान पलारी निवासी उत्तम कुमार के साथ हुआ है। उत्तम कुमार वह शख्स है जो कि बचपन से
CG Balodabazar Special News : पूर्णत नेत्रहीन छात्र रहते हुए तैयारी की और अपने मेहनत और डिप स्टडी के दम पर इस मुकाम पर पहुंचे है कि वह अब जिला बलोदाबाजार के टॉप कालेज डीके स्नातकोत्तर महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर (इतिहास) के पद पर नियुक्त होकर युवाओं को शिक्षा देने काम करेंगे..
ग्राम दतान जैसे छोटे से गांव से निकलकर रायपुर तथा रायपुर से दिल्ली और दिल्ली से चंडीगढ़ तक का सफर काफी प्रेरणादायक है।
रायपुर के शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय में पढ़े उत्तम कुमार ने अच्छे ग्रेड के साथ 12वीं की परीक्षा को पास किया था, लेकिन परिस्थितियों को कुछ और ही मंजूर था।
उनके बाकी साथियों ने जहां छत्तीसगढ़ में पढ़ाई की वही उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के टॉप कालेज हंसराज कालेज से अपना ग्रेजूवेशन पूरा किया। उनके लिए ग्रेजुवेशन भी किसी चुनौती से कम नहीं था। इसके लिए उन्होंने बाकायदा कंप्यूटर
की ट्रेनिंग पूरी की साथ ही साथ वे एंड्रॉयड फोन भी चलाना सीखा। उसे किसी ने नहीं बनाया है और किसी ने उनका मार्गदर्शन नही किया है। उत्तम बस यूं ही आगे बढ़ता चलता गया और जीवन में आई विपरीत परिस्थितियों से सीख लेता
गया। उनका ध्येय एक ही था एक कुशल शिक्षक बनना। और आज प्रोफेसर के पद पर नियुक्त होकर उन्होंने उसे पूरा कर दिखाया है।
पारिवारिक स्थिति….
उत्तम वर्मा के पिता सामान्य किसान तो मां है गृहणी, पांच भाई और तीन बहनों में सबसे छोटे है . जन्म से दृष्टि बाधित होने के बावजूद मातापिता के साथ भाईबहन इनके सहारा बने और लगातार हौसला बढाते रहे जिसका सुखद परिणाम मिला और आज उनका लाडला प्रोफेसर बन गया.
उत्तम वर्मा के इस सफलता से उन लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए और कुछ अच्छा बनने और कर गुजरने के सपने देखना चाहिये जो इन्होंने देखा और लक्ष्य बनाकर डटे रहे और तब तक हार नही मानी जब तक लक्ष्य पूरा नही कर लिया.
उत्तम वर्मा कहते है सभी लोग सपने देखें और उन सपनों को पाने के लिए मेहनत भी भरपूर करें अपनी कामयाबी की कहानी लिखे।
आगे बताते है बचपन में जब रायपुर के दृष्टि बाधित स्कूल में उनका दाखिला तो स्कूल छोड़कर अपना घर जाना चाहता था। पढ़ने में बिलकुल मन नहीं लगता था। पिताजी कृषक थे।
अपने घर तथा पास के अन्य गांवों में अखंड नवधा रामायण में टीका करते थे। पिता जी के दिए हुए संस्कार रामायण के दोहा और चौपाई को पिताजी के माध्यम से कंठस्थ कर लिया था .
उत्तम वर्मा की जिंदगी में आई इतनी कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी जिस तरह से अपनी सफलता की कहानी बुनी है उसने इस बात को भी सिद्ध कर दिया है कि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं
CG Balodabazar Special News : होती। बता दें कि उत्तम कुमार बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति है संगीत से उन्हें काफी ज्यादा लगाव है। वहीं उनका चंडीगढ़ विवि से पीएचडी जारी है, वे यथा शीघ्र पीएचडी भी पूर्ण कर लेंगे।
अंत मे उत्तम की इस सफलता पर जन धारा परिवार उन्हें बधाई देता है तथा अन्य लोगों से कहना चाहता है कि इनसे प्रेरणा ले और लक्ष्य निर्धारित कर तब तक प्रयास करते रहे जब तक सफलता मिल नही जाती.