(Budget Response) बजट प्रतिक्रिया :  केंद्र सरकार द्वारा किए गए बजट से जनता में निराशा

(Budget Response)

(Budget Response) बजट प्रतिक्रिया :  केंद्र सरकार द्वारा किए गए बजट से जनता में निराशा

(Budget Response) चारामा !  भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मनोज मण्डावी ने कहा है कि केंद्र सरकार का बजट क्षेत्र और जनता को निराश करने वाला है।

बजट आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखकर बनाया गया हैं।और आम।आदमी की बजाय बड़े बड़े उद्योगपतियों के लिए इस बजट में खास खयाल रखा गया हैं।

(Budget Response) कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता  राहुल गांधी जी निरंतर बेरोजगारी और मंहगाई का विषय उठाते रहे हैं। आज के बजट के आधार पर कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार ने अपने बजट में इन दोनों गंभीर, सामयिक व अनिवार्य विषयों की घनघोर उपेक्षा की है।

यह कहा जा सकता है कि आधी आबादी का प्रतिनिधित्व कर रही महिलाओं और देश के भविष्य युवाओं की उपेक्षा आने वाले चुनावों में भाजपा को भारी पड़ेगी।

केंद्र सरकार मात्र बड़ी- बड़ी बात करने में एक्सपर्ट है। पिछले बजटों में की गई घोषणाओं की पूर्ति कितनी हो पाई है, देश यह जानने का हकदार है। सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या किसानों की आय दोगुनी हो गई है?

(Budget Response) वही उन्होंने कहा केंद्रीय बजट में छत्तीसगढ़ की उपेक्षा की गई, एक तरफ तो प्रधानमंत्री मोदी जी ने मोटा अनाज कोदो, कुटकी, रागी जैसे फसल को बढ़ावा देने की बात करते है, मिलेट मिशन चलने की बात करते है और मन की बात में छत्तीसगढ़ के मिलेट कैफे की प्रशंसा करते है वही दूसरी तरफ मिलेट की खरीदी के समर्थन मूल्य का बजट में कोई प्रावधान नहीं करते है।

किसानों के द्वारा देश की राजधानी दिल्ली में MSP के गारंटी कानून पर एक साल तक एतिहासिक आंदोलन के बाद भी समर्थन मूल्य के गारंटी कानून पर सरकार ने चुप्पी साध ली है।

(Budget Response) उन्होंने कहा भाजपा देश में महंगाई और बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाकर केंद्र में सरकार बनाई परंतु भाजपा राज में दोनो समस्या जस की तस है बल्कि महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है जिससे भाजपा के कथनी और करनी में स्पष्ट रूप से अंतर दर्शित होता है।

उन्होंने कहा केंद्रीय मंत्री सीतारमण जी ने फिर वही पुराने दावे और वादे के साथ वर्ष 2023 का पेश किया जो आंकड़ों की एक बाजीगरी है।

उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की बात की थी, प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार उपलब्ध करने की बात हुई थी जिसमे कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई ।

(Budget Response)  देश को 2022 तक झुग्गी मुक्त करने का वादा किया गया था पर छत्तीसगढ़ के सात लाख ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले प्रधानमंत्री वास को वापस ले लिया गया । इस प्रकार इस बजट में देश के गांव, गरीब, ग्रामीण, मजदूर, किसान, युवा बेरोजगार, महिलाओं के लिए कुछ विशेष नहीं है। कुल मिलाकर केंद्र सरकार का बजट निराशा व हताशाजनक है।

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