राजकुमार मल
Capacity measure : “क्षमता मापक” को लगा गहरा झटका, डिमांड में 25 फ़ीसदी गिरावट की खबर
Capacity measure : भाटापारा- भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के एक आदेश के बाद “क्षमता मापक” का बाजार सदमे में आ चुका है। खुले में खाद्य तेल की बिक्री पर बंदिश से इसकी डिमांड में जोरदार गिरावट के संकेत मिलने लगे हैं।
Capacity measure : पर्व और त्यौहार के मौसम में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण का नया फरमान खुले में खाद्य तेल बेचने वाली संस्थानों के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है। आदेश का परिपालन कितनी संस्थानें करतीं हैं ? इसकी जानकारी तो आने वाले दिनों में ही जानी जा सकेगी लेकिन फरमान का पहला असर “क्षमता मापक” पर पड़ता नजर आ रहा है क्योंकि खरीदी में एकबारगी 25 फ़ीसदी गिरावट की खबर आ रही है।
करते हैं उपयोग यह दो क्षेत्र
Capacity measure : दूध कारोबारी और खुले में खाद्य तेल बेचने वाली संस्थानें ही “क्षमता मापक” का उपयोग करतीं हैं। प्राधिकरण के फरमान के बाद अब खुले में खाद्य तेल बेचने वाली संस्थानों को इसका उपयोग छोड़ना होगा। कारोबार के लिहाज से इसे बनाने वाली यूनिटों के लिए आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाला फैसला माना जा रहा है क्योंकि रिटेल मार्केट ने नए आर्डर में कटौती के संकेत देने चालू कर दिए हैं।
पहले से ही है कम
Capacity measure : काउंटर बैलेंस और छोटी पैकिंग में तरल या द्रव्य खाद्य एवं पेय पदार्थों के उपयोग की वजह से यह क्षेत्र पहले से ही कमजोर बिक्री का सामना कर रहा है। दूध और खाद्य तेल की खुली बिक्री के दम पर चल रहीं क्षमता मापक बनाने वाली यूनिटों के हाथ में अब केवल दूध का ही बाजार रह गया है। इसलिए प्राधिकरण का आदेश गंभीर संकट बन चुका है।
टूटने लगी मांग
डेयरियां और ग्वालों की मांग के दम पर कैसे काम किया जा सकेगा ? जैसे सवालों पर चिंतन के बीच “क्षमता मापक” की खरीदी में 25 प्रतिशत की गिरावट आने की खबर आ रही है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के आदेश के बाद जिस तेवर के साथ खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जांच की शुरूआत की है, उससे राहत की उम्मीद तो फिलहाल नजर नहीं आ रही है।
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