BJP’s preparation at micro level भाजपा की तैयारी माइक्रो लेवल पर
BJP’s preparation कांग्रेस ने अभी अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी छोड़ें अगले दो महीने में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी भी कायदे से शुरू नहीं की है। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं तो कांग्रेस नेता उससे ऐसा माहौल बनने की संभावना देख रहे हैं, जिससे कांग्रेस के प्रति बनी नकारात्मक धारणा टूटे। राहुल को गंभीरता से लिया जाए और कांग्रेस के नेता एकजुट हों।
BJP’s preparation यह अगले चुनावों की बारीक तैयारियों का हिस्सा नहीं है। हां, इसे व्यापक या बड़ी तैयारी मैक्रो लेवल की तैयारी कह सकते हैं। इसके उलट भाजपा ने अगले लोकसभा चुनाव की माइक्रो लेवल की तैयारी शुरू कर दी है।
BJP’s preparation भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों का एक दौर पूरी कर लिया है। केंद्रीय मंत्रियों की टीम ने देश के उन 144 सीटों की दौरा किया है, जहां पिछले चुनाव में भाजपा दूसरे या तीसरे स्थान पर रही थी।
BJP’s preparation ऐसी सीटें ज्यादातर पश्चिम बंगाल, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक जैसे राज्यों की जिन गिनी-चुनी सीटों पर भाजपा हारी थी उन सीटों पर भी केंद्रीय मंत्रियों ने दौरा किया है, वहां समय बिताया है और पार्टी आलाकमान को अपनी फीडबैक दी है। अमित शाह और जेपी नड्डा ने खुद मंत्रियों से फीडबैक ली है।
पार्टी ने पिछली बार बारी 144 लोकसभा सीटों में से आधी से ज्यादा सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है। पार्टी ने इन सीटों में से 50 से 60 फीसदी सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
इन सीटों पर दूसरे दौर का सर्वे और बाकी तैयारियां जल्दी ही होंगी। इन सीटों के साथ साथ भाजपा पिछले चुनाव में जितनी सीटों पर लड़ी थी उनमें सबमें कुल 74 हजार कमजोर बूथ की पहचान की गई है।
इन कमजोर बूथों पर पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बनाने के लिए तीन मंत्रियों की एक अलग कमेटी बनी है। इस कमेटी ने भी पहले दौर का काम पूरा कर लिया है। सभी राज्यों के कमजोर बूथों के बारे में स्थानीय नेताओं को जानकारी भेजी गई थी और उनसे फीडबैक मंगाई गई है।
पार्टी ने स्थानीय विधायक और सांसद या पार्टी के हारे हुए प्रत्याशियों और अन्य नेताओं से इन बूथों के बारे में जानकारी मंगाई है। मतदाताओं की प्रोफाइलिंग की गई है और मुद्दों की पहचान की गई है। पार्टी ने तय किया है कि ऐसे हर बूथ पर कम से कम 30 लोगों को भाजपा के साथ जोड़ा जाएगा। स्थानीय नेता यह काम करेंगे।
सो, चाहे हारी हुई सीटें हों या जीती हुई सीटों के कमजोर बूथ हों भाजपा उन सब पर काम कर रही है। लोकसभा चुनाव में अभी डेढ़ साल से ज्यादा समय बाकी है लेकिन भाजपा ने अभी से माइक्रो स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है।