गोविन्द चौरसिया
Birthday special कमलनाथ जन्मदिन…जनता व जिले की चिन्ता करने वाला नेता
Birthday special कमलनाथ 1979 में पहली बार छिंदवाड़ा आये थे, उस समय इंदिरा गांधी और संजय गांधी भी थे, उस समय उनकी उम्र 33 वर्ष की थी, वे अब 76 वर्ष के हो रहे है। वे छिंदवाड़ा के निवासी हो गये और उन्हें 43 वर्ष हो गये जब वे छिंदवाड़ा आये थे तो कांग्रेस के नेता कृपाशंकर भार्गव के बगले में रूके थे, 1980 का पहला चुनाव संचालन उन्होने वहीे से किया था, चूकि संजय गांधी के मित्र थे, उन्हें छिंदवाड़ा में इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे के रूप में प्रस्तुत किया था, 1977 में देश में कांग्रेस ने दो सीटे जीती थी, जिसमें एक छिंदवाड़ा थी, यहां से नागपुर के निवासी गार्गीशंकर चुनाव जीते थे उन्हें छिंदवाड़ा से हटाना मुश्किल था, किन्तु संजय गांधी के कारण छिंदवाड़ा से हटाकर उन्हें सिवनी से लड़ाया गया, छिंदवाड़ा से कमलनाथ एवं सिवनी से गार्गीशंकर दोनों ही जीत गये थे।
Birthday special उस समय वे बहुत पावरफुल थे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और कमलनाथ के प्रभाव से जिले के चार विधायक प्रदेश सरकार में मंत्री बने, जिसमें विजय पाटनी, रेवनाथ चौरे, हाजी ईनायत और श्यामलाल वाल्मिकी थे।
Birthday special कमलनाथ संजय गांधी को छिंदवाड़ा लाना चाहते थे, उसके लिए उन्होने छिंदवाड़ा में हवाई पट्टी बनवाई, किन्तु दुर्भाग्य था कि संजय गांधी की दुर्घटना में मौत हो गई।
चूकि कमलनाथ उद्योगपति परिवार से थे, इसीलिए जिले के विकास का उनका अपना नजरिया था और छिंदवाड़ा के विकास की बहुत सी योजनायें लाई, चूकि प्रदेश में कांग्रेस का मंत्री मण्डल था,इसीलिए वे छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री कहलाते थे, उनकी बगैर मर्जी के छिंदवाड़ा में कुछ होता नहीं था।
Birthday special चुनाव जीतने के बाद वे पहली बार छिंदवाड़ा भोपाल होते हुये आये तो उनके स्वागत में उस समय लगभग 100 जीप एवं गाडिय़ां, मंत्री एवं प्रशासन उपस्थित था। कन्हरगांव परियोजना उनकी पहली उपलब्धि है, मुख्यमंंत्री अर्जुनसिंह ने उस समय उसका उद्घाटन किया था, कन्हरगांव पेयजल परियोजना नगर को पानी पिला रही है।
Birthday special 1980 में छोटी रेल लाईन छिंदवाड़ा में थी, कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से परासिया छोटी लाईन बड़ी रेल लाईन में बदलवाया और छिंदवाड़ा से भोपाल रेल चली, वे छिंदवाड़ा-नागपुर बड़ी रेल लाईन में बदलना चाहते थे किन्तु इंदिरा गांधी तैयार नहीं हुई।
प्रदेश में एवं केन्द्र में लम्बे समय तक कांग्रेस की सरकार रही तो उन्होने बहुत सी योजनाओं को छिंदवाड़ा जिले में लाया। छिंदवाड़ा जिले में सडक़ों, पेयजल, बिजली, व उद्योग में बहुत काम हुये। जो प्रदेश के अन्य जिलों में नहीं हुये। वे छिंदवाड़ा जिले से लगातार जीतते रहे उनके प्रचार में इंदिरा गांधी भी छिंदवाड़ा आई थी, उनका फिर दुर्भाग्य था इंदिराजी की हत्या हो गई।
Birthday special राजीव गांधी प्रधान मंत्री बने, वे भी छिदंवाड़ा आये, कमलनाथ जिले के विकास के बारे में नई-नई योजनायें लाते रहे और देश-विदेश में छिंदवाड़ा का नाम करते रहे, जब भी वे विदेश जाते तो हमेशा छिंदवाड़ा का नाम हमेशा लेते, देश में कमलनाथ को लोग छिंदवाड़ा के नाम से जानते हैं। कमलनाथ के मित्र जी.टी.व्ही के मालिक सुभाष चन्द्रा मुझे एक कार्यक्रम में धनवाद में मिले तो मैने बताया कि मैं छिंदवाड़ा से हूं तो उन्होने कहा कमलनाथ, मैने कहा हां, तो उन्होने कहा कि वे मेरे मित्र है।
Birthday special कमलनाथ ने देश-विदेश के बहुत से नेताओ, विद्वानों एवं दोस्तों को छिंदवाड़ा लाया और उन्हे छिदंवाड़ा का विकास दिखाया। वे हमेशा कहते है कि मैं छिंदवाड़ा वोटो से नहीं, छिंदवाड़ा के लोगों के प्यार के कारण जीतता हूं। छिंदवाड़ा में कमलनाथ का अपना 100 एकड़ में बंगला एवं फार्म हाऊस है। जहां उनका अपना हेलीपेड भी है। उन्होने मोरारी बापू एवं राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भी छिंदवाड़ा लाकर जनता से मिलवाया।
Birthday special कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, उनकी पुरानी इच्छा थी, परिस्थितियां बदली और वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने किन्तु उनकी सरकार डेढ़ वर्ष ही चल पाई और भाजपा की सरकार बन गई, कांग्रेस की सरकार बनते ही उन्होने छिंदवाड़ा जिले के लिए अनेकों योजनाओं को लाया और बजट भी दिया, किन्तु भाजपा सरकार ने सभी योजनाओं को रोक दिया।
उन पर यह भी आरोप लगता रहा कि वे प्रदेश नहीं छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री है, उन्होने इसकी चिन्ता नहीं कि और जिले के विकास में एक तरफा निर्णय लिया और विरोध की चिन्ता नहीं की। उन्होने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम किया और हजारों युवाओं नौकारी दिलवाई।
Birthday special वे चुनाव मैनेजमेन्ट प्रसिद्ध खिलाड़ी है कैसे चुनाव मैनेजमेन्ट किया जाता है उन्हें मालूम है, वे किसी भी चुनाव को गम्भीरता से लेते है, उन्हे पता है पद रहेगा तो सरकार में पूछ परख होगी, इसीलिए वे जिले में सांसद एवं विधायकों के चुनाव को बहुत गम्भीरता से लेते, कमलनाथ जिले के एक मात्र ऐसे नेता है, जिन्हें जिले की एक एक सडक़ एवं गांव की जानकारी है, उन्हें जिले का जितना अध्ययन है उतना किसी को नहीं है।
मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्होने सांसद की सीट छोड़ कर विधायक बने और अपने बेटे नकुलनाथ को सांसद बनवाया, आगामी विधानसभा चुनाव अगले वर्ष है जिसके लिए उन्होने अभी से योजना बनाना प्रारम्भ कर दी है। नकुलनाथ और कमलनाथ दोनों ही समय-समय पर छिंदवाड़ा आते है और संगठन पर नजर रखे हुये रहते है।
Birthday special 1979 से 2022 तक जिले में बहुत परिवर्तन हुआ, जिला विकास के नाम पर प्रदेश में अग्रणी है। कमलनाथ एक ऐसे नेता जो जिले की जनता के प्रिय है, और हमेशा जिले एवं आम जनता की चिन्ता करते हैं। उनके 76वे जन्मदिन पर बधाई एवं शुभकामनायें वे स्वस्थ्य रहें एवं दीर्घायु हो।
जब राजयोग होता है तब सत्ता मिलती है
राजनीति में जब राजयोग होता है तब ही पद मिलता है, छिंदवाड़ा ऐसा जिला है, जहां से पिता, पत्नि और बेटा सांसद एवं विधायक रहे हैं। छिंदवाड़ा से कमलनाथ, फिर उनकी पत्नि अलका नाथ एवं उनका बेटा नकुलनाथ सांसद है।
इसी तरह सौंसर विधानसभा से स्व. रेवनाथ चौरे, उनकी पत्नि श्रीमती कमला चौरे उनके पुत्र अजय चौरे एवं अब विजय चौरे विधायक है।